Last Updated on April 13, 2023 by admin
हिगोट का पेड़ (Hingot Tree in Hindi)
हिगोट के पेड़ भारत के दक्षिणी क्षेत्र में ज्यादा पाये जाते हैं। इसका पेड़ काफी बड़ा होता है। इसके पेड़ पर कांटे होते हैं। हिंगोट का पेड़, तीखा, लघु, कड़वा, गर्म और रसायन होता है। इसके फूल मधुर, चिकने और कड़वे होते हैं। अकाल के समय गांव के गरीब लोग इसका गूदा और लकड़ी खाकर गुजारा करते हैं।
हिगोट का विभिन्न भाषाओं में नाम :
- संस्कृत : इंगुदी
- हिंन्दी : हिंगोट या गौदी
- अंग्रेजी : डेलिल
- गुजराती : इंगला या हिंगुल
- तैलिंगी : गरा
- अरबी : हिलेलजे
- लैटिन : बेलेनाइट्स या रोकसबर्धिआइ
हिगोट के फायदे और उपयोग (Hingot ke Fayde aur Upyog)
1. नहारूपर: हिंगोट की जड़ की छाल और हींग को एक साथ कूटकर नहारूपर बांधे। बांधने के चौथे दिन खोलें। इससे लाभ मिलता है।
2. मुंहासे: हिंगोट के गूदे को ठण्डे पानी में घिसकर मुंह पर लगाने से मुंहासे साफ हो जाते हैं।
3. स्तन रोग: हिंगोट की जड़ को घिसकर गर्म करके लेप करें और धतूरे के पत्तों को सेंककर बांधे और इस औषधि को तीन दिन तक लगाने से स्तनों के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं।
4. आंखों से पानी बहना: हिंगोट के फल को पानी में घिसकर आंखों पर काजल की तरह लगाना चाहिए। इससे आंखों से पानी का बहना बंद हो जाता है।
5. दर्द: हिंगोट के फल का गुदा खायें या हिंगोट की जड़ को पानी में घिसकर पी लेना चाहिए।
6. कुत्ते के काटने पर: गुड़ खाकर ऊपर से हिंगोट की छाल का चूर्ण मठ्ठे में डालकर पीना चाहिए।
7. कालरा: हिंगोट की छाल का चूर्ण दही के साथ देना चाहिए।
8. खांसी: हिंगोट के गूदे की गोली बनाकर खाना चाहिए।
9. कब्ज: हिंगोट (हिंगन) के फल का गूदा 120 मिलीग्राम से 360 मिलीग्राम तक लेने से पेट साफ हो जाता है। कच्चा फल खाने से पेट साफ होता है।
10. घाव: हिंगोट की गुठली से निकाला हुआ तेल घाव पर लगाने से हर तरह के घाव शीघ्र ठीक हो जाते हैं।
11. जलना: हिंगोट (हिंगन) की गुठली से निकाले हुए तेल को जले हुए भाग पर लगाने से बहुत लाभ होता है।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)