Last Updated on July 2, 2024 by admin
चम्पा का पेड़ कैसा होता है ? :
चम्पा के पेड़ बगीचों में लगाये जाते हैं। इसके पत्ते लम्बे-लम्बे महुआ के पत्तों की भांति पीले रंग के तथा कोमल होते हैं। इसके फूल पीले 4-5 पंखुड़ियों सहित 5-7 केसरों से युक्त होते हैं। मालवा देश में इसकी उत्पत्ति अधिक होती है। इसका पेड़ विशाल होता है।
चम्पा के पत्ते रामफल के पत्तों के समान होते हैं। इसका फूल बहुत ही पीला और सुगन्धित होता है। यह कुछ गर्म और शीतल होता है।
चम्पा का विभिन्न भाषाओं में नाम :
हिन्दी | चम्पा |
संस्कृत | चांपेय, चम्पक, हेमपुष्प |
गुजराती | चंपों |
मराठी | सोनचांप |
लैटिन | मिचेलिया चम्पेका |
चम्पा के औषधीय गुण (Champa ke Gun)
- रंग : चम्पा के पेड़ पीले रंग के होते हैं।
- स्वाद : इसका स्वाद तीखा होता है।
- स्वभाव : यह ठण्डी प्रकृति की होती है।
- चम्पा वीर्य को बढ़ाने वाली है।
- हृदय के लिए लाभकारी है।
- यह जलन और पित्त को शांत करती है।
- खून की खराबी को नष्ट करती है।
- इसको सूंघने से दिल और दिमाग शक्तिशाली बनता है।
विभिन्न रोगों में चम्पा के फायदे और उपयोग (Champa ke Fayde aur Upyog)
1. पुनरावर्तक ज्वर : चम्पा की जड़ की फांट को 40 से 80 मिलीलीटर तक की मात्रा में रोगी को देने से लाभ होता है।
2. आमाशय का जख्म : चम्पा के फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से आमाशय का घाव एवं दर्द ठीक हो जाता है।
3. कब्ज : चम्पा की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से दस्त आकर कब्ज की शिकायत मिट जाती है।
4. नष्टार्तव (बंद मासिक-धर्म) : चम्पा की जड़ का चूर्ण 600 मिलीग्राम से 1.80 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम देने से आर्तव (माहवारी) जारी हो जाती है।
5. पेट के कीड़ों के लिए :
- चम्पा के फूलों को पीसकर प्राप्त हुए रस को निकालकर 3 मिलीलीटर की मात्रा में लेकर शहद के साथ चाटने से आंतों के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- 10 मिलीलीटरचम्पा के फूलों के रस को शहद के साथ पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- चम्पा के 20 मिलीलीटर ताजे पत्तों के रस को पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और पेट के दर्द में लाभ होता है।
6. पेट में दर्द होने पर :
- 10 मिलीलीटर चम्पा के पत्तों का रस लेकर 20 ग्राम शहद के साथ मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से पेट के दर्द में लाभ होता है।
- चम्पा के पत्तों को पीसकर शहद में मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
7. गठिया : गठिया के रोगी को चम्पा के फूलों से बने हुए तेल से मालिश करने से लाभ मिलता है।
8. फोड़ा : चम्पा की जड़ की छाल को दही में पीसकर फोड़ों पर लगाने से उनकी सूजन ठीक हो जाती है।
9. हाथ-पैरों की ऐंठन : हाथ-पैरों पर चम्पा के फूलों का तेल बनाकर मालिश करने से ऐंठन वाला दर्द ठीक हो जाता है।
10. कुष्ठ (कोढ़) : 3 ग्राम चम्पा की छाल के चूर्ण को दिन में 2 बार पानी के साथ खाने से दूषित रक्त (खून की खराबी) साफ हो जाता है।
11. दाद : पैर के दाद पर चम्पा के फूलों को पीसकर लगाने से लाभ होता है।
12. शरीर को शक्तिशाली बनाना : शरीर की शक्ति को बढ़ाने के लिए चम्पा के फूलों का चूर्ण बनाकर इस चूर्ण में शहद मिलाकर खाने से शरीर शक्तिशाली बन जाता है।
चम्पा के दुष्प्रभाव (Champa ke Nuksan)
चम्पा भूख को रोकती है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)