Last Updated on October 31, 2021 by admin
आजकल बाजार में आनेवाले जंक (कूड़ा) फूड स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है । मुख्य रूप से मोटापा, ह्रदय सम्बन्धी बीमारियां, मधुमेह (शुगर) और रक्त चाप (ब्लड प्रेशर) की बीमारियां के लिए यह काफी हद तक दोषी होते हैं । उच्च तकनिकी के नाम पर, सफाई और लम्बे समय तक टिकाये रखने के लिए इनमें जो रसायन मिलाये जाते हैं, वे सभी स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं । इनके स्थान पर घर का बना शुद्ध, साफ सुथरा एवं ताजा भोजन करें और ठन्डे पेयों में मठ्ठा, लस्सी, शरबत और औषधिय पेय पियें ।
घर का ताजा खाना खाएं और सबसे अच्छा तो यह है की भोजन बनने के 48 मिनट के अन्दर खा लेना चाहिए उसके बाद उसकी पोषकता नष्ट होती जाती है । 12 घंटे बाद तो यह भोजन पशुओं के खाने लायक भी नहीं रहता इसलिए बासी खाने से बचना चाहिए । इसके साथ साथ मैगी या नुडल्स जैसे खाद्य पदार्थों से भी बचे। क्योंकि आयुर्वेदानुसार मैदा से बने सभी पदार्थ सभी के लिए निषेध हैं।
अभिभाबकों के लिए :- मैदा में कफ बिगाड़ने की प्रबल प्रवत्ति होने के कारण इसका सेवन बच्चों को किशोरावस्था (14 वर्ष) तक तो गलती से भी न करने दें ।
जंक फूड खाने के दुष्प्रभाव :
चलिए देखते हैं कि कैसे जंक फूड आपको शरीर को बीमारियों का घर बनाने में अहम् भूमिका बनाते हैं-
1. थकान –
जंक फूड आपके भूख को तो मिटाते हैं लेकिन इसमें ज़रूरी प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड बिल्कुल नहीं होता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। हमेशा जंक फूड खाने से आपके शरीर की ऊर्जा खत्म होने लगती हैं जिसके फलस्वरूप आप थकान महसूस करने लगते हैं। पढ़े- इन 10 कारणों से वजन घटना भी हो सकती है गंभीर समस्या
2. अवसाद –
किशोर वर्गों में जंक फूड खाने का चलन बहुत ज़्यादा होता है। इससे उनके शरीर के हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। फलस्वरूप स्वभाव में बदलाव और मन के भाव के बार-बार बदलाव (mood swings) होने लगता है। लेकिन हेल्दी खाना खाने से हार्मोन का संतुलन ठीक रहता है। शरीर को ज़रूरी पौष्टिकता तो मिलता ही है साथ ही अवसाद आदि की समस्या भी नहीं होती है।
3. एसीडिटी –
जंक फूड खाने से हजम शक्ति दुर्बल होने के साथ-साथ पेट की गड़बड़ी की समस्या रोजमर्रा के जिंदगी का अंश बन जाता है। क्योंकि जंक फूड एक ही तेल में बार-बार डीप फ्राइ किया जाता है। यह तेल पेट में जाकर जमा हो जाता है और इसमें फाइबर की मात्रा शुन्य के बराबर होने के कारण हजम करने में भी मुश्किल होता है।
4. ब्लड-शगुर –
जंक फूड में उच्च मात्रा में रिफाइन्ड शुगर होता है जो चयापचय (metabolism) के दर को कम कर देता है। जंक फूड कार्बोहाइड्रेड और प्रोटीन के स्तर को गिरा देता है जिसके फलस्वरूप और भूख लगती है और लोग ज़्यादा जंक फूड खा लेते हैं।
5. मस्तिष्क –
हाल के अनुसंधान से पता चला है कि जंक फूड खाने से ब्रेन के हेल्दी फैट के जगह पर बैड फैट जगह ले लेता है जिससे मस्तिष्क के सामान्य कार्यकलाप में बाधा उत्पन्न होने लगता है।
6. हृदय संबंधी बीमारी –
जंक फूड खाने से दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि जंक फूड में कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसेराइड प्रचुर मात्रा में होता है।इससे मोटापा होने और बढ़ने की आंशका बढ़ जाती है।
7. लीवर –
इसमें जो ट्रांस फैट होता है वह लीवर में जम होता है जिसके फलस्वरूप लीवर के सामान्य कार्य में बाधा उत्पन्न होती है।
8. टाइप-2 डाइबीटिज़ –
जब आप हेल्दी फूड खाते हैं तब शरीर को ग्लूकोज़ मिलता है जो इन्सुलिन को नियंत्रित रखता है। लेकिन जब चयापचय का स्तर प्रभावित होता है तब शरीर इन्सुलिन का इस्तेमाल अच्छी तरह से कर नहीं पाता है फलस्वरूप डाइबीटिज होने का खतरा बढ़ जाता है।
9. कैंसर –
हाल के अनुसंधान से पता चला है कि उच्च मात्रा में शुगर और फैट युक्त खाना खाने से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।