Last Updated on February 1, 2024 by admin
तेजपत्ता क्या है ? : Bay leaf in Hindi
भारत की रसोई घरों में मसाले केवल स्वाद को बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। भारतीय रसोई घर में उपयोग किए जाने वाले मसाले बहुत सारी बीमारियों में रामबाण इलाज का काम भी करते है। आज हम आपको रसोई घर में उपयोग किए जानते वाले ऐसे ही एक मसाले तेजपत्ते के उपयोग के बारे मेें बताने जा रहे है।
तेजपत्ता का पेड़ कैसा होता है ?
तेजपत्ता का पेड़ हिमालय के पर्वतीय क्षेत्र में पाया जाता है। यह सिक्किम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भी पैदा होता है। तेजपत्ता सदा हरा रहने वाला पेड़ है। तेजपत्ता का मसालों में प्रयोग किया जाता है। तेजपत्ता का रंग हरा तथा ऊपरी भाग चिकना होता है। इस पर तीन स्पष्ट शिराएं दिखाई पड़ती है। इसमें लौंग तथा दालचीनी की तरह की खुश्बू होती है। तेजपत्ता को धूप में सुखाकर प्रयोग में लिया जाता है।
तेजपत्ता के गुण : Tej patta ke Gun in Hindi
- तेजपत्ता स्वाद में हल्का, तीखा व मीठा होता है।
- तेजपत्ता की प्रकृति गर्म होती है।
- तेजपत्ता वातानुलोमक, मस्तिष्क (दिमाग) को शक्ति देने वाला, पेशाब को साफ करने वाला तथा आमाशय को शक्ति देने वाला होता है।
- तेजपत्ता में दर्दनाशक तथा एंटी-ऑक्सीडेंड गुण पाए जाते हैं।
तेजपत्ता के उपयोग और आयुर्वेदिक नुस्खे : Tej patta ke Ayurvedic Nuskhe
- इसकी धूनी देने से गर्भवती के शीघ्र बच्चा पैदा हो जाता है ।
- इसको सदैव जीभ के नीचे रखने से तोतलापन और हकलापन मिट जाता है।
- इसको पीसकर सुरमें की भाँति आँख में लगाने से धुन्ध और जाला दूर होता है तथा नाखूना भी कट जाता है ।
- इसको पीसकर मंजन की भाँति प्रयोग करने से दाँत मजबूत होते हैं और दन्तकृमि (दाँतों का कीड़ा) नहीं लगता है।
- इसके निरन्तर सेवन से हृदय को शक्ति मिलती है और पागलपन में लाभ पहुँचता है।
- काँख (बगल) और जाँघ की दुर्गन्ध दूर करने के लिए तेजपात के बारीक चूर्ण को सिरके में मिलाकर लेप करना लाभप्रद है।
- वस्त्रों को सुवासित करने या कीड़ों से सुरक्षा हेतु कपड़ों में तेजपात रखना गुणकारी है तथा मुख की दुर्गन्ध निवारण हेतु इसे मुख में रखकर चूसना हितकारी है।
- सूखे तेजपात को बारीक पीसकर प्रत्येक तीसरे दिन (1 बार) मंजन करने से दाँत मोती की भाँति चमकने लगते हैं। | मुँह, नाक, गुदा अथवा मूत्रमार्ग अर्थात् शरीर के किसी भी मार्ग से रक्त निकलने (रक्तस्राव होने) पर 1 गिलास ठण्डे पानी में 1 चम्मच पिसा हुआ तेजपात मिलाकर प्रत्येक 3-3 घंटे पर सेवन कराना अत्यन्त लाभकारी है।
- इसके पत्ते का हलुवा बनाकर खिलाने से सर्दी का पागलपन मिटता है।
- तेजपात का काढ़ा बनाकर सेवन करने से पसीना आ जाता है और आँतों की खराबी से पेट फूलना, दस्त लगना आदि में आराम आ जाता है ।
- तेजपात की छाल का चूर्ण खिलाने से सांप और अफीम का विष (जहर) उतर जाता है।
- यदि जुकाम 4-5 दिनों का हो गया हो, छींकें अधिक आ रही हों, नाक बह रही हो अथवा सूखे जुकाम से नाक में जलन हो रही हो, सिर में भारीपन तथा जीभ बेस्वाद हो गई हो तो दिन में 4 बार (सुबह, दोपहर, शाम तथा रात्रि में सोते समय) तेजपात की चाय पीने से यह समस्त कष्ट दूर हो जाता है।
