Last Updated on March 13, 2023 by admin
दांत में कीड़ा या दंत क्षय क्या है ? :
लैटिन भाषा में ‘केरीज’ का अर्थ होता है ‘सड़ना। दाढ़ों के ऊपरी सतह पर छेद बनने से धीरेधीरे गड्ढे बन जाते हैं। जिसे दंत क्षय या केविटी कहते हैं । यह केविटी दांतों में कीड़ों के कारण बन जाती है | यह एक आश्चर्यजनक बात है कि शरीर का सब से मजबूत और कठिन हिस्सा इनेमल होता है जो दांतों के मुकुट का होता है। जिस तरह यह मान्यता है कि एक छोटी सी चींटी हाथी के कान या सुंड में घुसने से इतने बड़े हाथी को मार सकती है, वैसे ही छोटेछोटे कीड़े जिन्हें हम नंगी आंख से देख भी नहीं सकते वे दांतों की कड़ी परत को गला देते हैं ।
दांत में कीड़ा लगने या केविटी की पहचान :
हम हर रोज जो भी भोजन करते हैं उस में दाल, चावल, रोटी, सब्जी के साथ कुछ ऐसे पदार्थ भी खाते हैं जो चिपकने वाले होते हैं, जैसे-ब्रेड, बिस्कुट, चाकलेट इत्यादि । चिपकने वाले पदार्थों का मतलब यह है कि वे खाने के बाद आसानी से दांतों से अलग नहीं होते । इन के साफ न होने पर इन में जर्म या कीड़े आक्रमण करते हैं। और तेजी से बढ़ने लगते हैं । ये जर्क्स जबरन अपनी कालोनी बना लेते हैं ।
कीड़े लगने के लिए मिठाई या शक्कर जरूरी नहीं है। इन कीड़ों की कालोनी द्वारा कुछ एंजाइम बनने लगते हैं । इन एंजाइम्स को नष्ट करने के लिए शरीर की प्रतिक्रिया द्वारा थूक ज्यादा मात्रा में बनता है। इस के बावजूद कीड़े सफल हो जाते हैं और दांतों पर काली परत या काले धब्बे बना लेते हैं । अब वे आसानी से दांतों से अलग नहीं किए जा सकते हैं । यह केविटी की पहचान है ।
दांत में कीड़ा लगने के लक्षण :
दांत की ऊपरी परत में एक छोटा सा छेद बनता है । यही छेद धीरेधीरे बढ़ कर एक बड़ी केविटी या गड्ढा बन जाता है । गड्ढा बनने पर भी दांतों में दर्द नहीं होता परंतु इस के गहरा होने पर यह इनेमल के अंदर की परत डेंटीन तक पहुंचता है । डेंटीन के बहुत संवेदनशील होने के कारण गरम या ठंडा लगने पर चमक निकलनी शुरू होती है । यह एक खतरे की घंटी है ।
यदि इस पर भी अनदेखा किया जाए तो दांतों के अंदर का पल्प जो एक जिंदा भाग होता है जिस में नर्ज, रक्त धमनियां आदि होती हैं, धीरेधीरे दांत को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर देता है । फलस्वरूप एक भयानक दर्द शुरू हो जाता है । अब हम दांत को बचाने में असफल हो जाते हैं और अंत में उस दांत को खो देते हैं ।
दांत में कीड़ा क्यों लगता है ?
