यूरिनरी रिटेंशन (मूत्रावरोध) का आयुर्वेदिक घरेलू उपचार – Urinary Retention ka Ayurvedic Ilaj in Hindi

Last Updated on August 17, 2022 by admin

यूरिनरी रिटेंशन (मूत्रावरोध) क्या है ? (Urinary Retention in Hindi)

मूत्राशय (वह स्थान जहां पेशाब एकत्रित होता है) में पेशाब जमा हो लेकिन किसी भी कारण से बाहर नहीं निकल रहा हो तो मूत्रावरोध (पेशाब का रुक जाना) कहलाता है। युवकों में सूजाक और बूढ़ों में प्रोस्टेट ग्रन्थि के कारण ऐसा होता सकता है।

यूरिनरी रिटेंशन (मूत्रावरोध) का उपचार (Urinary Retention ka Ilaj)

peshab rukne ka ilaj

1. इलायची :

  • 2 छोटी इलायची को पीसकर फंकी के रूप में दूध के साथ लेने से पेशाब खुलकर आता है और पेशाब करते समय होने वाली जलन भी दूर हो जाती है।
  • इलायची के दाने और सोंठ को बराबर मात्रा में लेकर अनार के रस या दही के निथरे पानी में सेंधानमक के साथ मिलाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है और मूत्राघात मिट जाता है।
  • 10 पीसी हुई इलायची को ले लें। इसके बाद इसें 250 मिलीलीटर पानी और 250 मिलीलीटर दूध में डाल दें। इसका काढ़ा बना कर दिन में 4 बार सेवन करने से पेशाब की जलन और पेशाब रुक-रुक कर आने का रोग ठीक हो जाता है।
  • 5 इलायची और 11 तरबूज के बीजों को एकसाथ पीसकर उसमें 250 मिलीलीटर पानी और 250 मिलीलीटर दूध मिलाकर आधा शेष रहने तक पकाऐं। बाद में इसे पीने से पेशाब अच्छी तरह खुलकर आता है और पेशाब के समय होने वाली जलन और पेशाब के साथ धातु का जाना आदि दोष दूर होते हैं।

2. जौ : जौ का पानी, नारियल का पानी, गन्ने का रस और कुल्थी को पानी के साथ लेने से पेशाब के कम आने के रोग में लाभ होता है।

3. छाछ : भोजन के साथ ज्यादा पानी वाले छाछ मे थोड़ा हरा धनिया मिलाकर पीने से पेशाब के कम आने के रोग में लाभ मिलता है।

4. जीरा :

  • 2 ग्राम जीरा और 2 ग्राम मिश्री के दानों को पीसकर ठंडे पानी के साथ दिन में 3 बार फंकी के रूप में लेने से रुका हुआ पेशाब खुलकर आने लग जाता है और पेशाब की जलन मिट जाती है।
  • सफेद जीरा को पीसकर आधा से 2 ग्राम की मात्रा में मिश्री के साथ बार-बार पीने से पेशाब की रुकावट दूर हो जाती है।

5. मूली :

  • 1 चम्मच मूली के रस में 1 चम्मच शलगम का रस मिलाकर पीने से पेशाब के कम आने के रोग में लाभ होता है।
  • गुर्दे की खराबी से यदि पेशाब बनना बंद हो जाये तो मूली या मूली के पत्तों का रस 60 ग्राम की मात्रा से पीने से गुर्दा फिर से काम करने लगता है। इससे पेशाब की जलन और पीड़ा भी मिट जाती है।
  • मूली के पत्तों का रस 20 से 40 मिलीलीटर सुबह शाम पीने से या मूली के बीज का चूर्ण 1 से 3 ग्राम सुबह-शाम खाने से पेशाब खुलकर आता है।

6. एरण्ड : 25 से 50 ग्राम तक एरण्ड गर्म पानी में मिलाकर पीने से 15 बीस मिनट में ही मूत्र खुल जाता है। यह जल्द आराम देता है।

7. अंगूर : पेशाब खुलकर लाने के लिये आधा कप अंगूर का रस लगभग 7 दिन तक पीने से लाभ होता है।

8. खरबूजा : 20 ग्राम खरबूजे की गिरी लेकर कूट-पीसकर रख लें। इसके बाद पानी में उबालकर पीने से पेशाब खुलकर आता है।

9. खीरे : खीरे के 10 ग्राम बीजों को लेकर 1 गिलास पानी में भिगो दें। सुबह इस पानी को गर्म करके और छानकर पीने से पेशाब खुलकर आता है और पेशाब की जलन भी दूर होती है।

