Last Updated on February 17, 2022 by admin
कब्ज का इलाज : kabj ka ilaj
हर एक रोगी आहार-विहार में असंयम के कारण कब्ज का शिकार होता है। कब्ज से ही दुनिया-भर की बीमारियाँ होती हैं। अपना आहार विहार सुसंयमित कर लें तो कभी कोई बीमारी नहीं होगी। असंयम के कारण कभी कोई रोग हो भी जाये तो प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से उसका धैर्यपूर्वक इलाज कराना चाहिए। ऐसा कोई रोग नहीं जो आयुर्वेदिक व प्राकृतिक चिकित्सा से अच्छा नहीं किया जा सकता हो। प्राकृतिक चिकित्सा प्राणीमात्र के लिए वरदान है। अतः पहले संयम से रहकर कब्ज मिटाइए। आइये जाने kabj ke ayurvedic gharelu upay के बारे में ।
कब्ज का घरेलु उपाय : kabj ka gharelu upay
1. पानी – कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। अत: रात का रखा हुआ सवा लीटर पानी हर रोज सुबह सूर्योदय से पूर्व बासी मुँह पीने से कभी कब्जियत नहीं होगी तथा अन्य रोगों से सुरक्षा होगी। ( और पढ़े – कब्ज दूर करने के घरेलू नुस्खे और 18 घरेलू उपाय )
2. त्रिफला चूर्ण – रात्रि में पानी के साथ 2 से 5 ग्राम “ त्रिफला चूर्ण” का सेवन करने से अथवा 3-4 तोला (40-50 ग्राम) मुनक्का (काली द्राक्ष) को रात्रि में ठण्डे पानी में भीगोकर सुबह उन्हें मसलकर, छानकर थोड़े दिन पीने से कब्जियत मिटती है।
3. हरड़ – एक हरड़ खाने अथवा 2 से 5 ग्राम “ हरड़ चूर्ण “को गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज मिटती है। शास्त्रों में कहा गया है ।
4. भोजन में रेशे – भोजन में रेशे की मात्रा ज्यादा रखने से कब्ज निवारण होता है।हरी पत्तेदार सब्जियों और फ़लों में प्रचुर रेशा पाया जाता है। मेरा सुझाव है कि अपने भोजन मे करीब 700 ग्राम हरी शाक या फ़ल या दोनो चीजे शामिल करें।
5. बेल – पका हुआ बिल्व फ़ल कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर मसलकर रस निकालकर नित्य ७ दिन तक पियें। कज मिटेगी।
6. अरंडी तेल – रात को सोते समय एक गिलास गरम दूध पियें। मल आंतों में चिपक रहा हो तो दूध में 3-4 चम्मच केस्टर आईल (अरंडी तेल) मिलाकर पीना चाहिये। हमेशा कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए बादाम का तेल बेहतर विकल्प है।
7. इसबगोल – इसबगोल की की भूसी कब्ज में परम हितकारी है। दूध या पानी के साथ २-३ चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लेना फ़ायदे मंद है। दस्त खुलासा होने लगता है।यह एक कुदरती रेशा है और आंतों की सक्रियता बढाता है। (इसे भी पढ़े : कब्ज का 41 रामबाण आयुर्वेदिक इलाज | kabj ka Ayurvedic ilaj)
8. नींबू –
- नींबू कब्ज में गुण्कारी है। मामुली गरम जल में एक नींबू निचोडकर दिन में 2-3 बार पियें। जरूर लाभ होगा।
- नीम्बू का रस गर्म पानी के साथ रात्रि में लेने से दस्त खुलकर आता हैं। नीम्बू का रस और शक्कर प्रत्येक 12 ग्राम एक गिलास पानी में मिलाकर रात को पीने से कुछ ही दिनों में पुरानी से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है।
9. दूध और घी – एक गिलास दूध में 1-2 चाम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पीने से भी कब्ज रोग का समाधान होता है।
10. शहद – एक कप गुनगुने जल मे 1 चम्म्च शहद मिलाकर पीने से कब्ज मिटती है। यह मिश्रण दिन मे 3 बार पीना हितकर है।
11. गुनगुना पानी – जल्दी सुबह उठकर एक लिटर मामूली गरम पानी पीकर 2-3 किलोमीटर घूमने जाएं। कब्ज का बेहतरीन उपचार है।
12. सेब – दो सेवफ़ल प्रतिदिन खाने से कब्ज में लाभ होता है।
13. पपीता – अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये अमॄत समान है। ये फ़ल दिन मे किसी भी समय खाये जा सकते हैं। इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और आंतों को शक्ति देते हैं। मल आसानी से विसर्जीत होता है।
14. अंगूर – अंगूर मे कब्ज निवारण के गुण हैं । सूखे अंगूर याने किश्मिश पानी में 3 घन्टे गलाकर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। जब तक बाजार मे अंगूर मिलें नियमित रूप से उपयोग करते रहें।
15. अलसी – अलसी के बीज का मिक्सर में पावडर बनालें। एक गिलास पानी मे 20 ग्राम के करीब यह पावडर डालें और 3- 4 घन्टे तक गलने के बाद छानकर यह पानी पी जाएं। बेहद उपकारी ईलाज है। अलसी में प्रचुर ओमेगा फ़ेटी एसिड्स होते हैं जो कब्ज निवारण में महती भूमिका निभाते हैं।
16. पालक – पालक का रस या पालक कच्चा खाने से कब्ज नाश होता है। एक गिलास पालक का रस रोज पीना उत्तम है। पुरानी से पुरानी कब्ज भी इस सरल उपचार से मिट जाती है।
17. अंजीर – अंजीर कब्ज हरण फ़ल है। 3-4 अंजीर फ़ल रात भर पानी में गलावें। सुबह खाएं। आंतों को गतिमान कर कब्ज का निवारण होता है।
18. मुनक्का – बड़ी मुनक्का पेट के लिए बहुत लाभप्रद होती है ।
19. कितना भी पुराना कब्ज हो “अच्युताय हरिओम शोधन कल्प चूर्ण ” रामबाण इलाज है ।
(दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)