विधि- 60 ग्राम तेजपात को कूटकर तवे पर रखदें। थोड़ा सा सेकें फिर डिब्बे में बन्द करके सुरक्षित रखलें । 1 बार में 6 ग्राम तेजपात चूर्ण को 180 ग्राम जल में उबालें जब पानी अधिक जल जाए तब इसमें 1 तोला शक्कर तथा दूध डालकर एक उफान आने पर छानकर सुहाता-सुहाता पियें । (यही तेजपात की चाय है) उसको पीते समय तेज हवा से बचें तथा कानों को कपड़े से ढंकलें।
तेजपत्ता के फायदे : Tej patta ke Fayde in Hindi
1. कमर का दर्द : Kamar dard (Back pain) me tej patta ke fayde
10 ग्राम अजवायन, 5 ग्राम सौंफ तथा 10 ग्राम तेजपत्ता इन सब को कूट-पीसकर 1 लीटर पानी में उबालें। जब यह 100 ग्राम रह जाए तब इसे ठंडा करके पीएं इससे शीत लहर के कारण उत्पन्न कमर का दर्द ठीक हो जाता है।
2. मोच : moch me tej patta ke fayde
तेजपत्ता और लौंग को एक साथ पीसकर बना लेप बना लें। इस लेप को मोच वाले स्थान पर लगाएं इससे धीर-धीरे सूजन दूर हो जाती है और मोच ठीक हो जाता है।
3. मधुमेह (शूगर) का रोग : sugar me tej patta ke fayde
तेजपत्ता के पत्तों का चूर्ण 1-1 चुटकी सुबह, दोपहर तथा शाम को ताजे पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह रोग ठीक हो जाता है।
4. पेट के कीड़े : pet ke kide me tej patta ke fayde
तेजपत्ता और जैतून के तेल को मिलाकर गुदाद्वार पर लगाने से पेट के कीड़े मर कर बाहर निकल जाते हैं।
5. अपच : apach me tej patta ke fayde
तेजपत्ता (तेजपात) का पीसा हुआ चूर्ण 1 से 4 ग्राम सुबह और शाम सेवन करने से पेट की गैस तथा अपच (भोजन का न पचना) की समस्या दूर हो जाती है।
6. नाक के रोग : naak ke rog me tej patta ke fayde
लगभग 250 मिलीग्राम से 600 मिलीग्राम तक तेजपत्ता का चूर्ण सुबह और शाम खाने से और इसके फल के काढ़े से रोजाना 2-3 बार नाक को धोने से नाक के रोग ठीक हो जाते हैं।
7. मानसिक उन्माद (पागलपन) : pagalpan me tej patta ke fayde
तेजपत्ता को पानी के साथ पकाकर खाने से सर्दी के कारण हुआ पागलपन दूर हो जाता है।
8. बच्चों का रोना : bachon ke rog me tej patta ke fayde
- 2 से 3 ग्राम तेजपत्ता के चूर्ण को अदरक के रस और शहद के साथ बच्चो को खिलाने से बच्चों को होने वाले सभी रोगों में लाभ मिलता है।
- लगभग 3 ग्राम तेजपत्ता (तेजपात) का चूर्ण बच्चों को सुबह-शाम देने से बच्चें के सभी प्रकार के रोग ठीक हो सकते हैं।
9. सर्दी-जुकाम : sardi jukam me tej patta ke fayde
- चाय पत्ती की जगह (स्थान) तेजपत्ता के चूर्ण की चाय पीने से छीकें आना, नाक बहना, जलन, सिर दर्द दूर होता है।
- तेजपत्ता की छाल 5 ग्राम और छोटी पिप्पली 5 ग्राम को पीसकर 2 चम्मच शहद के साथ चटाने से खांसी और जुकाम नष्ट होता है।
- 1 से 4 ग्राम तेजपत्ता के चूर्ण को सुबह और शाम गुड़ के साथ खाने से धीरे-धीरे जुकाम ठीक हो जाता है।
10. सिर की जुंए :
तेजपत्ता के 5 से 6 पत्तों को 1 गिलास पानी में इतना उबालें कि पानी आधा रह जाये और इस पानी से प्रतिदिन सिर में मालिश करने के बाद स्नान करना चाहिए। इससे सिर की जुंए मरकर निकल जाती हैं।
11. आंखों के रोग : aankhon ke rog me tej patta ke fayde
