Last Updated on June 17, 2020 by admin
बेलफल क्या है ? : What is Wood Apple in Hindi
बेल या बिल्व का अर्थ हैः रोगान् बिलति भिनत्ति इति बिल्वः। जो रोगों का नाश करे वह बिल्व। बेल के विधिवत् सेवन से शरीर स्वस्थ और सुडोल बनता है। बेल की जड़, उसकी शाखाएँ, पत्ते, छाल और फल, सब के सब औषधियाँ हैं।
बेलफल के औषधीय गुण : Bael fal ke Gun in Hindi
- बेल में हृदय को ताकत और दिमाग को ताजगी देने के साथ सात्त्विकता प्रदान करने का भी श्रेष्ठ गुण है।
- यह स्निग्ध, मुलायम और उष्ण होता है।
- इसके गूदे, पत्तों तथा बीजों में उड़नशील तेल पाया जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
- कच्चे और पके बेलफल के गुण तथा उससे होने वाले लाभ अलग-अलग प्रकार के होते हैं।
- कच्चा बेलफल भूख तथा पाचनशक्ति बढ़ानेवाला, कृमियों का नाश करने वाला है।
- यह मल के साथ बहने वाले जलयुक्त भाग का शोषण करने वाला होने के कारण अतिसार रोग में अत्यंत हितकर है।
- इसके नियमित सेवन से कॉलरा (हैजा) से रक्षण होता है।
- पका हुआ फल मधुर, कसैला, पचने में भारी तथा मृदु विरेचक है।
- इसके सेवन से दस्त साफ होते हैं।
बेलफल के औषधीय प्रयोग और लाभ : Bael fal ke Labh in Hindi
1). उलटी – बेलफल के छिलके का 30 से 50 मि.ली. काढ़ा शहद मिलाकर पीने से त्रिदोषजन्य उलटी में आराम मिलता है।
2). अतिसार – गर्भवती स्त्रियों को उलटी व अतिसार होने पर कच्चे बेलफल के 20 से 50 मि.ली. काढ़े में सत्तू का आटा मिलाकर देने से भी राहत मिलती है।
3). उलटी – बार-बार उलटियाँ होने पर और अन्य किसी भी चिकित्सा से राहत न मिलने पर बेलफल के गूदे का 5 ग्राम चूर्ण चावल की धोवन के साथ लेने से आराम मिलता है।
4). संग्रहणी – इस व्याधि में पाचनशक्ति अत्यंत कमजोर हो जाती है। बार-बार दुर्गन्धयुक्त चिकने दस्त होते हैं। इसके लिए 2 बेलफल का गूदा 400 मि.ली. पानी में उबालकर छान लें। फिर ठंडी कर उसमें 20 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करें।
5). पुरानी जीर्ण संग्रहणी – बेल का 100 ग्राम गूदा प्रतिदिन 250 ग्राम छाछ में मसलकर पियें।
6). पेचिश (Dysentery) – बेलफल आँतों को ताकत देता है। एक बेल के गूदे से बीज निकालकर सुबह शाम सेवन करने से पेट में मरोड़ नहीं आती।
7) जलन – 200 मि.ली. पानी में 25 ग्राम बेल का गूदा, 25 ग्राम मिश्री मिलाकर शरबत पीने से छाती, पेट, आँख या पाँव की जलन में राहत मिलती है।
8). मुँह के छाले – एक बेल का गूदा 100 ग्राम पानी में उबालें, ठंडा हो जाने पर उस पानी से कुल्ले करें। छाले मिट जायेंगे।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)