Last Updated on June 4, 2020 by admin
लो ब्लड प्रेशर के प्रमुख कारण : Low Blood Pressure ke karan in Hindi
- अधिक मानसिक चिंतन।
- अधिक शोक।
- अधिक क्रोध।
- आहार का असंतुलन होना।
- बहुत अधिक मोटापा।
- पानी या खून की कमी।
- उलटियां, डेंगू-मलेरिया, हार्ट प्रॉब्लम, सदमे, इन्फेक्शन, ज्यादा मोशन आने।
- अचानक सदमा लगना, कोई भयावह दृश्य देखने या खबर सुनने से भी लो बीपी(hypotension)हो सकता है।
लो ब्लड प्रेशर के प्रमुख लक्षण : Low Blood Pressure ke Lakshan in Hindi
- चेहरे पर फीकापन।
- आंखों का लाल हो जाना।
- नाड़ी की गति धीमी होना।
- प्यास लगना और तेज रफ्तार से आधी-अधूरी सांसें आना।
- निराशा या डिप्रेशन ।
- धुंधला दिखाई देना ।
- थकान, कमजोरी, चक्कर आना।
- निम्न रक्तचाप(hypotension)में शारीरिक निर्बलता का अधिक अनुभव होता है।
- रक्त की अत्यधिक कमी के कारण निम्न रक्तचाप की उत्पत्ति होती है, इसलिए रोगी चलने-फिरने में बहुत कठिनाई अनुभव करता है।
- सीढ़ियां चढ़ने में बहुत परेशानी होती है।
- हृदय जोरों से धड़कता है और सारा शरीर पसीने से भीग जाता है।
- पुरुषों में नपुंसकता के लक्षण उत्पन्न होते है। जबकि स्त्रियों में काम-इच्छा की उत्पत्ति नहीं होती है।
- निम्न रक्तचाप के कारण रोगी को भूख नहीं लगती, क्योंकि भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है।
- स्वादिष्ट पकवानों की सुगंध भी रोगी को आकर्षित नहीं कर पाती। भूख नष्ट हो जाती है।
- सोफे या बिस्तर से उठाकर खड़े होने पर नेत्रों के आगे अंधेरा छा जाता है और सिर चकराने लगता है।
- सिरदर्द भी होता है।
- रोगी को अधिक प्यास लगती हैं।
- निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) की विकृति में रोगी पड़े रहना चाहता है। किसी काम को करने की इच्छा नहीं होती है।
लो ब्लड प्रेशर के आयुर्वेदिक उपाय : Low Blood Pressure ka Ayurvedic ilaj
इनमें से कोई एक उपाय करें –
- सिद्धमकरध्वज की खुराक मरीज की हालत के मुताबिक वैद्य से बनवाकर लें।
- वृह्दवातचिंतामणि रस की आधी-आधी गोली सुबह-शाम दूध से लें।
योगेंद्र रस की आधी गोली पानी से दिन में एक बार लें।
(सिद्धमकरध्वज, वृह्दवातचिंतामणि रस व योगेंद रस, ये तीनों दवाएं बहुत ज्यादा बीपी लो होने पर सिर्फ वैद्य की देखरेख में ही लेनी चाहिए।) - मकरध्वज की एक गोली रोज लें।
- कपूरादि चूर्ण एक छोटी चम्मच सुबह-शाम पानी से कुछ दिन तक लगातार लें। इसे शुगर के मरीज भी ले सकते हैं।
- हरगौरी रस एक रत्ती सुबह-शाम शहद से लें।
- मृगांग पोटली रस पाउडर की एक रत्ती सुबह-शाम पानी से लें। शुगर वाले भी सकते हैं। दिल के लिए अच्छा है और ताकत भी देता है।
- चार रत्ती या आधा छोटा चम्मच अश्वगंधा चूर्ण या दो रत्ती ताप्यादि लौह या दो रत्ती प्रवाल पिष्टी (प्रवाल पिष्टी कैल्शियम बढ़ाती है) या चार रत्ती
- आंवला चूर्ण या कामदुधा रस की गोली दो रत्ती पानी से लें।
- दो चम्मच अश्वगंधारिष्ट बराबर पानी मिला कर सुबह-शाम लें।
- दो छोटी चम्मच बलारिष्ट या अर्जुनारिष्ट आधे कप पानी से लें।
- शुगर के मरीज अर्जुन की छाल का दो चम्मच चूर्ण पानी में उबाल लें। फिर छानकर पीएं।
- शुगर के मरीज अश्वगंधा का पाउडर आधा छोटा चम्मच पाउडर पानी से लें या एक-एक गोली सुबह-शाम लें।
लो ब्लड प्रेशर के घरेलू उपचार : Low Blood Pressure ka Gharelu Upchar
1. रात को पांच बादाम भिगोकर सुबह खाली पेट एक बादाम व एक काली मिर्च लेकर दो से तीन मिनट तक चबाकर खाएं। बाकी बादामों को भी इसी तरह खाएं। 15-20 मिनट बाद नाश्ता कर सकते हैं।
2. चाय-कॉफी ले सकते हैं। इनसे बीपी बढ़ता है। नमक-चीनी का घोल या इलेक्ट्रॉल पाउडर का घोल भी ले सकते हैं।
3. हल्दी का आधा चम्मच पाउडर दूध के साथ दिन में किसी भी वक्त लें। इससे आराम मिलता है। ठीक होने पर छोड़ दें। इसे किसी भी मौसम में ले सकते हैं।
4. छिले हुए चार बादाम, एक चम्मच शहद और एक चम्मच मिश्री को एक साथ पीस लें। सुबह-शाम इस पेस्ट को खाएं।
5. गाय या बकरी का एक पाव दूध, दो चम्मच गाय का घी, काली मिर्च के 10 दाने और 10 ग्राम मिश्री को उबालकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम पीएं। शुगर के मरीज मिश्री व शहद न लें।
6. मक्खन एक चम्मच, मिश्री स्वादानुसार और एक चांदी का वर्क मिलाकर सुबह-शाम कुछ दिन सेवन करें।
7. हर रोज गाय के दूध के साथ एक-दो सिंघाड़े खाएं।
8. दूध व चावल की खीर में छोटी इलायची, चिरौंजी, बादाम व केसर डालकर खाएं।
9. पका हुआ शरीफा और सीताफल का सेवन करने से भी फायदा होता है।
10. काले चने 20-25 ग्राम और 10 नग किशमिश रात को पानी में भिगो दें। सुबह शौच के बाद खाली पेट इस पानी को पीकर चने व किशमिश खा लें। आधे घंटे बाद चाय पी सकते हैं। शुगर के मरीज बिना किशमिश के चने खाएं व पानी पीएं।
11. सात-आठ गिरी मुनक्का व बादाम मिलाकर रोज खाएं।
12. रात को दो-तीन अंजीर भिगोकर सुबह खाएं। शुगर के मरीज सिर्फ एक अंजीर भिगोकर लें।
13. एक बड़ी इलायची व पुदीने के थोड़े-से पत्तों को उबाल कर उसका पानी पीएं। चाय में डालकर भी पी सकते हैं।
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)