Last Updated on March 30, 2022 by admin
शलगम (shalgam in hindi)
- शलगम( shalgam ) का साग, सलाद व सूप के रूप में उपयोग किया जाता है।
- यह एंटीऑक्सीडेंट, खनिज लवण ( कैल्शियम, लौह, ताँबा आदि ), विटामिन्स (बी, सी ) व रेशे का अच्छा स्त्रोत है ।
- आधुनिक शोधों के अनुसार ‘शलगम के सेवन से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा कैंसर, सूजन, मोटापा, मधुमेह, ह्रदयरोगों से बचाव होता है।
- उससे उच्च रक्तचाप कम करने में मदद मिलती है।
- पेट तथा पाचन के विकारों में बहुत ही लाभदायक है । पेट साफ़ रहता है, कब्जियत दूर होती है।
शलगम के गुण (shalgam ke gun in hindi)
1. कच्चा शलगम( shalgam ) चबा के खाने से दाँत व मसूड़े मजबूत होते हैं।
2. जिसका ह्रदय कमजोर हो, उसे कच्चा शलगम चबा – चबा के खाना चाहिए ।सूप के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं ।
3. मधुमेह के रोगियों को लाभदायक है | इससे रक्ताल्पता भी दूर होती है ।
4. शलगम को उबाल के उस पानी में पैर रख के बैठने से पैरों की सूजन व बिवाइयों से राहत मिलती है।
5. मुत्रावरोध में शलगम व मूली का रस मिला के पीने से मूत्र खुल के निष्कासित होने लगता है ।
6. गला बैठने पर तथा गाने और भाषण देनेवालों के लिए शलगम का साग लाभदायक है ।
7. हड्डियों का विकास ठीक से होता है | जिन बच्चों की हड्डियाँ कमजोर हो उन्हें गाजर के रस के साथ शलगम का रस मिला के देने से लाभ होता है ।
चुकन्दर या गाजर की अपेक्षा में शलगम में शर्करा कम मात्रा में पाई जाती है। इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। शलगम की सब्जी किसी भी तरह के रोगियों को बिना किसी डर के सेवन कराई जा सकती है।
विभिन्न रोगों में शलगम के फायदे (shalgam ke fayde in hindi)
1. दस्त : कच्ची शलगम ( shalgam )को खाने से दस्त आना बंद हो जाते हैं।
2. बिवाइयां (एड़ी फटना) : शलगम को उबालकर इसके पानी से फटी हुई एड़ियों को धोकर उसके बाद उन पर शलगम रगड़े। रात के समय इसका इस्तेमाल करके फटी हुई एड़ियों पर साफ कपड़ा लपेट लें। इसके प्रयोग से फटी हुई एड़ियां ठीक हो जाती हैं।
3. मधुमेह : मधुमेह के रोग में रोजाना शलगम की सब्जी खाना लाभदायक होता है।
4. दमा, खांसी, गला बैठना : शलगम को पानी में उबालकर उसके पानी को छानकर और उसमें चीनी मिलाकर पीने से दमा, खांसी और गला बैठने का रोग ठीक हो जाता है।
5. अंगुलियों की सूजन : 50 ग्राम शलगम को 1 लीटर पानी में उबालें। फिर उस पानी में हाथ-पैर डालकर रहने से अंगुलियों की सूजन खत्म हो जाती है।
6. पेशाब रुक-रुक कर आना : 1 शलगम और कच्ची मूली को काटकर खाने से पेशाब का रुक-रुककर आने का रोग दूर हो जाता है।
7. मसूढ़े और दांतों के रोग : कच्चे शलगम को चबा-चबाकर खाने से मसूढ़े और दांतों के रोग ठीक हो जाते हैं तथा दांत भी साफ रहते हैं।
8. दमे या श्वास का रोग :
- शलगम, गाजर, पत्तागोभी तथा सेम की फली का रस एकसाथ मिलाकर इसमें थोड़ा सा सेंधानमक डालकर सेवन करने से दमा या श्वास रोग ठीक हो जाता है।
- बंदगोभी, गाजर, सेम और शलगम का रस मिलाकर सुबह-शाम 2 सप्ताह तक रोजाना पीने से दमा रोग में लाभ होता है।
- 1 कप शलगम का रस लेकर गर्म करें। इस रस में थोड़ी सी शक्कर मिलाकर सेवन करने से दमा रोग ठीक हो जाता है।
- 1 कप शलगम के रस, 1 कप गाजर के रस और 1 कप पत्ता गोभी के रस में आधा कप सेम की फली का रस मिलाकर दिन में 3 बार रोगी को पिलाना चाहिए। ★ इसको पीने से कुछ ही दिनों में दमा, खांसी, सीने की जकड़न तथा कफ बनना आदि रोग नष्ट हो जाते हैं।
9. खांसी : शलगम को पानी में उबालकर इसके पानी को छानकर इसमें शक्कर मिलाकर पीने से खांसी में लाभ मिलता है।
10. कब्ज : कच्चे शलगम ( shalgam )को खाने से पेट साफ होकर कब्ज दूर हो जाती है।
11. मसूढ़ों का रोग : मसूढ़ों के रोग में कच्ची शलगम को चबा-चबाकर खाने से लाभ होता है।
12. मूत्ररोग : शलगम के रस में मूली का रस डालकर पीने से रुक-रुक कर आने वाला पेशाब ठीक हो जाता है।
13. एलर्जी : 100 ग्राम शलगम ( shalgam )को पानी में उबाल ले फिर उस पानी को ठण्डा कर लें। इस पानी से शरीर पर मालिश करने से एलर्जी के रोग में आराम आता है।
14. हृदय रोग : शलगम, बंदगोभी, गाजर और सेम का रस मिलाकर सुबह-शाम 2 सप्ताह तक पीने से हृदय रोग (दिल के रोग) में लाभ होता है।
15. आवाज का बैठ जाना :
- शलगम को पानी में उबाल लें फिर उस पानी को छानकर उसमें शक्कर मिलाकर रोजाना 2 बार पीने से बैठा हुए गले में आराम आ जाता है।
- शलगम को उबालकर उसका पानी पीने से बैठा हुआ गला खुल जाता है और आवाज भी साफ हो जाती है।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)