10. कलमीशोरा :

  • आधा चम्मच कलमीशोरा को पानी में डालकर पीने से पेशाब खुलकर आ जाता है।
  • अगर पेशाब पूरी तरह बंद हो गया हो तो 10 ग्राम कलमीशोरा को 250 ग्राम भर दूध में घोलकर या 1 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाकर बार-बार पीते रहें। ध्यान रहें कि इस घोल में चीनी या मिश्री न डालें।

11. बबूल : बबूल की थोड़ी कच्ची फलियों को सुखा लें। फिर इसे कूटकर घी में भून लें। इसमें बराबर मात्रा में चीनी मिलाकर खाने से पेशाब के रुक-रुककर आने के रोग में लाभ होता है।

12. केले :

  • पेशाब साफ होने के लिये केले के 2 चम्मच रस में जरा-सा नमक डालकर पीने से लाभ होता है।
  • 4 चम्मच केले के तने का रस और 2 चम्मच घी को मिलाकर पीने से बंद हुआ पेशाब खुलकर आता है। यह मूत्राघात (पेशाब में धातु का आना) पर उत्तम प्रयोग है। इस रस में मिला हुआ घी पेट में नहीं ठहर पाता और पेशाब शीघ्र आ जाता है।

13. ककड़ी : आधा कप ककड़ी का रस रोजाना पीने से पेशाब खुलकर आता है।

14. पत्तागोभी : पत्तागोभी बिना मिर्च-मसाले के घी में भूनकर खाने से पेशाब के रोग दूर हो जाते हैं।

15. गाजर : गाजर का रस 250 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना पीने से पेशाब से सम्बंधी रोग खत्म हो जाते हैं।

16. नींबू : नींबू के बीजों को पीसकर नाभि पर लगाने से रुका हुआ पेशाब खुलकर आने लगता है।

17. सोना गेरू : सोना गेरू 60 ग्राम, शीतल चीनी 20 ग्राम, देशी कपूर 2 ग्राम आदि को बारीक पीसकर 1-1 चम्मच लस्सी के साथ लेने से पेशाब कम आने का रोग दूर हो जाता है।

18. पलास : पलास की सूखी कोंपलें, गोंद तथा छाल को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसमें से 1 चम्मच चूर्ण लेकर दूध के साथ खाने से मूत्रकृच्छता यानी पेशाब मे जलन या कष्ट होने का रोग ठीक हो जाता है।

19. कुलफा : कुलफा के साग का रस रोजाना एक चम्मच की मात्रा में पीने से पेशाब कम आने का रोग ठीक हो जाता है।

20. बेल : बेल के 8-10 पत्तों की पानी के साथ चटनी बनायें। फिर उसमें 4-5 काली मिर्च का चूर्ण और 2 चम्मच शहद डालकर खाने से पेशाब कम आने के रोग में लाभ होता हैं।

21. ब्राह्मी : 4 ग्राम ब्राह्मी का रस शहद के साथ चाटने से पेशाब खुलकर आता है।

22. ईसबगोल : 2-3 चम्मच ईसबगोल की भूसी को 1 गिलास पानी में भिगो दें। फिर उसमें शक्कर डालकर पीने से पेशाब खुलकर आने लगता है।

23. चुकन्दर : 1 चुकन्दर का रस, 1 चम्मच आंवले का रस और 1 चम्मच चौलाई के साग का रस मिलाकर पीने से पेशाब कम आने का रोग दूर हो जाता है।

24. अनार : 10-10 ग्राम अनार की कली, सफेद चन्दन की भूसी, वंशलोचन और बबूल का गोंद 10-10 ग्राम धनिया और 5 ग्राम मेथी कपूर को आंवले के थोड़े-से रस में घोट लें। फिर बड़े चने के बराबर की गोलियां बना लें। फिर 2-2 गोलियों को रोजाना दिन में पानी के साथ सेवन करने से पेशाब के कम आने के रोग में छुटकारा मिलता है।

25. हल्दी : 100 ग्राम पिसी हल्दी, 250 ग्राम काले तिल और 100 ग्राम पुराने गु़ड़ को कूट-पीसकर तवे पर सूखा भून लें। इसमें से रोजाना 1 चम्मच चूर्ण सुबह के समय खाने से सभी तरह के पेशाब रोग दूर हो जाते हैं।

