Last Updated on September 20, 2019 by admin
आँखों की बिमारी मे खान-पान :
जिनको नेत्र-रोग हो, उन्हें नीचे लिखी हुई बातों से परहेज करना चाहिये-
☛ क्रोध, शोक, स्त्री-प्रसङ्ग, रोना, अधोवायु और मल-मूत्र रोकना ।
☛ नींद आने पर न सोना ।
☛ आती हुई कय (वमन) को रोकना ।
☛ बारीक़ चीज़ों को देखना ।
☛ धूप में घूमना ।
☛ देर रात को खाना ।
☛ आँखों में धुआँ जाने देना ।
☛ बहुत बोलना ।
☛ लाल कपड़ा देखना ।
☛ दही, पत्तों के साग, तरबूज, मछली, शराब, खटाई, नमक, दाहकारी, कड़वे, गर्म और भारी अन्न-पान आदि सेवन करना।
आँखों की बिमारी मे यह खाया जा सकता है –
नेत्र-रोगियों को मूंग, जौ, लाल चावल, घी, लहसन, परवल, बैंगन, ककोड़ा, करेला, नया केला और नयी मूली आदि पदार्थ पथ्य हैं।
बहुत ही सरल और सुलभ नेत्र-रोग नाशक उपाय व नुस्खे : netra rog chikitsa
(१) आँखों के दर्द मे आपामार्ग के फायदे –
अगर आँखें दुखती हों, तो चिरचिरे(आपामार्ग) की जड़ और ज़रा-सा सेंधा नमक मिला कर पीस लो। पीछे उस चूर्ण को ताँबे के बर्तन में डाल कर दही के पानी से खरल कर के आँखों में आँजो।
(२) आँखों के दर्द मे धनिया के लाभ –
अगर बालक की आँखें दुखे, तो ज़रा-सा “धनिया” एक साफ़ कपड़े की पोटली में रख कर ऊपर से मुँह बाँध कर शीतल जल में छोड़ दो। पीछे उस पोटली को बालक की आँखों पर फेरो।
(३) एलोवेरा के फायदे आँखों के दर्द में –
एलोवेरा का गूदा एक ग्राम और अफ़ीम एक रत्ती(1 ratti = 0.1215 gram) इन दोनों को महीन पीस कर, कपड़े की पोटली बना कर, पानी में डाल दो। इसके बाद पोटली को, पानी में डुबो-डुबो कर आँखों पर फेरो और एक-दो बूंद दवा पोटली में से आँखों पर भी निचोड़ दिया करो। आँखों के दुखने पर यह नुसख़ा बहुत ही उत्तम साबित हुआ है।
(४) लोध के फायदे आँखों के दर्द में –
लोध एक ग्राम, भुनी हुई फिटकरी एक ग्राम, अफ़ीम आधा ग्राम और इमली की पत्तियाँ चार ग्राम—इन चारों को पीस कर और एक पोटली बना कर पानी में डाल दो। पोटली को आँखों पर फेरते रहो। यह नुस्खा हमारे एक मित्र का आजमाया हुआ है।
(५) नीम के फायदे आँखों के दुखने में –
नीम की कोंपलों को पीस कर उसका रस निकाल लो। इस रस को ज़रा गर्म कर के, सुहाता-सुहाता उस तरफ के कान में टपकाओ, जिस तरफ की आँख न दुखती हो। अगर दोनों आँखें दुखती हों, तो दोनों कानों में टपका दो। बच्चों की आँखें दुखने पर यह नुस्खा अच्छा है।
(६) आपामार्ग से आँख की फूली का उपचार –
“चिरचरे (आपामार्ग )की जड़” शहद में घिस कर आँजने से आँख की फूली कट जाती है।
(७) बड़ के दूध से आँख की फूली का इलाज –
बड़ के दूध में “कपूर” मिला कर आँजने से एक-दो महीने तक की फूली कट जाती है।
(८) कड़वी तूम्बी से रतौंधी का इलाज –
“कड़वी तूम्बी (कटतुम्बा, इन्द्रवारूणी, इन्द्रायण)का रस” शहद में मिला कर आँजने से आँख की फूली और रतौंधी आराम हो जाती है।
(९) बड़(बरगद) के दूध से नेत्र-पीड़ा का इलाज –
बड़ का दूध आँजने से नेत्र-पीड़ा फ़ौरन मिट जाती है।
(१०) आँखों के रोग मे नीबू के फायदे –
अगर पलकों की बरौनियाँ (पलकों के किनारों पर नन्हे बालों की पंक्ति होती है जिन्हें बरौनियाँ कहा जाता है। ) गिर जाती हों, तो नीबू के रस में “कपूर” घोट कर लगाने से अवश्य लाभ होता है।
(११) रतौंधी में आपामार्ग के फायदे –
“चिरचिरे की जड़” एक तोला( 12 grams ), सन्ध्या समय, भोजन करने के बाद चबा कर सो जाने से २-४ दिन में रतौंधी बिल्कुल आराम हो जाती है।
(१२) आँखों की जलन में केसर के लाभ –
शहद में “केसर” घोट कर आँखों में आँजने से आँखों की जलन में बहुत लाभ होता है।
(१३) आँखों की जलन दूर करने मे फिटकरी के फायदे –
