Last Updated on May 7, 2020 by admin
नमक क्या है ? : salt in hindi
नमक-बिना सब व्यंजन सूने हैं। नमक के अभाव में रसोईघर अधूरा है। नमक ही मनुष्य में सौन्दर्य लाने का कारण है, इसीलिए सुन्दरता को ‘लावण्य’ भी कहा जाता है। सारे खनिज लवणों की संख्या 20 है। इनमें से हम केवल सोडियम क्लोराइड को ही अपने भोजन में इस्तेमाल करते हैं। संसार की बहुतसी आदिम जातियाँ नमक प्रयोग नहीं करतीं। शाक-भाजी, दालों आदि में भी थोड़ा-बहुत नमक रहता है। यह प्राकृतिक नमक स्वास्थ्य के लिए हितकारी है।
नमक के लाभ : namak ke labh in hindi
- नमकयुक्त भोजन प्रत्येक व्यक्ति को रुचिकर लगता है, क्योंकि इससे भोजन स्वादिष्ट बन जाता है।
- जिस प्रकार थोड़ा-सा नमक शीघ्र ही जल या खाद्य-पदार्थ में मिल जाता है, उसी प्रकार नमकयुक्त आहार-पदार्थ भी अपने सारे पोषक तत्वों के साथ शीघ्र सारे शरीर में पहुंचकर अपना चमत्कारी प्रभाव दिखाने लगते हैं। इसीलिए इसे ‘सूक्ष्म स्रोतगामी’ कहा गया है।
- जिस प्रकार मन सुख-दु:ख का ज्ञान कराता है, उसी प्रकार जीभ सभी रसों का ज्ञान प्राप्त कराती है। इसीलिए रसना नमक-रस बिना फीकी रहती है।
- नमक पाचन-शक्ति को प्रदीप्त करता है जिससे अच्छी भूख लगती है। नमक के कारण आहार का पाचन ठीक तरह से होता है। इससे आहार-रस भी उचित मात्रा में बनता है।
- यह आहार-रस खून, मांस, चर्बी, अस्थि, मज्जा एवं वीर्य आदि के निर्माण में सहायक होता है।
नमक के लाभदायक विभिन्न उपयोग : uses of salt in hindi
- बरसात की ऋतु में कुटी हुई लाल मिर्च को खराब होने से बचाने हेतु उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर रखना चाहिए ।
- भिन्डी, कटहल, लसोड़ा जैसी चेपदार सब्जियों को काटते समय नमक हाथ में लगा लेना चाहिए। यदि चेप लग ही गया हो तो भी नमक लगाकर हाथ रगड़कर पानी से साफ कर लें।
- याज को काटने की गन्ध यदि चाकू या छुरी से नहीं जा रही हो तो उस पर नमक रगड़ देना चाहिए ।
- कढे दूध में नमक मिला देने से मक्खन शीघ्र निकल आता है ।
- गैस चूल्हा या स्टोव पर विभिन्न तरल पदार्थ गिरने से उत्पन्न हुई गंध व गन्दगी साफ करने हेतु बारीक पिसा हुआ नमक से घिसकर साफ करने से गन्ध, गन्दगी दूर होकर स्टोव अथवा गैस चूल्हा चमक उठता है ।
- कढ़ी जब अधिक फुदकने लगे तो नमक डाल दें । कढ़ी फुदकना बन्द हो जाएगी ।
- अचार डालते अथवा परोसते समय यदि हाथ तैल की चिकनाई में सने गये हों तो बारीक पिसा नमक हाथों पर लगाकर मलकर साफ करलें ।
- काफी उबालने से पहले उसमें चुटकी भर नमक डाल देने से काफी की गन्ध तेज (तीव्र) हो जाती है।
- पिलपिले टमाटरों को सख्त करने के लिए उन्हें बरफ के पानी में नमक डाल कर 10 मिनट तक डुबोयें । टमाटर सख्त हो जाएंगे ।
- जले हुए बरतनों को नमक डालकर माँजने से शीघ्र अधिक साफ हो जाते हैं । कोयला या राख में नमक पीसकर मिलाकर बरतन माँजने से अधिक साफ-स्वच्छ व चमकदार हो जाते हैं।
- लालटेन को टंकी (मिट्टी के तैल) में नमक डाल देने से रोशनी अधिक चमकीली हो जाती है।
- गरम पानी में नमक डालकर उसमें कुछ देर तक झाडू रख देने से झाडू की नोंक कड़ी होकर अधिक दिनों तक चलती है।
- फर्नीचर पर लगे स्याही इत्यादि के दाग धब्बे नमक मिले जल में कपड़ा भिगोकर मलने से सरलता से छूट जाते हैं ।
- यदि कपड़े (रेशमी अथवा सूती) रंग छोड़ते हों तो नमक मिले जल में आधा घंटे तक भिगोये रखने के पश्चात् धोकर सुखाने से कभी रंग नहीं छोड़ता है।
- यदि कान में मच्छर अथवा कोई कीड़ा घुस गया हो तो गरम पानी में जरा सा नमक मिलाकर उसकी बूंदें कान में टपकाने से कीड़ा बाहर आ जाता है।