26. सौंफ : सौंफ के पत्ते को पानी में घोंटकर पीने से पेशाब खुलकर आता है।

27. चनसून : चनसून के पत्ते को पानी में घोंटकर पीने से पेशाब खुलकर आने लगता है और इसके साथ ही मूत्राशय पर इसके पत्ते को पीसकर लेप करना भी लाभकारी रहता है।

28. हाऊबेर : 2 से 6 ग्राम हाऊबेर के चूर्ण को रोजाना सुबह में एक मात्रा में लेने से पेशाब खुलकर आता हैं। इसकी क्रिया सीधे गुर्दे पर होती है। यदि गुर्दे में सूजन हो तो इसका प्रयोग करना उचित नहीं होता है।

29. वायबिडंग : वायबिडंग का ताजा रस स्वभाव से शीतल और पेशाब को लाने वाला होता है।

30. त्रिफला : त्रिफला के जड़ की छाल का चूर्ण 10 से 20 ग्राम की मात्रा में फांट या घोल बनाकर रोजाना 1 बार खाने से पेशाब खुलकर आता है।

31. गोरखबूटी : गोरखबूटी की जड़ का काढ़ा पीने से पेशाब ज्यादा मात्रा में आता है।

32. कुसुम : 2 से 4 ग्राम कुसुम के बीजों को रोजाना दिन में 2 से 3 बार अंगूर के रस के साथ खाने से पेशाब खुलकर आता है।

33. चन्दन : चावल के धुले पानी में 20 ग्राम चन्दन को घिसकर मिश्री और शहद मिलाकर सुबह शाम खाने से पेशाब खुलकर आता है।

34. छरीला : पेशाब अगर रुक जाता है तो 10 ग्राम छरीला के फांट या घोल में मिश्री और जीरा मिलाकर पीने से लाभ होता है। छरीला को गर्म पानी में भिगोकर मूत्रशाय पर बांधने से लाभ होता है।

35. लाभज्ज : द्राक्षासव में लाभज्ज पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) का काढ़ा मिलाकर गर्म करके पीने से पेशाब खुलकर आता है। इसे प्रत्येक 20 ग्राम से 30 ग्राम की मात्रा में लेने से लाभ होता हैं।

36. केवटीमोथा : केवटीमोथा के बीज की फांट या घोल को सुबह और शाम मिश्री को मिलाकर पीने से मूत्रघात (पेशाब में धातु का आना) में लाभ होता है।

37. गिलोय : 100 ग्राम ताजा और साफ गिलोय का काढ़ा और 100 ग्राम अनन्तमूल के चूर्ण को 1 लीटर उबलते पानी में मिलाकर बंद बर्तन में रख कर छोड़ दें। 2 घंटे बाद इसे मसलकर और छानकर रख लें। इसको 50 से 100 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना 3 बार खाने से पेशाब खुलकर आने लगता है।

38. छोटी गोखरू : छोटी गोखरू के फल की फांट या घोल को सुबह और शाम लेने से पेशाब खुलकर आता है।

39. बड़े गोखरू : बड़ी गोखरू के फल का काढ़ा बनाते समय नागरमोथा और मुलेठी का योग देकर काढ़ा तैयार करें। इस मिश्रित योग से तैयार काढ़े को सुबह और शाम सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है।

40. केवांच : केवांच की जड़ का काढ़ा या रस सुबह-शाम सेवन करने से पेशाब खुलकर आने लगता है। यह गुर्दे के रोगों को भी दूर करने में लाभदायक होता है। इसके साथ-साथ इसको पेट पर नाभि के दायें-बायें लेप करना भी लाभकारी रहता है।

41. गुलशकरी (बनमेथी) : गुलशकरी (बनमेथी) के पत्ते को पीसकर पीने से पेशाब खुलकर आता है।

42. रोहिस घास : रोहिस घास के पत्तों के 10 मिलीलीटर तेल को 3 से 6 मिलीलीटर की मात्रा में दूध में मिलाकर लेने से पेशाब खुलकर आने लगता है।

43. विदारी : 3 से 6 ग्राम विदारी के फल को सुबह-शाम खाने से पेशाब की रुकावट ठीक हो जाती है।

44. काली मूसली : काली मूसली का फल 3 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाने से पेशाब खुलकर आता है।

45. श्वेत पुनर्नवा : श्वेत पुनर्नवा के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से पेशाब खुलकर आता है।

46. ममीरा : लगभग आधा ग्राम ममीरा को सुबह और शाम खाने से पेशाब खुलकर आता है। यह ज्वर को भी खत्म करता है।

