Last Updated on April 8, 2020 by admin
पेट की गैस का आयुर्वेदिक इलाज : pet ki gas ka ayurvedic ilaj
- मानसिक तनाव, अशांति, भय, चिंता, क्रोध के कारण पाचन अंगों के आवश्यक पाचक रसों का स्राव कम हो जाता है, जिससे अज्रीर्ण(Indigestion) की तकलीफ हो जाती है और अज्रीर्ण का विकृत रूप गैस कि बिमारी पैदा कर देता है।
- भोजन में मूंग, चना, मटर, अरहर, आलू, सेम, चावल, तथा तेज मिर्च मसाले युक्त आहार अधिक मात्रा में सेवन न करें! शीर्घ पचने वाले आहार जैसे सब्जियां, खिचड़ी, चोकर सहित बनी आटें कि रोटी, दूध, तोरई, कद्दू, पालक, टिंडा, शलजम, अदरक, आवंला, नींबू आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।
- भोजन खूब चबा चबा कर आराम से करना चाहिए! बीच बीच में अधिक पानी ना पिएं! भोजन के दो घंटे के बाद 1 से 2 गिलास पानी पिएं। दोनों समय के भोजन के बीच हल्का नाश्ता फल आदि अवश्य खाएं।
- तेल गरिष्ठ भोजन से परहेज करें! भोजन सादा, सात्त्विक और प्राक्रतिक अवस्था में सेवन करने कि कोशिश करें।
- दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें।
- प्रतिदिन कोई न कोई व्यायाम करने कि आदत जरुर बनाएं! शाम को घूमने जाएं! पेट के आसन से व्यायाम का पूरा लाभ मिलता है। प्राणयाम करने से भी पेट की गैस की तकलीफ दूर हो जाती है।
- शराब, चाय, कॉफी, तम्बाकू, गुटखा, जैसे व्यसन से बचें।
- प्राक्रतिक वेगों को रोके रखने कि आदत को छोड़ें जैसे मूत्र या मल।
- दिन में सोना छोड़ दें और रात को मानसिक परिश्रम से बचें।
- एक चम्मच अजवाइन के साथ चुटकी भर काला नमक भोजन के बाद चबाकर खाने से पेट कि गैस शीर्घ ही निकल जाती है।
- अदरक और नींबू का रस एक एक चम्मच कि मात्रा में लेकर थोड़ा सा नमक मिलकर भोजन के बाद दोनों समय सेवन करने से गैस कि सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं , और भोजन भो हजम हो जाता है।
- भोजन करते समय बीच बीच में लहसुन, हिंग, थोड़ी थोड़ी मात्रा में खाते रहने से गैस कि तकलीफ नहीं होती।
- हरड, सोंठ का चूर्ण आधा आधा चम्मच कि मात्रा में लेकर उसमे थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर भोजन के बाद पानी से सेवन करने से पाचन ठीक प्रकार से होता है और गैस नहीं बनती ।
- नींबू का रस लेने से गैस कि तकलीफ नहीं होती और पाचन क्रिया सुधरती है ।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)