Last Updated on July 22, 2019 by admin
फल एवं सब्जियों को प्रकृति की फार्मेसी कहा जाता है। इन प्रकृति प्रदत्त खाद्यों में चमत्कारिक औषधीय गुण होते हैं जो सिर्फ रोग निवारण ही नहीं करते बल्कि शरीर के सूक्ष्म तंतुओं की मरम्मत व विकास हेतु खनिज लवण व विटामिन्स की प्रचुर मात्रा भी प्रदान करते हैं। विभिन्न रोगों में कौन से फल/सब्जी के रस का प्रयोग करना चाहिए,आईये जानें निम्नलिखित तालिका से –
क्रमांक | रोग | फल/सब्जी रस | मिक्स करके लिए जाने वाले रस |
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1. | अम्लपित्त (Acidity) | सेब, मौसमी, संतरा, तरबूज, अंगूर, मूली | गाजर+ पत्तागोभी |
2. | अल्सर (Ulcer) | नारियल पानी, खीरा, गाजर, पत्ता गोभी, लौकी, गेहूँ के ज्वारे | — |
3. | अनिद्रा (Insomnia) | सेब, अंगूर | गाजर+पालक, प्याज का रस+शहद |
4. | उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) | अनार, संतरा, पपीता, नींबू, चुकंदर, टमाटर, लहसुन, कुल्था, गेहूँ के ज्वारे | — |
5. | कब्ज (Constipation) | सेब, संतरा, मौसमी, अमरुद, पपीता, गन्ना, चुकंदर, गाजर, मूली, आंवला, खीरा, ककड़ी, लौकी, पालक | बेल पानी+ शहद |
6. | कैंसर (Cancer) | अंगूर, सेब, गाजर, चुकंदर, गेहूँ का ज्वारे | —- |
7. | गैस ट्रबल (Gas Trouble) | सेब, पपीता, करेला | मूली + मूली के पत्ते, लहसुन+पानी(3 चम्मच), अदरख+नीबू +शहद+पानी |
8. | गठिया (Rheumatism) | सेब, लहसुन, मेथी | मूली+अदरख+पत्तागोभी, अदरख +नींबू+शहद |
9. | चर्मरोग (Skin Diseases) | सेब, तरबूज, गाजर, चुकंदर, नींबू, खीरा, ककड़ी, टमाटर, करेला, पत्तागोभी, कुल्फा, चौलाई, मूली, पालक | ——- |
10. | ज्वर (Fever) | अनार, संतरा, मौसमी, नींबू | ——- |
11. | जुकाम (Cold) | अनार, संतरा, मौसमी, सेब | अदरख + नींबू + शहद |
12. | दस्त (Dysentry) | अनन्नास, बेल, सेब, चुकंदर | —– |
13. | नेत्र रोग (Eye diseases) | पपीता, गाजर, टमाटर, मूली, पालक, चौलाई, हरा धनिया | आम+दूध+शहद, आंवला+शहद |
14. | पथरी (Stone) | सेब, नारियल, पानी, गन्ना, चुकंदर, खीरा, ककड़ी, मूली, करेला, पत्तागोभी, टिंडा | —– |
15. | पीलिया (Jaundice) | अनार, सेब, संतरा, मौसमी, अंगूर, गन्ना, करेला | मूली+मूली के पत्ते |
16. | बवासीर (Piles) | अनार, पपीता, बेल, टमाटर, चुकंदर, मूली, मेथी | —– |
17. | मोटापा (Obesity) | संतरा, तरबूज, मौसमी, खीरा, ककड़ी, टमाटर, मूली | गर्म पानी+नींबू-टमाटर |
18. | मधुमेह (Diabetes | अनार, संतरा, करेला, सफेद, पेठा, खीरा, टमाटर, गाजर, पालक, मूली | ——- |
19. | वीर्य वर्धक (Sexual Power) | सेब, खीरा, गाजर, टमाटर, मूली | केला+दूध, लहसुन+शहद, प्याज+शहद |
20. | रक्त की कमी (Animia) | गाजर,टमाटर,खीरा, मूली, पालक ,अनार, सेब, अंगूर, नाशपाती, | नींबू+लहसुन+शहद |
21. | हृदय रोग (Heart Diseases) | अनन्नास, पपीता, नारियल पानी, गाजर, लौकी | —— |
( और पढ़े – फलों व सब्जियों के रस में छुपा है सभी बीमारियों का इलाज)
ध्यान दें :
(1) एक समय में 200 से 300 मिली. जूस ले सकते हैं।
(2) बच्चों के लिए प्रतिदिन 100 से 200 मिली. जूस पर्याप्त है।
(3) अदरख+प्याज+नींबू का रस 10 से 20 मिली. से अधिक नहीं लें।
(4) लहसुन का जूस 5 से 10 मिली. से अधिक न लें।
(5) करेला+आंवला जूस 25 से 75 मिली. से अधिक न लें।
(6) शहद 10 से 40 ग्राम की मात्रा में लिया जा सकता है। बच्चों को इसकी आधी मात्रा ही दें।
( और पढ़े – फल-सब्जी और मसालों से रोगों का इलाज)