Last Updated on August 14, 2022 by admin
>शक्तिशाली व गोरे पुत्र की प्राप्ति के लिएः गर्भिणी पलाश के एक ताजे कोमल पत्ते को पीसकर गाय के दूध के साथ रोज ले। इससे बालक शक्तिशाली और गोरा उत्पन्न होता है। माता-पिता भले काले वर्ण के हों लेकिन बालक गोरा होता है। इसके साथ आश्रमनिर्मित सुवर्णप्राश की 2-2 गोलियाँ लेने से संतान तेजस्वी होगी।
>हृष्ट-पुष्ट व गोरी संतान पाने हेतुः गर्भिणी रोज प्रातःकाल थोड़ा नारियल और मिश्री चबा के खाये तो गर्भस्थ शिशु हृष्ट-पुष्ट और गोरा होता है। (अष्टमी को नारियल खाना वर्जित है।)
>सुंदर व तीव्रबुद्धि संतान प्राप्त करने हेतुः गर्भिणी गर्मियों में 100 मि.ली गाय के दूध में 100 मि.ली. पानी मिलाकर एक चम्मच गाय का घी मिला के पिये तो पेट में जो शिशु बढ़ रहा है वह कोमल त्वचा वाला, सुंदर, तेजस्वी व बड़ा बुद्धिमान होगा। दूध पीने के 2 घंटे पहले और बाद में कुछ न खायें।
>त्वचा की कांति के लिएः 10-10 ग्राम सौंफ सुबह-शाम खूब चबा-चबाकर नियमित रूप से खाने से त्वचा कांतिमय बनती है। गर्भवती स्त्री यदि पूरे गर्भकाल में सौंफ का सेवन करे तो शिशु गोरे रंग का होता है। साथ ही जी मिचलाना, उल्टी, अरुचि जैसी शिकायतें नहीं होतीं और रक्त शुद्ध होता है।
>गौर-वर्ण संतान की प्राप्ति के लिए गर्भिणी प्रथम 3 मास तकः
जहाँ तक हो सके हरे नारियल का पानी पिये।
देशी बबूल के 2 ग्राम कोमल पत्ते रोज खाये।
आँवले का अथवा केसरयुक्त दूध का सेवन जहाँ तक हो सके करे।
>उपर्युक्त प्रयोगों के साथ यदि गर्भिणी स्त्री सत्संग की पुस्तकें पढ़ती है तो शिशु मेधावी व सुसंस्कारी होगा। ऐसे बालकों की विश्व को जरूरत है।