- कपड़े-तौलिया आदि हल्के रोयेदार बने रहें इस हेतु धुलाई के पश्चात् उनको कुछ देर तक नमक मिले जल में पड़ा रहने दें, तदुपरान्त धोकर सुखा लें। तौलिया संदैव तेज धूप में सुखानी चाहिए। इससे उसकी चमक बरकरार रहेगी। गरम पानी में नमक मिलाकर कपड़े धोने से शीघ्र तथा अधिक साफ हो जाते हैं।
- सर्दियों में नहाने के पानी में 1 चम्मच नमक डालकर स्नान करने से त्वचा कान्तिमय बनी रहती है ।
नमक के फायदे और औषधीय प्रयोग : namak ke fayde in hindi
1- पेट के सब रोगों का इलाज – पेट के किसी भी रोग में यह उपाय करें—एक नींबू के दो टुकड़े कर लें। काली मिर्च तथा नमक लगाकर चूसिए।
2- झाँइयाँ – चेहरे पर झाँइयाँ हो तो सिरके में नमक व शहद मिलाकर (पेस्ट बनाकर) लेप करना अतीव गुणकारी है । ( और पढ़ें – झाइयाँ दूर करने के 39 घरेलू नुस्खे )
3-कमज़ोर नज़र का इलाज – जिनकी दृष्टि-शक्ति कमजोर हो गई हो, संतरे के रस में काली मिर्च तथा जरा-सा नमक डालकर पिलाने से दृष्टि-शक्ति बढ़ती है। ( और पढ़ें – )
4-गुर्दे की पुरानी बीमारी का इलाज
- पहले दिन संतरे को 250 ग्राम रस ज़रा-सा सेंधा नमक डालकर पिलावें।
- दूसरे दिन–संतरे का रस 400 ग्राम ज़रा-सा सेंधा नमक डालकर पिलावें।
- तीसरे दिन संतरे का रस 500 ग्राम ज़रा-सा सेंधा नमक डालकर पिलावें।
5- अग्निमांद्य, अरुचि, पुरानी कब्ज़, अफ़ारा का इलाज – भोजन से पूर्व या भोजन के साथ आधी मूली नमक तथा काली मिर्च के साथ प्रतिदिन खाएँ। एक महीने में पूरा आराम होगा। ( और पढ़ें –भूख बढ़ाने के 32 अचूक उपाय )
6- बवासीर का इलाज- सफेद मूली को लम्बाई के रुख में चीरकर चार टुकड़े करके रात को नमक लगाकर ओस में रख दीजिए। प्रात: निराहार उसे खा लीजिए। इसके साथ ही मल त्यागने के बाद गुदा भी मूली के पानी से धोइए। ( और पढ़ें – बवासीर के 52 सबसे असरकारक इलाज )
7- बुखार का इलाज – नमक ¼ ग्राम ,तुलसी के 6-7 पत्ते अतिविषा 1 ग्राम सबको सिल पर पीसकर खा जाइए। ( और पढ़ें – बुखार के 12 सरल घरेलु उपाय )
8- दन्त-शूल का इलाज – नमक बारीक पिसा हुआ 1 ग्राम ,गन्ने का सिरका 3 ग्राम | पानी के भरे एक बड़े ग्लास में दोनों चीज़ों को चम्मच के साथ घोलकर कुल्ले कीजिए। ( और पढ़ें – दाँत का दर्द मिटायें चुटकियों मे )
9- कानों के रोगों का इलाज –
- यदि दर्द हो-पानी में सेंधा नमक मिलाकर मन्दोष्ण (कोसा=गुनगुना] करके कान में दो-दो बूंदें घंटे-घंटे बाद डालें ।
- अदरक के रस तथा शहद में जरा-सा नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें। उसे जरा गर्म कर लें और कानों में बूंद-दो बूंद टपकाएँ। ( और पढ़ें –कान दर्द के 10 देसी आयुर्वेदिक उपचार )
10-मंजन – हरीड़ सूखी 10 ग्राम, बहेड़े 10 ग्राम, आँवले 10 ग्राम, काली मिर्च 10 ग्राम, पिप्पली 10 ग्राम, लवंग 5 दाने , तूतिया 2 ग्राम, काला नमक 2 ग्राम, सफेद नमक 2 ग्राम, सेंधा नमक 2 ग्राम, माजूफल 10 ग्राम इन सबका चूर्ण बनाकर प्रतिदिन प्रात:-सायं मंजन करने से दाँत वज्र के समान हो जाएँगे।
11-पायोरिया – नीम, जामुन, आम और अखरोट की छाल का महीन चूर्ण 50-50 ग्राम, सेंधा नमक और फिटकरी 25 ग्राम, नीलाथोथा 15 ग्राम और बादाम के छिलकों का कोयला 300 ग्राम इन सबको खूब महीन पीसकर कपड़छन करके मंजन बना लीजिए। प्रात:-सायं मंजन करें | ( और पढ़ें – पायरिया के 45 सबसे असरकारक आयुर्वेदिक घरेलु उपचार )
नमक के नुकसान : namak ke nuksan in hindi
- सोडियम क्लोराइड बहुत हल्का प्रयोग करना चाहिए। कहावत है कि अधिक नमक खाने से हड्डियाँ खुरती हैं, रक्त बिगड़ता है।
- खाज-खुजली, दाद, चंबल आदि रोग प्राय: अधिक नमक खाने का परिणाम होते हैं।
- हदय, त्वचा (Skin), जिगर , गुर्दो तथा पित्ताशय में भी नमक खाना तुरन्त छोड़ देना चाहिए।
- अधिक नमक खानेवाले के बाल उड़ने लगते हैं, नींद कम आती है और मोटापा बढ़ता है ।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)