Last Updated on May 3, 2017 by admin
ध्यान मुद्रा कैसे लगाये :
अपने हाथ की तर्जनी उंगली को अपने अंगूठे से मिला लें लेकिन उंगली और अंगूठा सिर्फ एक-दूसरे को हल्के से छूते हुए ही हों उन पर दबाव नहीं पड़ना चाहिए।
इसमें हाथों की आकृति ज्ञान मुद्रा जैसी बनती है इसीलिए इसे ध्यान ज्ञान मुद्रा(Dhyana mudra) कहा जा सकता है।
ध्यान मुद्रा(Dhyana mudra) से लाभ-
dhyana mudra benefits in hindi
इस मुद्रा को करने से दिमाग तेज होता है। मन को एक जगह लगाने वाली याददाश्त तेज होती है तथा नींद न आना और तनाव जैसे रोग समाप्त हो जाते हैं।
इससे ध्यान में स्थायित्व आता है और हाथों का वर्तुल बनने से ऊर्जा का संचार भी होता रहता है। इस मुद्रा में बैठने के कारण धीरे-धीरे शरीर का भारीपन समाप्त हो जाता है। खासकर आपने जो भोजन किया है उससे जो उर्जा उत्पन होती है उस उर्जा या ओज को अमिट आभा में बदलने के लिए यह मुद्रा सर्वोत्तम है। ऊर्जा का संवरक्षण करना जरूरी है तभी ध्यान में गति मिलेगी।
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