तेजपत्ते को पीसकर आंख में लगाने से आंख का जाला और धुंध मिट जाती है। आंख में होने वाला नाखूना रोग भी इसके प्रयोग से कट जाता है।
12. रक्तस्राव (खून का बहना) : khoon behna me tej patta ke fayde
नाक, मुंह, मल व मूत्र किसी भी अंग से रक्त (खून) निकलने पर ठंडा पानी 1 गिलास में 1 चम्मच पिसा हुआ तेजपत्ता मिलाकर हर 3 घंटे के बाद से सेवन करने से खून का बहना बंद हो जाता है।
13. दांतों पर मैल जमना :
सूखे तेज पत्तों को बारीक पीसकर हर तीसरे दिन मंजन करना चाहिए। इसके उपयोग से दांत मोतियों की तरह चमकने लगते हैं।
14. दमा (श्वास) : dama me tej patta ke fayde
- तेजपत्ता और पीपल को 2-2 ग्राम की मात्रा में अदरक के मुरब्बे की चाशनी में छिड़ककर चटाने से दमा और श्वासनली के रोग ठीक हो जाते हैं।
- सूखे तेजपत्ता का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में 1 कप गरम दूध के साथ सुबह-शाम को प्रतिदिन खाने से श्वास और दमा रोग में लाभ मिलता है।
15. खांसी : khasi me tej patta ke fayde
- लगभग 1 चम्मच तेजपत्ता का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है।
- तेजपत्ता की छाल और पीपल को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर उसमें 3 ग्राम शहद मिलाकर चाटने से खांसी में आराम मिलता है।
- तेजपत्ता (तेजपत्ता) का चूर्ण 1 से 4 ग्राम की मात्रा सुबह-शाम शहद और अदरक के रस के साथ सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है।
- तेजपत्ता (तेजपत्ता) की छाल का काढ़ा सुबह तथा शाम के समय में पीने से खांसी और अफारा दूर हो जाता है।
- 60 ग्राम बिना बीज का मुनक्का, 60 ग्राम तेजपत्ता, 5 ग्राम पीपल का चूर्ण, 30 ग्राम कागजी बादाम या 5 ग्राम छोटी इलायची को एकसाथ पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इसके बाद इस चूर्ण को गुड़ में मिला दें। इसमें से चुटकी भर की मात्रा लेकर दूध के सेवन करने से खांसी आना बंद हो जाता है।
16. अफारा (पेट फूलना) : pet fulna me tej patta ke fayde
- तेजपत्ते का काढ़ा पीने से पसीना आता है और आंतों की खराबी दूर होती है जिसके फलस्वरूप पेट का फूलना तथा दस्त लगना आदि में लाभ मिलता है।
- तेजपत्ता का चूर्ण 1 से 4 ग्राम की मात्रा सुबह और शाम पीने से पेट में गैस बनने की शिकायत दूर होती है।
17. अरुचि (भूख न लगना) :
तेजपत्ता का रायता सुबह-शाम सेवन करने से अरुचि (भूख न लगना) दूर होती है।
18. उबकाई:
तेजपत्ता का चूर्ण 2 से 4 ग्राम फांकने से उबकाई मिटती है।
19. पीलिया और पथरी :
प्रतिदिन पांच से छ: तेजपत्ते चबाने से पीलिया और पथरी नष्ट हो जाती है।
20. प्रसव का दर्द :
तेजपत्ता की धूनी देने से स्त्री को प्रसव के समय होने वाला दर्द में आराम मिलता है।
21. गर्भाशय शुद्धि के लिए :
- तेजपत्ता का बारीक चूर्ण 1 से 3 ग्राम सुबह-शाम सेवन करने से गर्भाशय शुद्ध होता है।
- तेजपत्ता को पानी में डालकर उबालें। जब पानी हल्का गर्म रहे तब उस पानी को किसी टब आदि में डालकर उसमें बैठ जाए इससे गर्भाशय का दर्द (पीड़ा) ठीक होता है।
- प्रसूता (बच्चें को जन्म देने वाली महिला) को तेजपत्ता का काढ़ा लगभग 50 मिलीग्राम सुबह-शाम पिलाने से उसके शरीर में खून से सम्बंधित दोष तथा गर्भाशय के अन्य विकार नष्ट हो जाते हैं और गर्भाशय शुद्ध हो जाता है।
