Last Updated on April 22, 2020 by admin
थायराइड क्या है इन हिंदी : Thyroid Kya Hai in Hindi
थाइराइड गले का रोग है। थाइराइड (अवटू) ग्रंथि स्वरयंत्र (आवाज यंत्र) के ठीक नीचे सांस की नली के अगल-बगल में बाहर की ओर होती है। थाइराइड ग्रंथि के अन्दर से थायरोक्सिन (टी-4) और ट्रीआयोड थायरोक्सिन (टी-4) नामक हार्मोन्स बड़ी मात्रा में निकलते रहते हैं। इन दोनों हार्मोन्स का शरीर की चयापचयी (पाचनक्रिया) दर पर तेज प्रभाव पड़ता है। इसमें ऊतकों का निर्माण, ऊर्जा शक्ति का भंडारण, ऊतकों का मिलना और कोषों में उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग करने की क्षमता रहती है। साथ ही यह केलसीटोनिन नामक एक अन्य हार्मोन्स भी बाहर छोड़ता है, जो कैल्शियम की चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे निकलने वाले हार्मोन्स की कमी के कारण चयापचायी क्रिया सामान्य से 50 प्रतिशत कम हो जाती है, जबकि इससे निकलने वाले हारमोन्स में अधिकता होने से पाचनक्रिया (चयापचाय) सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक हो जाती है। थाइराइड ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स का नियंत्रण पिट्युटरी ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन्स से होता है।
थायराइड रोग क्या है : Thyroid Rog Kya Hai
जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसकी थाइराइड ग्रन्थि में वृद्धि हो जाती है जिसके कारण शरीर के कार्यकलापों में बहुत अधिक परिवर्तन आ जाता है। यह रोग स्त्रियों में अधिक होता है। यह रजोनिवृति के समय, शारीरिक तनाव, गर्भावस्था के समय, यौवन प्रवेश के समय बहुत अधिक प्रभाव डालता है।
थायराइड रोग के प्रकार : Thyroid Rog ke Prakar
Types of Thyroid problems in Hindi
थाइराइड रोग निम्न 3 प्रकार के होते है :-
1- थाइराइड का बढ़ना
2- थाइराइड का सिकुड़ना
3- गलगंड
थाइराइड का बढ़ना क्या है ? Thyroid ka Badhna kya hai
इस रोग के होने पर थाइराइड ग्रन्थि द्वारा ज्यादा हारमोन्स स्राव होने लगता है।
थायराइड बढ़ने के लक्षण : Thyroid Badhne ke Lakshan
- इस रोग से पीड़ित रोगी का वजन कम होने लगता है।
- शरीर में अधिक कमजोरी होने लगती है।
- गर्मी सहन नहीं होती है।
- शरीर से अधिक पसीना आने लगता है।
- अंगुलियों में अधिक कंपकपी होने लगती है तथा घबराहट होने लगती है।
- इस रोग के कारण रोगी का हृदय बढ़ जाता है।
- रोगी व्यक्ति को पेशाब बार-बार आने लगता है।
- याददाश्त कमजोर होने लगती है।
- भूख नहीं लगती है।
- उच्च रक्तचाप का रोग हो जाता है।
- कई बार तो इस रोग के कारण रोगी के बाल भी झड़ने लगते हैं।
- इस रोग के हो जाने पर स्त्रियों के मासिकधर्म में गड़बड़ी होने लगती है।
थाइराइड का सिकुड़ना क्या है ?
इस रोग के हो जाने पर थाइराइड ग्रन्थि के द्वारा कम हारमोन बनने लगते हैं।
थाइराइड सिकुड़ने के लक्षण :
- इस रोग के होने पर रोगी व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है।
- उसे सर्दी लगने लगती है।
- रोगी के पेट में कब्ज बनने लगती है।
- रोगी के बाल रुखे-सूखे हो जाते हैं।
- अलावा रोगी की कमर में दर्द ।
- नब्ज की गति धीमी हो जाना।
- जोड़ों में अकड़न ।
- चेहरे पर सूजन हो जाना आदि लक्षण प्रकट हो जाते हैं।
घेँघा (गलगंड) क्या है ? Galgand Kya Hai in Hindi
इस रोग के कारण थाइराइड ग्रन्थि में सूजन आ जाती है तथा यह सूजन गले पर हो जाती है। इस रोग से पीड़ित रोगी के गले पर कभी-कभी यह सूजन नज़र नहीं आती है लेकिन त्वचा पर यह महसूस की जा सकती है।
घेघा (गलगंड) रोग के लक्षण : Galgand ke Lakshan
Thyroid Symptoms in Hindi
- इस रोग से पीड़ित रोगी की एकाग्रता शक्ति (सोचने की शक्ति) कमजोर हो जाती है।
- रोगी को आलस्य आने लगता है तथा उसे उदासी भी हो जाती है।
- रोगी व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है ।