एक साफ़ सफ़ेद कपड़े की कई तह करके गाय के कच्चे दूध में भिगो लो। पीछे उस कपड़े पर जरा-सी फिटकरी पीस कर बुरक दो और उसे आँखों पर रखो। इससे भी आँखों की जलन में बहुत कुछ आराम होते देखा गया है।
(१४) करेले से रतौंधी का उपचार –
अगर रतौंधी आती हो, तो करेले के पत्तों के रस में “काली मिर्च” घिस कर आँखों में आँजो। इस तरकीब से ३-४ दिन में ही रतौंधी में फ़ायदा नज़र आने लगता है।
(१५) एक यूनानी उपचार की किताब में रतौंधी पर नीचे लिखे हुए उपाय दिए हैं। यद्यपि हमने इनको कभी आजमाया नहीं है, तथापि अनुमान से यह सब उपाय ठीक मालूम होते हैं और इनमें से कई एक के विषय में लोगों से तारीफ़ भी सुनी है। अतः हम इन्हें नीचे लिखते हैं। पाठक इनकी परीक्षा करें और गरीब लोगों को लाभ पहुँचायें।
✧ प्याज का जल आँखों में लगाने,
✧ सिरस के पत्तों का पानी लगाने,
✧ समुद्रफल का गूदा बकरी के दूध में घिस कर लगाने,
✧ लाहौरी नमक की सलाई आँखों में फेरने;
✧ दही के पानी में अपना थूक मिला कर आँजने,
✧ अदरख का रस टपकाने,
✧ कालीमिर्च थूक में घिस कर आँजने से
रतौंधी में आराम हो जाती है।
उपरोक्त सब तरकीबों से किसी एक को ही काम मे लेना चाहिए। पहले एक तरकीब से काम निकालना चाहिये। जब एक विधि से फ़ायदा न हो, तब दूसरी विधि पकड़नी चाहिये। कितनी ही परीक्षित और उत्तम दवा क्यों न हो, सब रोगियों को लाभ नहीं पहुंचा सकती। यही कारण है, कि प्राचीन काल के त्रिकालज्ञ ऋषि-मुनियों ने एक-एक रोग पर सैकड़ों औषधियाँ लिखी हैं।
(१६) भीमसेनी कपूर से मोतिया-बिन्द का इलाज –
भीमसेनी कपूर, लड़के वाली स्त्री के दूध में घिस कर, आँखों में लगाने से अथवा सुरमे की तरह नौसादर आँखों में आँजने से थोड़े दिन का मोतिया-बिन्द – आराम हो जाता है।
(१७) नेत्र-रोग में काले तिल का लाभ –
काले तिलों का ताज़ा तेल, सोते वक्त, आँखों में कई दिन तक डालने से नेत्र-रोग में बहुत लाभ होता है।
(१८) सहँजन से नेत्र-रोग का उपचार –
सहँजन के पत्तों के रस में “शहद” मिला कर आँजने से नेत्र-रोग नष्ट हो जाते हैं। “वैद्य-जीवन” में लिखा है, कि वात, पित्त और कफ की कैसी ही बीमारी आँखों में क्यों न हो, इस नुस्खे से आराम हो जाती है।
(१९) समुद्र-फेन से आँखों के रोग का उपचार –
समुद्र-फेन और सफेद मिश्री का चूर्ण, महीन पीस कर, आँखों में आँजने से आँख की सफेदी पर जो खरगोश के खून के समान लाल छींटा-सा पड़ जाता है, अवश्य आराम हो जाता है।
(२०) त्रिफला चूर्ण से आँखों के रोग का उपचार –
त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आँवला) के चूर्ण में घी और शहद मिला कर रात में चाटने से सब तरह के आँखों के रोग आराम हो जाते हैं। किन्तु स्त्री-प्रसंग से परहेज़ करना चाहिए; क्योंकि स्त्री-प्रसंग करने से सब प्रकार के नेत्र-रोग बढ़ जाते हैं।
(२१) नेत्र रोग में त्रिफला के लाभ –
त्रिफला का चूर्ण, कल्क अथवा कषाय, “घी या शहद” मिला कर सेवन करने से सब तरह के आँखों के रोग मे आराम हो जाते हैं। परीक्षित है।
(२२) त्रिफला, त्रिकुटा और सैंधा नमक इन तीनों के साथ पकाया हुये घी का सेवन नेत्रों और हृदय के लिये हितकारी, भेदन-कर्ता, दीपन और कफ-नाशक है।
(२३) नीम से नेत्रों की सूजन दूर करने का उपाय –
सोंठ और नीम के पत्ते तथा थोड़ा सैंधा नमक, इनकी पिण्डी बना कर नेत्रों पर बाँधने से नेत्रों की सूजन, खुजली और वेदना दूर होती है।
नोट – ऊपर बताये गए उपाय और नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय और दवा प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरुर ले और उपचार का तरीका विस्तार में जाने।