Last Updated on May 14, 2020 by admin
हाथ पैर में जलन क्यों होती है ? इसके कारण : hath pair mein jalan hone ka kya karan hai
वातावरण में उष्णता बढ़ने से शरीर में अनेक प्रकार के रोग निर्माण होते हैं। जैसे- आँखों में जलन होना, हाथ-पैर के तलुओं में जलन होना, पेशाब में जलन होकर पेशाब लाल रंग की होती है। अधिक प्यास लगना, वमन (उल्टी) होना, बार-बार शौच होना, लू लगने की तकलीफ होना।
हाथ व पैर के तलुओं में जलन के घरेलू नुस्खे| hath Pairon ke Talve ki Jalan Dur Karne ke Ghrelu Upay
पहला प्रयोग : तुकमरिया को भीगोकर पैर के तलुओं में बाँधें।
दूसरा प्रयोग : हाथ-पैर के तलुओं (Talve) में यदि जलन होती हो तो लौकी को कद्दूकस करके उसकी पट्टी बाँधने से अथवा रस चुपड़ने से खूब ठंडक मिलती है।
तीसरा प्रयोग : दो गिलास गर्म पानी में, एक चम्मच सरसों का तेल मिलाकर दोनों पैर इस पानी में रखें और पांच मिनट बाद धोएं। इससे पैर साफ हो जाएंगे, जलन दूर हो जाएगी।
चौथा प्रयोग : लौकी या घीया को काटकर इसका गूदा पैर के तलवों पर मलने से जलन दूर होती है।
पाँचवा प्रयोग : पैरों में जलन होने पर करेले के पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है।
छठा प्रयोग : करेले के पत्ते पीस कर लेप करने से भी लाभ होता है।
सातवा प्रयोग : गर्मी के दिनों में जिन लोगों के पैरों में निरंतर जलन होती है उन्हे पैरों में मेहंदी लगाने से लाभ होता है।
आठवां प्रयोग : हाथ-पैरों (Talve)में जलन आम की बौर रगडऩे से मिट जाती है।
नौवां प्रयोग : तलवों, हाथ पैरों में जलन हो तो घी मलने से मिट जाती है।
दसवां प्रयोग : मक्खन और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर दो चम्मच मिश्रण रोज चाटें।
ग्यारहवा प्रयोग : सुखी धनिया और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण की दो चम्मच मात्रा ठंडे पानी से रोज चार बार लें।
विशेष : गुलकंद ,पलाश शर्बत ,गुलाब सर्बत ,आमला मिश्री चूर्ण व रसायन चूर्ण शरीर की गर्मी को दूर करता है व इसके सेवन से तलवों की जलन दूर होती है |