तगर के फायदे, गुण और उपयोग – Tagar ke Fayde Gun aur Upyog

Last Updated on May 23, 2023 by admin

तगर क्या है ? : 

    तगर के पेड़ कश्मीर से भूटान तथा हिमालय क्षेत्रों में पाये जाते हैं। तगर के टेढ़े-मेढ़े जड़ होते हैं और इसे `सुगन्ध बाला´ नाम से जाना जाता है। 

बाहय स्वरूप- तगर का पौधा लगभग सात से 15 इंच तक ऊंचे जमीन पर फैला हुआ बेल के रूप में होता है। इसके पत्ते का आकार, हृदय के समान लट्वाकार, एक से तीन इंच लम्बे तथा 1-1 इंच चौड़े होते हैं।

इसके फूल सफेद, कुछ-कुछ गुलाबी तथा एकलिंगी होते हैं। इसके फल पर रोम पाये जाते हैं।

तगर के गुण : 

इसका अवसाद प्रभाव केन्द्रीय नाड़ी संस्थान पर पड़ता है। इसलिए यह हिस्टीरिया और स्त्रियों में उदरगत (पेट के अंदर) की वायु एवं रक्त स्राव (खून का बहना) की विकृति से होने वाले नाड़ी संक्षोप की अवस्था में लाभकारी होता है।

रासायनिक संघटन : तगर में 0.5 प्रतिशत से 2.10 प्रतिशत तक एक उड़नशील तेल पाया जाता है, जो इसका मुख्य तत्त्व है। इस तेल में वैलेरिक एसिड, र्प्यीन एल्कोहल, एरेकिडिक एसिड, वसाम्ल तथा सेस्क्बिटर्पीन आदि तत्त्व पाये जाते हैं।

तगर का विभिन्न भाषाओं में नाम :

हिंदीतगर।
संस्कृततगर, वक्र, कुटिल, नहुष, नत, शठ, दीपन।
गुजरातीगंठोडा, तगर।
मराठीतगर मूल।
पंजाबीसुगन्धबाला।
अरबीसारून।
फारसीआसारून।
बंगालीतगर पादुका।
तैलगूगन्धि तरग, कुचेट्टे।
अंग्रेजीइंडियन वैलीरीन

तगर के फायदे और उपयोग (Tagar ke Fayde aur Upyog)

1. आक्षेप (लकवा) : सिर और मज्जा तन्तुओं की खराबी से पैदा हुए मधुमेह और बहुमूत्र में तगर के ताजे फल को लगभग चौथाई ग्राम से एक ग्राम की मात्रा तक दिन में दो या तीन बार सेवन करने से लाभ मिलता है। यह सिर के रोग, उन्माद, अपस्मार (मिर्गी), विष के विकारों और मधुमेह (शूगर) रोग को ठीक करने में उपयोगी होता है।

2. अनियमित मासिकधर्म (माहवारी ठीक समय पर न आना) : तगर का 1 से 3 ग्राम चूर्ण या 50 से 100 मिलीलीटर पानी में मिलाकर काढ़ा बना लें। इसका सेवन करने से मासिकधर्म नियमित हो जाता है। यह नींद को लाता  है और पुराने प्रमेह को ठीक करता है।

3. आंखों का दर्द : तगर के पत्तों को पीसकर आंखों के बाहरी हिस्सों में लेप करने से आंखों का दर्द बंद हो जाता है।

4. हृदय के लिए : तगर को थोड़ी मात्रा में सेवन करने से रक्तसंचारण क्रिया तेज होती है। तगर को बारीक पीसकर गर्म पानी में मिलाकर छानकर सेवन करने से हृदय की शक्ति और नाड़ी की शक्ति में वृद्धि होती है। ज्यादा मात्रा में यह नुकसानदायक होता है।

5. स्नायु रोग (नरवस सिस्टम) : तगर की जड़ (मूल) को कूटकर उसमें 4 भाग पानी व बराबर मात्रा में तिल का तेल मिलाकर धीमी आग पर पकाएं तथा इसके बाद इसे छानकर सेवन करने से सभी प्रकार के स्नायु शूल व नसों की कमजोरी दूर होती है।

6. संधिवात (जोड़ों के दर्द) :

  • तगर को यशद की राख के साथ सेवन करने से गठिया, पक्षाघात, कण्ठ के रोग व सन्धिवात आदि रोग ठीक हो जाते हैं।
  • छाती के हडि्डयों की जोड़ के दर्द में तगर की हरी जड़ की छाल की तीन ग्राम मात्रा को छाछ में पीसकर पीना चाहिए।

7. घाव : पुराने जख्मों (घावों) और फोड़ों पर इसका लेप करने से जख्म जल्दी भरकर ठीक हो जाते हैं।

8. भ्रम एवं रोग भ्रम : लगभग 25 मिलीग्राम से 900 मिलीग्राम तगर का चूर्ण बनाकर रोगी को सुबह और शाम को देने से भ्रम रोग दूर हो जाता है।

9. योनि रोग : तगर, सेंधानमक, कटेरी, कूठ और देवदारु को मिलाकर तिल के तेल में पकाकर मिश्रण बना लें, फिर इसी तेल में भिगी हुई रुई का फोहा बनाकर योनि में रखने से योनि का दर्द शांत हो जाता है।

10. घबराहट या बेचैनी : लगभग 250 मिलीग्राम ग्राम से 900 मिलीग्राम तगर के चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ लेने से घबराहट दूर हो जाती है इसके अलावा मानसिक अशांति खत्म हो जाती है।

11. हाथ पैरों की ऐंठन – हाथ-पैर की ऐंठन को दूर करने के लिए लगभग 150 मिलीग्राम तगर का सेवन करने से लाभ मिलता है।

12. हिस्टीरिया : लगभग 250 मिलीग्राम से 900 मिलीग्राम तगर के चूर्ण का सेवन करने से हिस्टीरिया ठीक होने लगता है।

13. मस्तिष्क से रक्तस्राव होने के कारण बेहोशी आना : लगभग 2 से 5 बूंद तगर के तेल को गोंद के साथ मिलाकर दालचीनी के काढ़े के साथ रोगी को सेवन कराएं इससे उसकी बेहोशी दूर हो जाएगी।

14. मिर्गी (अपस्मार) : लगभग 2 ग्राम तगर को ठंडे पानी में पीसकर 1 महीने तक प्रतिदिन सुबह पीने से हिस्टीरिया और मिर्गी का रोग ठीक हो जाता है।

15. कम्पवात (शरीर का कांपना) – लगभग 250 से 900 मिलीग्राम तगर के चूर्ण को यशद भस्म के साथ सुबह-शाम सेवन करने से कम्पवात ठीक होता है।

16. थकावट होना : लगभग 250 मिलीग्राम से 900 मिलीग्राम तगर को यशद भस्म के साथ मिलाकर सेवन से शरीर की थकावट दूर हो जाती है।

अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।

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