Last Updated on March 1, 2024 by admin
शहतूत के औषधीय गुण : Shahtoot Ke Gun in Hindi
- शहतूत पचने में भारी, स्वादिष्ट, शीतल, पित्त तथा वात-नाशक है।
- शहतूत और शहतूत का शर्बत दोनों के गुण समान होते हैं। यह जलन को शांत करता है, प्यास को दूर करता है और कफनाशक होता है।
- शहतूत शरीर में शुद्ध खून को पैदा करता है, पेट के कीड़ों को समाप्त करता है।
- शहतूत पाचनशक्ति (भोजन पचाने की क्रिया) बढ़ाता है। जुकाम और गले के रोगों में लाभदायक है।
- शहतूत में विटामिन-ए, कैल्शियम, फॉंस्फोरस और पोटेशियम अधिक मात्रा में मिलता हैं। जिनके शरीर में अम्ल, आमवात, जोड़ों का दर्द हो, उन लोगों के लिए शहतूत खासतौर पर लाभदायक है।
- शहतूत की औषधियों में रंग और सुगंध डालने के लिए शहतूत के रस से बनाया गया शर्बत काम में लिया जाता है।
- चीन में गुर्दे की कमजोरी, थकान, खून की कमी, अचानक बाल सफेद होने पर शहतूत को दवा की तरह काम में लेते हैं।
- शहतूत से पेशाब के रोग और कब्ज़ दूर हो जाते हैं। शहतूत का रस पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसका रस सिर में लगाने से बाल घने होते हैं।
शहतूत के प्रकार :
शहतूत 2 तरह का होता है- पहला बड़ा शहतूत दूसरा छोटा शहतूत।
शहतूत खाने के फायदे व औषधीय उपयोग : shehtut (Shahtoot) Khane ke Fayde in Hindi
1. लू, गर्मी : गर्मियों में लू से बचने के लिये रोज शहतूत का सेवन करना चाहिए। इससे पेट, गुर्दे और पेशाब की जलन भी दूर होती है। ऑंतों के घाव और लीवर रोग ठीक होते हैं साथ ही रोज सेवन करने से सिर को मजबूती मिलती है।
2. मूत्रघात (पेशाब मे धातु आना) : शहतूत के रस में कलमीशोरा को पीसकर नाभि के नीचे लेप करने से पेशाब मे धातु आना बंद हो जाती है।
3. कब्ज :
- शहतूत के छिलके का काढ़ा बनाकर 50 से लेकर 100 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह और शाम सेवन करने से पेट के अंदर मौजूद कीड़ें समाप्त हो जाते है।
- शहतूत की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से पेट साफ हो जाता है।
4. मुंह के छाले : 1 चम्मच शहतूत के रस को 1 कप पानी में मिलाकर कुल्ली करने से मुंह के दाने व छाले ठीक हो जाते हैं।
5. अग्निमांद्यता (अपच) होने पर :
- शहतूत के 6 कोमल पत्तों को चबाकर पानी के साथ सेवन करने से अपच (भोजन का ना पचना) के रोग मे लाभ होता है।
- शहतूत को पकाकर शर्बत बना लें फिर इसमें छोटी पीपल का चूर्ण मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
6. पित्त ज्वर : पित्त बुखार में शहतूत(shehtut) का रस या उसका शर्बत पिलाने से प्यास, गर्मी तथा घबराहट दूर हो जाती है।
7. शीतज्वर : पित्त की बीमारी को दूर करने के लियें गर्मी के मौसम मे दोपहर को शहतूत खाने से लाभ होता है।
8. पेट के कीड़ें के लिए :
- शहतूत के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- 100 ग्राम शहतूत को खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- 20 ग्राम शहतूत और 20 ग्राम खट्टे अनार के छिलके को पानी में उबालकर पीने से पेट के कीड़ें नष्ट हो जाते हैं।
- शहतूत के पेड़ की जड़ को पानी में उबालकर सेवन करने से आंतों के कीड़े समाप्त होते हैं।
9. दिल की धड़कन : शहतूत का शर्बत बनाकर पीने से दिल की तेज धड़कन सामान्य होती है।
10. हृदय की निर्बलता :
- शहतूत का शर्बत (Shahtoot Sharbat)पीने से हृदय की निर्बलता (दिल की कमजोरी) नष्ट होती है।
- हृदय (दिल) की कमजोरी दूर करने के लिए 250 मिलीलीटर शहतूत का शर्बत लेकर, उसमें 240 ग्राम प्रवाल-भस्म मिलाकर दिन में दो बार पीना हितकर है।
11. शरीर में जलन होने पर : शहतूत(Mulberries) का शर्बत पीने से और उसे खाने से शरीर की जलन दूर हो जाती है।
12. कफ (बलगम) : 50 से 100 मिलीलीटर शहतूत की छाल का काढ़ा या 10 से 50 ग्राम शहतूत के फल का रस सुबह-शाम सेवन करने से कफ (बलगम) खांसी दूर होती है।
13. कण्ठमाला के लिए : शहतूत का शर्बत पीने से मुंह की सारी सूजन और गण्डमाला की सूजन (गांठो की सूजन) समाप्त हो जाती है।
14. गले का दर्द : शहतूत का शर्बत पीने से गले की खुश्की और दर्द ठीक हो जाता है।
15. शरीर को शक्तिशाली बनाना : गाय को लगभग 1 मिलीलीटर शहतूत के पत्ते सुबह और शाम को खिलाकर उस गाय का दूध पीने से शरीर शक्तिशाली बनता है।
16. टांसिल का बढ़ना : 1 चम्मच शहतूत के शर्बत को गर्म पानी में डालकर गरारे करने से गले के टांसिल ठीक हो जाती हैं।
17. गले के रोग में : शहतूत का रस बनाकर पीने से आवाज ठीक हो जाती है, गला भी साफ हो जाता है और गले के कई रोग भी ठीक हो जाते हैं।
18. कण्ठ-दाह : शहतूत(Mulberries) का फल चूसने से या शहतूत का शर्बत बनाकर पीने से कण्ठ-दाह (गले में जलन) दूर होता है।
19. खटमल : (shahtoot ke patte ke fayde) चारपाई पर शहतूत के पत्ते बिछा देने से खटमल भाग जाते हैं।
20. दूधवर्धक : शहतूत रोजाना खाने से दूध पिलाने वाली माताओं का दूध बढ़ता है। प्रोटीन और ग्लूकोज शहतूत में अच्छी मात्रा में मिलते हैं।
21. फोड़ा : शहतूत के पत्तों पर पानी डालकर, पीसकर, गर्म करके फोड़े पर बांधने से पका हुआ फोड़ा फट जाता है तथा घाव भी भर जाता है।
22. छाले : छाले और गल ग्रन्थिशोध में शहतूत का शर्बत 1 चम्मच 1 कप पानी में मिला कर गरारे करने से लाभ होता है।
23. पित्तविकार : पित्त और रक्त-विकार को दूर करने के लिए गर्मी के समय दोपहर मे शहतूत(shehtut) खाने चाहिए।
24. दाद, खुजली : शहतूत के पत्ते पीसकर लेप करने से लाभ होता है।
25. पेशाब का रंग बदलना : पेशाब का रंग पीला हो तो शहतूत के रस में चीनी मिलाकर पीने से रंग साफ हो जाता है।
शहतूत खाने के दुष्प्रभाव : Shahtoot Khane ke Nuksan in Hindi
शहतूत के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं ।
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)