फूलगोभी के फायदे ,उपयोग और नुकसान | Cauliflower Benefits and Side Effects in Hindi

Last Updated on August 14, 2020 by admin

गोभी क्या है? : What is Cauliflower (Gobhi) in Hindi?

गोभी प्राचीनतम साग-भाजियों में से एक है। प्राचीनकाल में ग्रीक और रोमन लोग गोभी का उपयोग करते थे। गोभी वर्तमान समय में भी शीतकालीन तरकारियों में बहुत ही लोकप्रिय है। गोभी के आरोग्यप्रद गुणों के कारण आयुर्वेद में इसे औषधि रुप में इस्तेमाल (उपयोग) किया जाता है।

गोभी की 3 किस्में होती हैं –

(1) फूलगोभी (2) पत्तागोभी और (3) गाँठगोभी
एक अन्य चौथी किस्म तो मूलतः चायना की है जो “चायनीज गोभी” कहलाती है।

गोभी को उबालकर रसपूर्ण साग और बिना पानी वाला सूखा साग भी बनाया जाता है। कच्चे गोभी का सलाद बनता है। इसकी भाजी श्रेष्ठ टॉनिक है।

विशेष – गोभी शीतकाल में अच्छी होती है। ग्रीष्म ऋतु शुरू होने पर इसमें कीड़े पडने लगते हैं । अतः गर्मियों में इसका सेवन सावधानीपूर्वक करें । कभी-कभी फूल गोभी में भी कीड़े होते हैं। अतः स्वच्छ, कीड़े रहित, ताजा फूलगोभी का उपयोग करें।

आयुर्वेद मतानुसार गोभी के गुण : Gobhi ke Gun in Hindi

gobhi ke aushadhi gun

  • गोभी स्तन्य (दूध) बढ़ाने वाली, मधुर, वीर्यवर्धक, गरिष्ठ, दीपन, पाचक, बातल तथा पित्त और कफनाशक है।
  • फूलगोभी की प्रकृति-शीतल और तर है।
  • पत्तागोभी और फूलगोभी रस में मधुर, शीतवीर्य, लघु, दीपन, पाचक, कामोत्तेजक और वातकारक है।
  • यह कफ, पित्त, ज्वर, प्रमेह, मूत्रकृच्छा, कुष्ठ, खाँसी, श्वास, रक्तविकार, व्रण, विद्रधि, यकृतवृद्धि, और पित्त प्रकोप को दूर करती है।
  • पत्तागोभी की अपेक्षा फूलगोभी अधिक पुष्टिकारक है। इसका सेवन गर्भाशय को बल देता है।
  • गाँठगोभी (नीलगोल) रस में मधुर, उष्णवीर्य, सारक, रूचिकर, गुरु, कफनाशक, वातकारक, और पित्त प्रकोपक है। यह प्रमेह, श्वास, और कफ व खाँसीनाशक है।
  • गोभी के बीज सारक, दीपन-पाचन और कृमिहन हैं।
  • कच्ची गोभी को कुतरकर कचूमर बनाकर खाने से विटामिन ‘सी’ अधिक मात्रा में मिलता है।
  • गोभी का भाजी रक्तपित्त के रोगी के लिए लाभप्रद है।
  • गोभी के पत्ते आमवात और वातरक्त के सूजन पर बाँधे जाते हैं।

सेहत के लिए क्यों अच्छी है फूल गोभी ? :

फूल गोभी के पौष्टिक तत्व –

फूल गोभी (cauliflower in hindi) में पाए जाने वाले पोषक तत्व सेहत के लिए बेहद ही लाभदायक हैं।
फूलगोभी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, फास्फोरस , लौह, विटामिन ‘ए’-‘बी’ और ‘सी’ एवं अल्प मात्रा में ताँबा, आयोडीन और पोटेशियम पाया जाता हैं, जो न सिर्फ कैंसर जैसी घातक रोग से हमारी रक्षा करते हैं ,बल्कि दिल व दिमाग को भी तंदुरुस्त रखते हैं ।

फूल गोभी के फायदे : Benefits of Cauliflower in Hindi

phool gobhi khane ke fayde hindi me

फूलगोभी (cauliflower in hindi) का सेवन तो हम सभी करते ही हैं ,किंतु आयुर्वेद में फूलगोभी का उपयोग बीमारियों के उपचार स्वरुप भी किया जाता है चलिये आगे जानते हैं-

फूलगोभी के फायदे रक्तवमन में (Cauliflower for Blood vomit in Hindi)

फूलगोभी की सब्जी खाने से या कच्ची ही खाने से रक्त की उल्टियाँ होना बन्द हो जाती हैं। क्षयरोगी के लिए यह प्रयोग वर्जित है।

बवासीर उपचार के लिए फूलगोभी है लाभकारी (Cauliflower for Piles Treatment in Hindi)

जो लोग बहुत ज्यादा तला-भुना व मसालेदार भोजन खाते हैं या जिन्हें कब्ज की परेशानी लंबे समय से हैं, उनको बवासीर (पाइल्स) की समस्या ज्यादा होती है।
फूलगोभी का सेवन खूनी हो अथवा वादी दोनों प्रकार की बबासीर को ठीक कर सकता है।