- छोटे बच्चों में सोते समय बोतल से दूध पीने से अस्थायी आगे के दांतों में केरीज(कीड़ा) हो जाती है क्योंकि बहुत समय तक दूध की परत दांतों पर लगी रहती है ।
- युवाओं में केरीज उन दांतों में लगती है जहां ब्रश नहीं पहुंचता और अन्न के कण दांतों के बीच में रह जाते हैं । अन्न कणों के सड़ने से संक्रमण हो जाता है । यह ज्यादातर पीछे की दाढ़ों में हो सकता है ।
- अधिक उम्र के लोगों में कभीकभी दांत टूट जाते हैं. इन टूटे दांतों की जड़ों में केरीज लग जाती है |
- विकलांग बच्चों में भी दांतों में केरीज लगना आम बात है। क्योंकि दांतों की सफाई ठीक से नहीं हो पाती है । दांतों पर भूरे, काले धब्बे दिखाई देने लगते हैं जो ब्रश करने पर भी साफ नहीं होते और दांत संवेदनशील हो जाते हैं। गरम या ठंडा खाने पर चमक आती है । आइये जाने danto me kide ke gharelu upchar के बारे में |
दांतों में कीड़े का इलाज : danto me kide ka ilaj
1. लौंग से दांतों में कीड़े का इलाज : कीड़े लगे दांतों के खोखले भाग में लौंग का तेल रूई में भिगोकर रखने से दांत के कीड़े नष्ट होते हैं। ( और पढ़े – दांतों के दर्द का घरेलू इलाज)
2. सरफोंका से दांतों में कीड़े का इलाज : सरफोंका के रस में रूई भिगोकर दांतों के गड्ढ़े में रखने से दर्द व कीड़े खत्म होते हैं।
3. कत्था (खैर) से दांतों में कीड़े का इलाज : कत्थे को सरसों के तेल में घोलकर प्रतिदिन 2 से 3 बार मसूढ़ों पर मलने से कीड़े, मसूढ़ों से खून आना तथा मुंह की बदबू दूर होती है ।
4. फिटकरी से दांतों में कीड़े का इलाज : प्रतिदिन फिटकरी गर्म पानी में घोलकर कुल्ला करने से दांतों के कीड़े और बदबू खत्म हो जाती है ।( और पढ़े –दांतों को मजबूत बनाने के उपाय )
5.अजवायन से दांतों में कीड़े का इलाज : खुरासानी अजवायन को पीसकर खोखले दांत में भरकर रखने से दांतों के कीड़े व दर्द ठीक होते हैं।
6. हींग से दांतों में कीड़े का इलाज : हींग को थोड़ा गर्म करके कीड़े लगे दांतों के नीचे दबाकर रखने से दांत व मसूढ़ों के कीड़े मर जाते हैं।
7.चिरमिटी से दांतों में कीड़े का इलाज : चिरमिटी की जड़ को कान पर बांधने से दांतों में लगे कीड़े नष्ट होते हैं। ( और पढ़े – मुंह से बदबू आना दूर करने के उपाय )
8.अफीम से दांतों में कीड़े का इलाज : हींग एवं अफीम मिलाकर गोली बनाकर दांत के गड्ढ़े में रखने से कीड़े मर जाते हैं और दर्द में आराम मिलता है।
9.सत्यानाशी (पीले धतूरे) से दांतों में कीड़े का इलाज : सत्यानाशी (पीले धतुरे) के बीज को जलाकर इसके धुंए को मुंह में रखने से दांत के गड्ढ़े का दर्द नष्ट होता है।
10.लाख से दांतों में कीड़े का इलाज : लाख को दूध में उबालकर या घी में भूनकर कीड़े लगे दांत के नीचे रखने से कीड़े नष्ट होते हैं।
11.चंदन से दांतों में कीड़े का इलाज : चंदन के तेल में रूई भिगोकर दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखने से दर्द व कीड़े नष्ट होते हैं।
12.दालचीनी से दांतों में कीड़े का इलाज : दांत के गड्ढ़े में दालचीनी के तेल में रूई भिगोकर रखने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द शान्त होता है ।
13.कपूर से दांतों में कीड़े का इलाज : कपूर कचरी को मंजन की तरह दांतों पर मलने से दांतों का दर्द व कीड़े खत्म होते हैं।
