Last Updated on December 5, 2023 by admin
फल और सब्जियाँ दोनों का रस शरीर के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद होता है। इन रसों के सेवन से मानसिक और शारीरिक विकार दूर होकर शरीर निरोगी रहता है। इन रसों के पोषक तत्त्व खून में आसानी से शोषित हो जाते हैं। इसके पाचन में हमारे पचनेंद्रियों में बहुत कम शक्ति का इस्तेमाल होता है इसलिए शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति में वृद्धि होती है। सब्जियों का रस और फलों का रस एक साथ नहीं लेना चाहिए। आइए, जाने रसाहार से किस तरह रोगमुक्त हो सकते हैं।
1). श्वास की दुर्गंधी : गाजर का रस 1 कप + ककड़ी का रस 1/2 कप + पालक का रस 1/2 कप लेने से श्वास की दुर्गंधी दूर होती है। ( और पढ़े – मुंह की बदबू दूर करने के 15 घरेलू उपाय)
2). क्षयरोग : गाजर का रस 2 चम्मच + 1चम्मच लहसुन का रस + 1 चम्मच शहद लेने से क्षयरोग नष्ट होता है।
3). खाँसी में : लहसुन का रस 1 चम्मच + 1 चम्मच शहद लेने से या प्याज का रस + शहद लेने से लाभ होता है। ( और पढ़े – खांसी दूर करने के 191 सबसे असरकारक देसी नुस्खे )
4). खून की कमी : शरीर में खून की कमी हो तो गाजर, टमाटर, ककड़ी, पालक इत्यादि का रस लेने से फायदा होता है।
5). सर्दी में : अदरक का रस + नींबू का रस + शहद लेने से फायदा होता है। अनार, सेब, संतरा, मोसंबी का रस भी लाभ देते हैं। ( और पढ़े – सर्दी जुकाम के 27 घरेलू उपाय )
6). अम्लपित्त : तरबूज, अंगूर, सेब, गाजर, मूली, बंदगोभी का रस लेने से राहत मिलती है।
7). मधुमेह : मूली, आँवला, करेला, टमाटर, ककड़ी, गाजर, पालक, अनार और संतरे का रस लेना उपयुक्त होता है। सप्ताह में 2-3 दिन करेला + नीम + तुलसी का रस लेने से अद्भुत फायदा होता है। मेथी के दानों को रातभर भिगोकर सुबह पानी पीने से अत्यंत लाभ होता है। ( और पढ़े – शुगर की गुणकारी आयुर्वेदिक औषधियां )
8). संधिवात : संधिवात में अदरक, नींबू, शहद और अदरक + पत्तागोभी का रस लेने से फायदा होता है।
9). नेत्ररोग : आँवला, शहद, पपया, गाजर, टमाटर, मूली, पालक, चौलाई, हरा धनिया इत्यादि का रस लाभकारी होता है।
10). उच्च रक्तचाप : गेहूँ, अनार, संतरा, पपीता, नींबू, टमाटर, बीट, लहसुन आदि का रस फायदेमंद होता है। ( और पढ़े – हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) से बचने के सरल उपाय )
11). मलावरोध : ककड़ी, पालक, आँवला, गाजर, गन्ना, सेब, संतरा, पेरू, लौकी, पपीता इत्यादि रस फायदेमंद होते हैं।
12). निम्न रक्तचाप : मीठे फलों का रस लें। इसमें दूध फायदेमंद होता है। अंगूर और मौसमी का रस भी ले सकते हैं। ( और पढ़े – लो बीपी दूर करने के 11 घरेलू उपाय )
13). अनिद्रा : अनिद्रा की समस्या से निजात पाने के लिए रात में अंगूर (150 ग्राम) या सेब (150 ग्राम) का रस लेना फायदेमंद होता है । इसके अलावा पीपला मूल (1/4 चम्मच) + शहद (1 चम्मच) रात को सोते वक्त लेने से भी फायदा देता है।
14). अल्सर : अंगूर (150 ग्राम) या गाजर (50 ग्राम) + गोभी का रस (50 ग्राम) दिन में दो ‘बार लें । साथ में दूध भी लें। फायदा होगा।
15). सिरदर्द : ककड़ी (50 ग्राम) + बीट (50 ग्राम) + गाजर (50 ग्राम) + गोभी का रस (50 ग्राम) + नारियल का रस लें । फायदा होगा। ( और पढ़े – सिर दर्द के दूर करने के 41 देसी नुस्खे )
16). वजन कम करने के लिए : अनानास, गोभी, नींबू का रस, तरबूज का रस इनमें से किसी एक का रस लें। दिन में 2 से 3 बार, कम से कम 150 मि. ग्रा. ।
17). वजन बढ़ाने के लिए : पालक + गाजर + बीट + नारियल का पानी + गोभी के रस का मिश्रण लेना फायदेमंद होता है। इसके अलावा, दूध, दही, सूखा मेवा या अंगूर और सेब का रस लेना भी वजन बढ़ाने में सहायक होता है।