पेशाब की जलन कम करने में सहायक है फूलगोभी (Cauliflower Reduces Urination irritation in Hindi)

पेशाब मे होने वाली जलन दूर करने में फूलगोभी की सब्जी खाना उपयोगी है।

खून की खराबी मे फूलगोभी का उपयोग (Cauliflower for Blood Impurities in Hindi)

फूलगोभी में क्षारीय (Alkaline) तत्व होते हैं । गोभी में गन्धक की बहुतायत होने के कारण यह खुजली, कुष्ठ आदि चर्मरोगी में लाभप्रद है। गोभी में पाए जाने वाला क्षार सल्फर और क्लोरीन आँतों, शरीर व रक्त को साफ करता हैं। इससे चर्मरोग, गैस (वायुविकार), नाखून और बालों के रोग नष्ट होते हैं ।

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फूलगोभी के फायदे हृदय को स्वस्थ रखने में (Phool Gobhi ke Fayde for Heart in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार फूल गोभी मे पाया जाने वाला सल्फोराफेन हृदय रोगों के लक्षणों को रोकने व कम करने में सहायता करता है। इसके साथ ही यह धमनियों को स्वस्थ रखने व रक्तचाप को नियंत्रित रखने में शरीर की मदद करता है ।

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कैंसर में लाभकारी फूलगोभी (Cauliflower Benefits for Cancer in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार फूलगोभी मे सल्फोराफेन की उचित मात्रा होने के कारण यह प्रोस्टेट कैंसर के साथ अन्य प्रकार के कैंसर के लक्षणों को रोकने या कम करने में सहयोग प्रदान करता है।

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फूलगोभी का सेवन हड्डियों को करे मजबूत (Cauliflower for Bone in Hindi)

फूलगोभी में कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन-K उचित मात्रा मे पाई जाती है जो हड्डियों की छती को रोकने मे हत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, साथ ही यह हड्डियों को मजबूत बनाने व रोगों की रोकथाम में मदद करती है।

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मस्तिष्क के लिए फूलगोभी का उपयोग लाभदायक (Cauliflower for Brain in Hindi)

फूलगोभी में पर्याप्त मात्रा में फास्फोरस और कोलीन पाया जाता है । मस्तिष्क के विकास व न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन में कोलिन मदद तो करता ही है साथ ही यह याददाश्त, मांसपेशियों व मनोदशा पर नियंत्रण मे सहायक है।
फूलगोभी में पाया जाने वाला विटामिन बी-6 और पोटेशियम मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

फूलगोभी है कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने में लाभप्रद (Cauliflower Good for Cholesterol in Hindi)

फूलगोभी में पाया जाने वाला फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल को कम कर रक्तचाप को नियंत्रित रखने मे मदद करता है । साथ ही यह धमनियों को सख्त होने से रोकता है । इसमें मौजूद ओमेगा-3 व कोलिन कोलेस्ट्रॉल को जमा होने से रोकने में सहायक हैं।

पाचन-तंत्र के लिए लाभकारी फूलगोभी का सेवन (Cauliflower Benefits for Digestion in Hindi)

फाइबर का एक मुख्य स्रोत होने की वजय से फूलगोभी के सेवन से पाचन-तंत्र स्वस्थ रहता है ।
फाइबर पेट के रोग जैसे – कैंसर, गैस की समस्या , कब्ज, बवासीर, अल्सर, मोटापा आदि से शरीर की रक्षा करतें है । आहार में फाइबर की मौजूदगी पाचन तंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद है।

आंखों के लिए अच्छा है फूलगोभी का सेवन (Cauliflower Good for Eyes in Hindi)

फूलगोभी विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स का समृद्ध श्रोत है , यह बढ़ती उम्र के साथ आंखों मे होने वाले नुकसान और मोतियाबिंद जैसी आंखों की बीमारी से शरीर को बचाता है। फूलगोभी मे पाया जाने वाला सल्फोराफेन ऑक्सीडेटिव रेटिना के ऊतकों को सुरक्षा प्रदान करता है ।

फूलगोभी के दुष्प्रभाव (Phool Gobhi ke Nuksan in Hindi)

आयुर्वेद मतानुसार, फूलगोभी के ये नुकसान भी हो सकते है –

  • फूलगोभी में वातगुण होने से इनका साग गर्म मसाले के साथ तेल में बघारकर बनाना चाहिए ।
  • फूलगोभी को पानी में उबालने पर यह शरीर मे गैस उत्पन्न करता है। इसलिए इसे भाप में पकाकर बनाना ज्यादा हितकर है।
  • पत्तागोभी और फूलगोभी का साग अधिक मात्रा में खाने से वृक्क (किडनी) के रोगियों को मूत्रावरोध होता है। अतः उन्हें दिन में पेशाब नहीं होता परन्तु रात को मूत्र त्याग हेतु बारम्बार उठना पड़ता है।

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