Last Updated on May 29, 2023 by admin
रक्ताल्पता (एनीमिया) क्या है ? :
शरीर में खून की कमी हो जाने को रक्ताल्पता अर्थात एनीमिया रोग कहते हैं। इस रोग के कारण रोगी के शरीर में पाए जाने वाले स्वस्थ लाल रक्त कणिकाओं की मात्रा कम हो जाती है। इस रोग के होने का एक प्रमुख कारण शरीर में लौह तत्व (आयरन) की कमी हो जाना भी होता है।
रक्ताल्पता (एनीमिया) के कारण :
एनीमिया रोग के होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- किसी चोट के कारण शरीर से अधिक मात्रा में खून बह जाना, शरीर में आयरन की कमी होना, शरीर को पौष्टिक भोजन न मिल पाना आदि। कई बार स्त्रियों में यह रोग मासिकधर्म के दौरान अधिक खून निकल जाने के कारण भी हो जाता है। कई बार तो ऐसा होता है कि लाल रक्त कोशिकाएं बहुत अधिक मात्रा में नष्ट हो जाती है तथा इसके बदले में नई रक्त कोशिकाओं की मात्रा कम बनती है जिसके कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है।
शरीर में खून बनने की क्रिया में लौह तत्व का अधिक उपयोग होता है। यदि शरीर में इसकी कमी हो जाती है तो शरीर में खून का बनना रुक जाता है। विटामिनों की कमी और कोशिकाओं के नष्ट होने से पैदा होने वाली रक्ताल्पता विटामिन B12 और फॉलिक एसिड की अपर्याप्त आपूर्ति के कारण पैदा होता है। इसलिए जो लोग इनका सेवन नहीं करते हैं वे ही अक्सर रक्ताल्पता रोग से ग्रस्त रहते हैं। लेकिन विटामिन B12 की कमी कुछ ऐसे व्यक्तियों में भी हो सकती है जिनका शरीर विटामिनों को पचाने में पूरी तरह सक्षम नहीं होता है।
रक्ताल्पता (एनीमिया) के लक्षण :
रक्ताल्पता रोग से पीड़ित व्यक्ति को हर समय बेचैनी सी महसूस होती रहती है तथा उसे लगता है कि उसका शरीर थका-थका सा है। इस कारण से उसके शरीर में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन की खपत नहीं हो पाती है और न वह व्यक्ति सांस द्वारा ऑक्सीजन का उपयोग अधिक मात्रा में कर सकता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा की चमक गायब हो जाती है तथा उसका शरीर पीले रंग का दिखने लगता है। इस रोग के कारण व्यक्ति की एड़ी के ऊपर वाले जोड़ों में सूजन पैदा हो जाती है।
एक्यूप्रेशर चिकित्सा के द्वारा रक्ताल्पता (एनीमिया) का उपचार :
रक्ताल्पता (एनीमिया) रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी को अपने भोजन पर ध्यान देना चाहिए। उसे अपने भोजन में मांस, अंडे और लौह तत्व वाले पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए। इस रोग का उपचार एक्यूप्रेशर चिकित्सा के द्वारा भी किया जा सकता है।
(प्रतिबिम्ब बिन्दु पर दबाव डालकर एक्यूप्रेशर चिकित्सा द्वारा इलाज करने का चित्र)
इस चित्र में दिए गए एक्यूप्रेशर बिन्दु के अनुसार रोगी के शरीर पर दबाव देकर रक्ताल्पता (एनीमिया रोग) का उपचार किया जा सकता है। रोगी को अपना इलाज किसी अच्छे एक्यूप्रेशर चिकित्सक की देख-रेख में ही कराना चाहिए क्योंकि एक्यूप्रेशर चिकित्सक को सही दबाव देने का अनुभव होता है और वह सही तरीके से रक्ताल्पता (एनीमिया रोग) का उपचार कर सकता है।