14.भटकटैया से दांतों में कीड़े का इलाज : कीड़े लगे दांत में भटकटैया के बीज को आग में जलाकर धुंए को मुंह में रखने से रोगी को लाभ मिलता हैं।
15.आक (मदार) से दांतों में कीड़े का इलाज : दांत में कीड़े लग जाने से बने गड्ढ़े में आक (मदार) के दूध में रूई को भिगोकर रखना लाभकारी होता है।
16.सुपारी से दांतों में कीड़े का इलाज : सुपारी को जलाकर मंजन बनाकर प्रतिदिन मंजन करने से दांतों पर जमे मैल और कीड़े खत्म होते हैं।
17.थूहर से दांतों में कीड़े का इलाज : दांतों में कीड़े लग जाने के कारण अधिक पीड़ा उत्पन्न होती है। इस प्रकार के दर्द में थूहर, अकरकरा या अजवायन को पीसकर दांतों पर मलने से कीड़े व दर्द नष्ट होता है।
18.जायफल से दांतों में कीड़े का इलाज : जायफल के तेल को दांत के नीचे रखने से दांत के कीड़े मर जाते हैं और दर्द भी खत्म होता है।
19.कलौंजी से दांतों में कीड़े का इलाज : रात में सोने से पहले कलौंजी के तेल में रूई को भिगोकर पीड़ित दांत पर लगाने से दांतों की पीड़ित रोगी की पीड़ा नष्ट होती है।
20.सरसों का तेल से दांतों में कीड़े का इलाज : नमक और हल्दी को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर प्रतिदिन 2 से 4 बार दांतों पर मलने और खोखले दांतों में रखने से दांत के कीड़े मर जाते हैं।
21.खदिरादि से दांतों में कीड़े का इलाज : खदिरादि का तेल रूई में लगाकर दांतों के खोखले भाग में रखने से दांतों में लगे कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द से आराम मिलता है।
22.कड़वी तोमी से दांतों में कीड़े का इलाज : कड़वी तोमी की जड़ का चूर्ण बनाकर दांतों की जड़ों में लगाने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं।
23.नमक से दांतों में कीड़े का इलाज : भोजन करने के बाद नमक, हल्दी तथा सरसों का तेल मिलाकर दांतों पर मलने से दांत के कीड़े नष्ट होते हैं।
24.बड़ (बरगद) से दांतों में कीड़े का इलाज : कीड़े लगे या सड़े हुए दांतों में बड़ (बरगद) का दूध लगाने से कीड़े और पीड़ा दूर होती है।
दांतों में कीड़े लगने पर करें ये घरेलू उपाय :
1. इरिमेदादि : दांतों में कीड़े लग जाने से दांत खोखले बन जाते हैं जिससे दर्द होता रहता है। इरिमेदादि तेल को रूई में लगाकर दांतों के खोखले भाग में रखने से दांतों के कीड़े खत्म होते हैं।
2. सरसों का तेल : नमक और हल्दी को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर प्रतिदिन 2 से 4 बार दांतों पर मलने और खोखले दांतों में रखने से दांत के कीड़े मर जाते हैं।
3. खदिरादि : खदिरादि का तेल रूई में लगाकर दांतों के खोखले भाग में रखने से दांतों में लगे कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द से आराम मिलता है।
4. कड़वी तोमी : कड़वी तोमी की जड़ का चूर्ण बनाकर दांतों की जड़ों में लगाने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं।
5. नमक : भोजन करने के बाद नमक, हल्दी तथा सरसों का तेल मिलाकर दांतों पर मलने से दांत के कीड़े नष्ट होते हैं।
6. बड़ (बरगद) : कीड़े लगे या सड़े हुए दांतों में बड़ (बरगद) का दूध लगाने से कीड़े और पीड़ा दूर होती है।
7. लौंग : कीड़े लगे दांतों के खोखले भाग में लौंग का तेल रूई में भिगोकर रखने से दांत के कीड़े नष्ट होते हैं।
8. सरफोंका : सरफोंका के रस में रूई भिगोकर दांतों के गड्ढ़े में रखने से दर्द व कीड़े खत्म होते हैं।