22. रक्तप्रदर (खूनी मासिकधर्म) : rakt pradar me tej patta ke fayde
गर्भाशय की शिथिलता के कारण यदि बार -बार या लगातार रक्तस्राव हो रहा है तो तेजपत्ता का चूर्ण 1 से 4 ग्राम सुबह-शाम ताजे पानी के साथ सेवन करने से गर्भाशय की शिथिलता दूर हो जाती है और रक्त प्रदर नष्ट हो जाता है।
23. गर्भाशय का ढीलापन :
गर्भाशय की शिथिलता (ढीलापन) को दूर करने के लिए तेजपत्ता का प्रयोग करना चाहिए। तेजपत्ता का चूर्ण 1 से 4 ग्राम सुबह-शाम सेवन करने से शिथिलता (ढीलापन) दूर हो जाती है। यदि गर्भाशय के शिथिलता (ढीलापन) के कारण गर्भपात हो रहा हो तो यह शिकायत भी इसके प्रयोग से दूर हो जाती है।
24. वायुगोला :
तेजपत्ते की छाल का चूर्ण 2 से 4 ग्राम फांकने से पेट में वायु का गोला बनने की समस्या दूर हो जाती है।
25. संधिवात (जोड़ों के दर्द) :
तेजपत्ते को जोड़ों पर लेप करने से संधिवात ठीक हो जाता है।
26. स्तनों को बढ़ाने के लिए : stano ko bada karne me tej patta ke fayde
- तेजपत्ता का चूर्ण सुबह तथा शाम सेवन करने से स्तनों के आकार में वृद्धि होती है।
- तेजपत्ता का तेल किसी अन्य तेल में मिलाकर उससे स्तनों की मालिश सुबह तथा शाम को करने से स्तन के आकार में वृद्धि होती है।
27. सिर का दर्द : sardard me tej patta ke fayde
- लगभग 10 ग्राम तेजपत्ता को पानी में पीसकर माथे पर लेप करने से ठण्ड या गर्मी के कारण होने वाला सिर दर्द में आराम मिलता है।
- तेजपत्ता की शाखा का छिलका निकालकर उसको पीसकर कुछ गर्म कर लें और इसे माथे के आगे के भाग में लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
28. बांझपन : banjhpan me tej patta ke fayde
बांझपन तथा गर्भपात की समस्या से पीड़ित स्त्री को तेजपत्ता का चूर्ण चौथाई चम्मच की मात्रा में 3 बार पानी के साथ प्रतिदिन सेवन कराएं। इससे कुछ महीने गर्भाशय की शिथिलता दूर होकर बांझपन तथा गर्भपात की समस्या दूर हो जाती है।
29. स्मरण-शक्तिवर्धक (याददाश्त को बढ़ाने के लिए) : smaran shakti badhane me tej patta ke fayde
तेजपत्ता को रोजाना भोजन के साथ सेवन करने से याददाश्त (स्मरणशक्ति) में वृद्धि होती है।
30. निमोनिया : nimoniya me tej patta ke fayde
तेजपत्ता, नागकेसर, बड़ी इलायची, कपूर, अगर, शीतल चीनी तथा लौंग सभी को मिलाकर तथा काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है।
31. मूत्ररोग : mutra rog me tej patta ke fayde
तेजपत्ता का चूर्ण खाने से पेशाब में चीनी बनना रुक जाता है। इससे मधुमेह में भी लाभ मिलता है।
32. हकलाना, तुतलाना : haklane me tej patta ke fayde
रुक-रुक कर बोलने वाले या हकलाने वाले व्यक्ति को तेजपत्ता जीभ के नीचे रखकर चूसना चाहिए इससे हकलाना तथा तुतलाना दूर होता है।
तेजपत्ता के दुष्प्रभाव : Tej patta ke Nuksan in Hindi
तेजपत्ता के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं फिर भी पित्त की अधिकता वाले रोगियों को इसका सेवन संभल कर करना चाहिये ।
दोषों को दूर करने वाला : मस्तगी और बिही का शर्बत तेजपत्ते के दोषों को दूर करता है।
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।