- मानसिक संतुलन खो जाता है और वजन भी कम होने लगता है।
- किसी भी कार्य को करने में रोगी का मन नहीं करता है।
- धीरे-धीरे शरीर के भीतरी भागों में रुकावट आने लगती है।
थाइराइड रोग होने का कारण : Thyroid Rog ke Karan
Thyroid Causes in Hindi
- यह रोग अधिकतर शरीर में आयोडीन की कमी के कारण होता है।
- यह रोग उन व्यक्तियों को भी हो जाता है जो अधिकतर पका हुआ भोजन करते हैं तथा प्राकृतिक भोजन बिल्कुल नहीं करते हैं। प्राकृतिक भोजन करने से शरीर में आवश्यकतानुसार आयोडीन मिल जाता है लेकिन पका हुआ खाने में आयोडीन नष्ट हो जाता है।
- मानसिक, भावनात्मक तनाव, गलत तरीके से खान-पान तथा दूषित भोजन का सेवन करने के कारण भी यह रोग हो सकता है।
थायराइड का इलाज : Thyroid Rog ka Gharelu Upchar
Thyroid Home Remedy in hindi इसके लिए निम्नलिखित घरेलू उपचार है:-
- इस रोग से पीड़ित रोगी को कम से कम 1 वर्ष तक फल, सलाद, तथा अंकुरित भोजन का सेवन करना चाहिए।
- सिंघाड़ा, मखाना तथा कमलगट्टे का सेवन करना भी लाभदायक होता है।
- 1 कप पालक के रस में 1 बड़ा चम्मच शहद मिलाकर फिर चुटकी भर जीरे का चूर्ण मिलाकर प्रतिदिन रात के समय में सोने से पहले सेवन करने से थाइराइड रोग ठीक हो जाता है।
- 1 गिलास पानी में 2 चम्मच साबुत धनिये को रात के समय में भिगोकर रख दें तथा सुबह के समय में इसे मसलकर उबाल लें। फिर जब पानी चौथाई भाग रह जाये तो खाली पेट इसे पी लें तथा गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें। इस प्रकार से प्रतिदिन उपचार करने से थाइराइड रोग ठीक हो जाता है।
- मीठे अंगूर तथा सेब खाना ठीक रहेगा।
- पपीता तथा आंवला भी इस रोग में फायदा करता है।
- नाशपाती तथा चुकंदर भी इस रोग में लाभकारी रहता है।
- 250 ग्रा. पानी में 2 बड़े चम्मच सूखा धनिया डालकर उबालें। इस पानी को धीरे-धीरे पिएं।
- यदि आप नियमित सैर, व्यायाम तथा योगासन कर सकें, तो बहुत अच्छा है। योगासनों में हलासन तथा सर्गावासन बहुत उपयोगी होते है।
थायराइड से बचने के उपाय : Thyroid se Bachne ke Upay
Prevention of Thyroid in Hindi
- धूम्रपान बंद करें: धूम्रपान थायराइड को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. इस के साथ ही निकोटिन शरीर से आयोडीन को अवशोषित करता है, जिस से हारमोन का स्राव प्रभावित होता है. यह सब से सामान्य कारण है, जो बांझपन की समस्या पैदा करने में मदद करता है ।
- बोतलबंद पानी पीना : इस पानी में मौजूद फ्लोराइड और परक्लोरेट वे तत्त्व हैं, जो हाइपोथायराइडिज्म को ट्रिगर करते हैं या थायराइड से संबंधित दूसरी समस्याओं का कारण बनते हैं ।
- सीमित मात्रा में करें आयोडीन का सेवन : हमेशा ध्यान रखें कि आयोडीन का सेवन सीमित मात्रा में करना है. अधिक या कम मात्रा में आयोडीन का सेवन आयोडीन संबंधी गड़बड़ियों की आशंका बढ़ा देता है ।
- थाइराइड रोगों से पीड़ित रोगी को तली-भुनी चीजें, मैदा, चीनी, चाय, कॉफी, शराब, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस रोग से पीड़ित रोगी को अधिक से अधिक आराम करना चाहिए ताकि थकावट न आ सके और रोगी व्यक्ति को पूरी नींद लेनी चाहिए।
- मानसिक, शारीरिक परेशानी तथा भावनात्मक तनाव यदि रोगी व्यक्ति को है तो उसे दूर करना चाहिए ।
- सादा, ताजा तथा सुपाच्य भोजन खाएं। भोजन की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए।
- भारी, तथा अधिक मिर्च-मसालों वाला भोजन नहीं करना चाहिए।
- ठंडे पेय पदार्थ, बर्फ वाले पेय जल, बर्फ तथा बहुत ठंडे शरबत नहीं लेने चाहिए।
थायराइड की आयुर्वेदिक दवा : Thyroid ki Dawai
Thyroid Treatment in Hindi थायराइड का आयुर्वेदिक उपचार
अच्युताय हरिओम फार्मा द्वारा निर्मित थायराइड में शीघ्र राहत देने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधि “तुलसी अर्क (Tulsi Ark)”
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)