18). ब्रोन्कायटिस : पपीते का रस 1 गिलास, गाजर का रस 1 गिलास, अदरक का रस 1 चम्मच, तुलसी का रस 1 चम्मच, मूंग का सूप 1 गिलास या सब्जियों का सूप लेना फायदेमंद होता है।
19). पथरी : पथरी हो तो हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन बंद कर दें। दिन में दो बार ककड़ी का रस (50 ग्राम) + गाजर का रस (50 ग्राम) या कद्दू का रस (50 ग्राम) पथरी की समस्या दूर करने में सहायक होता है। इसे दिन में 2 बार लें।
20). फ्लू : दिन में 2 बार 1 चम्मच अदरक का रस + तुलसी का रस + 50 ग्राम गाजर का रस लेने से फायदा होगा।
21). बवासीर : मूली का रस 3 चम्मच + अदरक का रस 1 चम्मच, घी में 1 चम्मच सुबह और रात को लें।
22). संधिवात : लहसुन 1/2 चम्मच, अदरक का रस 1 चम्मच, गाजर 50 ग्राम, पालक का 1/2 गिलास, ककड़ी का रस 1/2 गिलास, गोभी का रस 1/2 गिलास, हरा धनिया 2 चम्मच, सेब का रस 1 गिलास, गेहूँ के जवारे 1 गिलास तथा नारियल पानी लेना फायदेमंद होता है। इसे दिन में कम से कम 2 बार उपलब्धता के अनुसार पूरे साल लें।
23). दमा : लहसुन का रस 1/2 चम्मच + अदरक का रस 1/2 चम्मच + तुलसी का रस 1 चम्मच + बीट का रस 50 ग्राम, दिन में एक बार लें। इसके अलावा दिन में एक बार गोभी का रस 1/2 गिलास या गाजर का रस या सब्जी का गरम सूप या मूंग का सूप लेना दमे की समस्या में फायदेमंद होता है। साथ ही रोजाना एक गिलास बकरी का शुद्ध दूध भी दमे से निजात दिलाने में सहायक है।
24). पायरिया : गेहूँ के जवारे 1/2 गिलास, गाजर 1/2 गिलास, नारियल का रस 4 चम्मच, ककड़ी 1/2 गिलास, पालक 4 चम्मच और शेपू (सोआ) का रस 4 चम्मच लेना लाभदायक होता है।
25). अस्थिभंग : दवाइयों के साथ रसाहार लाभप्रद होगा। पालक, मेथी, सेम की फल्ली और अजवाइन के पत्तों का मिश्र रस लें। आँवला, ककड़ी, गाजर, जाम और पपीते का रस लें।
26). कृमि : एक गिलास गरम पानी में लहसुन का रस और 1 चम्मच प्याज का रस मिलाकर सेवन करें । लाल कद्दू का रस भी परिणामकारक होता है। मेथी, पुदीना, पपीते का रस लाभदाई होता है।
27). गाऊट : इस रोग में गुनगुने पानी में शहद और नींबू लेना फायदेमंद रहता है । गरम पानी में 1-1 चम्मच लहसुन और प्याज का रस भी लाभ देता है । गाऊट के रुग्ण को मुख्यतः फरसबी और चेरी का रस लेना चाहिए। आलू का रस भी लाभदायक होता है। मद्यपान, मांसाहार और प्रोटिनयुक्त आहार बंद करें।
28). कैंसर : इसमें गेहूँ के ज्वारों का रस लेना लाभदायक होता है।
29). हृदय विकार : गाजर का रस 1 कप + पालक का रस 1/2 कप मिलाकर पीने से खून की अल्पता, हृदय विकार, मोतीबिंदु, नेत्ररोग, मलावरोध, हर्निया इत्यादि में लाभ होता है।
रसाहार के नियम :
- फलों का या सब्जियों का रस मुख्य आहार के साथ नहीं लेना चाहिए। भोजन से एक घंटा पहले या एक घंटे के बाद ले सकते हैं।
- एक समय में 250 से 300 मि. ली. से अधिक रस सेवन नहीं करना चाहिए।
- रोग की तीव्रता कम करने के लिए केवल रसाहार लेना भी उचित होता है। ऐसे समय में दिन में 7-8 बार 2 घंटे के अंतराल में रसाहार ले सकते हैं, किंतु ऐसा प्रयोग किसी तज्ञ के मार्गदर्शन में लेना चाहिए ।
- केवल रसाहार पर निर्भर होने पर पेटदर्द, जुलाब, सिरदर्द, नींद न आना आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ऐसी अवस्था में उन्हें दवाई से दबाना ठीक नहीं। ऐसे लक्षण कुछ समयोपरांत ठीक होते है।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
अनार, संतरा, चुकंदर, गाजर आदी का जूस लिया जा सकता है । ~ हरिओम
Sir dimagi kaam jayda karne wale log kaun sa juice pee sakte hai
बहुत उपयुक्त जानकारी दी गई है, फलो के रस के बारे में ।धन्यवाद ।