9. कत्था (खैर) : कत्थे को सरसों के तेल में घोलकर प्रतिदिन 2 से 3 बार मसूढ़ों पर मलने से कीड़े, मसूढ़ों से खून आना तथा मुंह की बदबू दूर होती है
10. फिटकरी : प्रतिदिन फिटकरी गर्म पानी में घोलकर कुल्ला करने से दांतों के कीड़े और बदबू खत्म हो जाती है
11. अजवायन : खुरासानी अजवायन को पीसकर खोखले दांत में भरकर रखने से दांतों के कीड़े व दर्द ठीक होते हैं।
12. हींग : हींग को थोड़ा गर्म करके कीड़े लगे दांतों के नीचे दबाकर रखने से दांत व मसूढ़ों के कीड़े मर जाते हैं।
13. चिरमिटी : चिरमिटी की जड़ को कान पर बांधने से दांतों में लगे कीड़े नष्ट होते हैं।
14. अफीम : हींग एवं अफीम मिलाकर गोली बनाकर दांत के गड्ढ़े में रखने से कीड़े मर जाते हैं और दर्द में आराम मिलता है।
15. सत्यानाशी (पीले धतूरे) : सत्यानाशी (पीले धतुरे) के बीज को जलाकर इसके धुंए को मुंह में रखने से दांत के गड्ढ़े का दर्द नष्ट होता है।
16. लाख : लाख को दूध में उबालकर या घी में भूनकर कीड़े लगे दांत के नीचे रखने से कीड़े नष्ट होते हैं।
17. चंदन : चंदन के तेल में रूई भिगोकर दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखने से दर्द व कीड़े नष्ट होते हैं।
18. दालचीनी : दांत के गड्ढ़े में दालचीनी के तेल में रूई भिगोकर रखने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द शान्त होता
19. कपूर :
- कपूर कचरी को मंजन की तरह दांतों पर मलने से दांतों का दर्द व कीड़े खत्म होते हैं।
- कपूर को एल्कोहल या शराब में घोलकर रूई में लगाकर दांतों के गड्ढ़े में रखने से दांतों के कीड़े मर जाते हैं।
20. भटकटैया : कीड़े लगे दांत में भटकटैया के बीज को आग में जलाकर धुंए को मुंह में रखने से रोगी को लाभ मिलता हैं।
21. आक (मदार) : दांत में कीड़े लग जाने से बने गड्ढ़े में आक (मदार) के दूध में रूई को भिगोकर रखना लाभकारी होता है।
22. सुपारी : सुपारी को जलाकर मंजन बनाकर प्रतिदिन मंजन करने से दांतों पर जमे मैल और कीड़े खत्म होते हैं।
23. थूहर : दांतों में कीड़े लग जाने के कारण अधिक पीड़ा उत्पन्न होती है। इस प्रकार के दर्द में थूहर, अकरकरा या अजवायन को पीसकर दांतों पर मलने से कीड़े व दर्द नष्ट होता है।
24. जायफल : जायफल के तेल को दांत के नीचे रखने से दांत के कीड़े मर जाते हैं और दर्द भी खत्म होता है।
25. कलौंजी : रात में सोने से पहले कलौंजी के तेल में रूई को भिगोकर पीड़ित दांत पर लगाने से दांतों की पीड़ित रोगी की पीड़ा नष्ट होती है।
26. इमली : इमली के पके हुए फल को जलाकर उसका धुंआ मुंह में भरने से दांतों के कीड़े मर जाते हैं।
27. नौसादर :
- लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग नौसादर को कीड़ा लगे दांत पर लगाने से कीड़े मर जाते हैं।
- दांतों में कीड़े लगने से दांत में गड्ढ़े बन जाते हैं। फिटकरी, सेंधानमक तथा नौसादर बराबर मात्रा में लेकर बारीक पॉउडर बना लें। इस पॉउडर से प्रतिदिन सुबह.शाम दांत व मसूढ़ों पर मलने से दांतों के सभी रोग ठीक होते हैं।
28. बकुची : बावची की जड़ को पीसकर थोड़ी सी मात्रा में भुनी हुई फिटकरी मिलाकर मंजन करने से दांत के कीड़े नष्ट होते हैं। यह दांतों के दर्द को दूर करता है और दांतों को मजबूत बनाता है।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)