धुंधला दिखने के कारण, लक्षण, होम्योपैथिक दवा और इलाज – Aankho me Dhundla pan ki Homeopathic Dawa aur Upchar

Last Updated on February 9, 2023 by admin

आंखों में धुंधलापन :

       इस रोग के कारण रोगी को धुंधला दिखाई देता है तथा उसके आंखों के सामने ऐसा लगता है जैसे कि कुहरा छाया हो। वैसे तो इस रोग के होने का कारण ठीक प्रकार से कहा नहीं जा सकता है लेकिन यह रोग शरीर खराब हो जाने पर ही अक्सर होता है। यह रोग किसी-किसी बीमारी के साथ भी हो सकता है।

धुंधला दिखाई देने का कारण :

  • इस रोग के होने का सबसे प्रमुख कारण डायबेटिक मेलीलोटस औषधियां जैसे-रक्तचाप रोधी, अवसाद रोधी और स्टेराइड्स ड्रग्स का लम्बे समय तक आंखों में डालना के कारण होता है।
  •  मोतियाबिन्द के कारण भी यह रोग हो जाता है। 
  • अधिक देर तक आंखों का इस्तेमाल करने तथा देर तक किसी चीज को देखने से भी यह रोग हो सकता है।
  •  सही प्रकाश में न देखने के कारण भी यह रोग हो सकता है। 
  • शरीर में अधिक कमजोरी आने के कारण भी यह रोग हो सकता है। 
  • अंधेरे में टी.बी. देखने या कम प्रकाश में पढ़ने तथा आंखों पर ज्यादा दबाव पड़ने से यह रोग हो जाता है।

धुंधला दिखाई देने पर लक्षण :

  •  इस रोग से पीड़ित रोगी के एक आंख में या आंख के चारों ओर धीमा दर्द होता रहता है, हलकी धुंधली दृष्टि हो जाती है।
  •  इस रोग के लक्षण सोने या आराम करने से कम होता हैं।
  •  इस रोग के होने पर रोगी की आंख की पुतली फैल जाती है, 
  • अधिक आंसू आता है,
  •  प्रकाश के चारों ओर घेरा दिखाई देता। 
  • रोगी के सिर में दर्द होता रहता है और जी मिचलाता रहता है और उल्टियां होती है। 
  • पलकों पर सूजन भी हो जाती है।

आंखों में धुंधलापन का होम्योपैथिक इलाज ( Aankho me Dhundla pan ka Homeopathic Ilaj)

1. फासफोरस – धुंधला दिखना, आंखों के आगे काले धब्बे से दिखना, आंखों के ऊपर हाथ की छाया करने पर अच्छी तरह दिखाई देना । रोशनी के चारों तरफ हरा-हरा चक्कर सा दिखाई देना । इसमें 200 शक्ति का सप्ताह में एक बार काफी दिनों तक दें। 1000 शक्ति का या और ऊंचे क्रम में देर-देर में दिया जा सकता है ।

2. कैलकेरिया फ्लोर 6X –  5-5 टिकियां दिन में दो बार कुछ दिनों तक दें।

3. कास्टीकम – आंखें बार-बार मलने को जी चाहे । काले धब्बे दिखाई

4. लाइकोपोडियम – मासिक धर्म बन्द होकर मोतिया हो जाए या बहुत लम्बे बुखार आदि के बाद हो तो ।

5. नेट्रम म्योर, सीपिया, साइलीशिया, युफ्रेशिया, पल्साटीला आदि अनेक और दवाएं भी आंख के रोगों में लक्षणानुसार काम आती हैं- उनके लक्षण अच्छी तरह देखकर दी जा सकती हैं। कम से कम 8-10 महीने दवा करते रहना चाहिए ।

6. सिनरेरिया मैरीटीमा सक्कस – एक दवा ‘सिनरेरिया मैरीटीमा सक्कस’ दिन में 3-4 दफा दो-दो बूंद आंख में 5-6 महीने तक बराबर डालते रहना चाहिए । यह एक पौधे का अर्क है । दावा किया गया है कि यह दवा डालने से मोतिया रुक जाता है और साल-दो साल डालने से धुल जाता है । यह दवा अमेरिका व जर्मनी से आती है । मगर अब यहां भी बनती है, क्योंकि यह पौधा यहां भी पैदा होता है । विदेशी दवा बहुत मंहगी पड़ती है । अपने देश की बनी दवा भी उतना ही लाभ करती है ।

7. चायना – एकाएक कभी -कभी कम दिखाई देने लगता है । बहुत धूप में देखते रहने, तेज़ चमकीले पदार्थों को देखने, नशा करने, सर्दी लग जाने, पसीना रुक जाने, मासिक धर्म रुक जाने आदि से ऐसा हो जाता है। अधिक खून निकल जाने से दृष्टि क्षीण हो तो चायना 6 या 30 एक-दो खुराक रोज़ दें । फासफोरस भी इसमें उपकारी है। 

8. प्रतिदिवस प्रातःकाल ठण्डे पानी से आंखों को धोना लाभकारी है।

धुंधला दिखाई देने पर क्या करें क्या न करें : 

धुंधलापन दिखाई देने पर रोगी को क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए :-

  • इस रोग के होने पर रोगी को उचित सलाह लेकर ही उपचार करना चाहिए।
  • यदि रोगी को मधुमेह या अधिक रक्तचाप का रोग है तो सबसे पहले इन रोगों का उपचार करना चाहिए फिर इस रोग का उपचार करना चाहिए।
  • रोगी को कम प्रकाश की रोशनी में कोई काम या पढ़ने-लिखने का कार्य नहीं करना चाहिए।
  • इस रोग से पीड़ित रोगी को अंधेरे कमरे में टी.वी. नहीं देखना चाहिए।
  • धूम्रपान या शराब पीने से बचना चाहिए क्योंकि ये आंखों की बीमारियों को उत्तेजित करते हैं।
  • रोगी को भोजन में हरी पत्तियों वाली सब्जियों, फलों, विटामिन-सी युक्त पदार्थ का उपयोग करना चाहिए।
  • रोगी को अंगूर, नींबू, संतरे, कैल्शियम, विटामिन- ´ए´ तथा विटामिन- ´बी´ का सेवन करना चाहिए।
  • आंखों से सम्बन्धित कई प्रकार के व्यायाम करने से भी रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है। व्यायाम करने के लिए आंखों को ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं घुमाना चाहिए तथा चक्राकार रूप में घुमाना चाहिए तथा गर्दन को भी वृत्ताकर और अर्धवृत्ताकार रूप में घुमाना चाहिए। रोगी को ताजी हवा में सांस लेनी चाहिए और सुबह के समय में व्यायाम करना चाहिए। पैदल चलना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है तथा पैदल चलने से आंखों की रोशनी भी अच्छी होती है।

(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)

Leave a Comment

Share to...