47. भुई आंवला : भुई आंवला का रस 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह शाम लेने से पेशाब के सारे रोग दूर होते हैं और पेशाब खुलकर आता है।

48. कुकुरबंदा : पेशाब रुकने पर कुकुरबंदा का रस 10 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम खाने से पेशाब खुलकर आता है।

49. रतन पुरुष : आधा ग्राम की मात्रा में रतन पुरुष की जड़ को पीसकर या इसके पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) की फांट सुबह शाम लेने से पेशाब खुलकर आता है।

50. सेमर : 1 से 3 ग्राम सेमर के कोमल फलों को सुबह-शाम घोंटकर पीने से पेशाब खुलकर आता है।

51. दारूहल्दी : 10 ग्राम दारूहल्दी, 40 ग्राम ककड़ी के बीज और 10 ग्राम मुलेठी को पीसकर चावल की मांड के साथ खाने से पेशाब खुलकर आता है।

52. सागोन : पेशाब की रुकावट में सागोन (सागवान) के फलों को गर्म करके पेड़ू (नाभि) को सेंकते रहने से और फूलों की ही फांट 40 से 80 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम पीते रहने से बंद पेशाब खुल जाता है।

53. रामदाना : रामदाना के पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) की फांट या घोल 40 से 80 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम पीने से पेशाब खुलकर आता है।

54. पिण्डारू फल : पिण्डारू फल को नियमित रूप से खाने से पेशाब ज्यादा बनता है, खुलकर आता है। इसे कहीं-कहीं पिडार के नाम से भी जाना जाता है।

55. आरूक : आरूक के फूलों की फांट या घोल को 40 से 80 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह और शाम लेने से पेशाब खुलकर आता है।

56. ऊंटकटारा : ऊंट कटारा की जड़ का रस 5 से 10 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ खाने से पेशाब खुलकर आता है।

57. तोदरी के बीज : तोदरी के बीज का चूर्ण 5 से 10 मिलीलीटर पानी में भिगोकर सुबह-शाम शर्बत की तरह घोंटकर पीने से पेशाब खुलकर आता है।

58. तिलक्षार :

  • लगभग आधे ग्राम से 1 ग्राम तिलक्षार को छाछ के साथ सेवन करने से रुका हुआ पेशाब खुल जाता है। इसको सेवन करने से पथरी का दर्द समाप्त हो जाता है।
  • तिलक्षार ओर अंकोल क्षार लेकर शहद के साथ खाने से ऊपर से ताजा पानी पीने से पेशाब की रुकावट दूर होकर पेशाब खुलकर आता है।

59. पीपलक्षार : लगभग आधे ग्राम से 1 ग्राम पीपलक्षार को गर्म पानी के साथ रोजाना 2-3 मात्रा लेने से पेशाब खुलकर आता है और मूत्रकृच्छता (पेशाब करने में में जलन या कष्ट होना) की बीमारी दूर हो जाती है।

60. पुनर्नवाक्षार : लगभग आधे से एक ग्राम पुनर्नवाक्षार को गर्म पानी के साथ लेने से पेशाब में आने वाला घात और मूत्रकृच्छता (पेशाब करने में में जलन या कष्ट होना) दूर होती है।

61. चकोतरा : पेशाब रुक-रुककर आने (मूत्रावरोध) के रोगियों को चकोतरे का 250-300 मिलीलीटर रस नियमित पीना चाहिए। विटामिन `सी´ व पोटैशियम की अधिकता के कारण यह मूत्रवर्द्धक (पेशाब बढ़ाने वाला) होता है।

62. हींग : हींग को सौफ के रस के साथ सेवन करने से पेशाब खुल के आता है।

63. आंवला :

  • कच्चे आंवलों को पीसकर बनी लुग्दी पेड़ू पर लगाने से बंद पेशाब खुलकर आता है।
  • पेशाब की रुकावट में ताजा या सूखा आंवला पीसकर नाभि के नीचे लेप करने से पेशाब खुलकर आता है।
  • आंवले का रस 200 मिलीलीटर, कालीमिर्च 5 ग्राम और दारूहल्दी 5 ग्राम की मात्रा में अच्छी तरह से पीसकर प्राप्त रस रोगी को पिलाने से पेशाब कम आने के रोग में लाभ होता हैं।

64. मेथी : मेथी के दानों का पाउडर बनाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर रात को सोते समय खाने से पेशाब खुलकर आता है।

65. कुलंजन : 3 ग्राम कुलंजन की जड़ का चूर्ण नारियल के पानी के साथ सुबह-शाम खाने से पेशाब खुल जाता है।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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