Last Updated on January 24, 2020 by admin
पुरुष हो या महिला, सभी को दिन भर तरोताजा बने रहने की इच्छा होती है। यह कोई कठिन काम भी नहीं। आप कामकाजी महिला हैं या हाउस-वाइफ, दोनों को दिन भर एक्टिव रहने की जरूरत है। आलस्य आपके पास न फटके, इस बात का खास ध्यान रखें। घर में नौकर-चाकर हैं। काम करने की जरूरत नहीं। इसका यह मतलब तो नहीं कि आप बिस्तर में पड़े रहें। चारपाई तोड़ते रहें। अपने शरीर का नाश करते रहें। आपको व्यस्त रहने, कुछ न कुछ करते रहने के तरीके ढूंढ़ने चाहिए। कभी सफाई में रुचि लें, कभी किचन गार्डन में कुछ समय बिताएं। कभी किसी सामाजिक कार्य में हाथ बंटाएं। बस, कुछ न कुछ करते ही रहें।
मेरी बहना कुछ न कुछ जरूर किया कर।
और कुछ नहीं तो, कपड़े उधेड़कर सिंया कर।
तरोताजा और शरीर को फिट रखने का उपाय : Tarotaja Rahne ke Upay
अर्थात् खाली मत बैठें। खाली मत रहें। वरना समय भी नहीं कटेगा। मन में तरह-तरह के विचार आएंगे। उनमें से अधिकतर निराशावादी ही होंगे। बुरा ही सोचेंगे। अच्छा सोचना मुश्किल। जो ऐसा समय बिताए, भला वह चुस्त-दुरुस्त तो नहीं हो सकती। तरोताजा तो नहीं हो सकती। आइए ! यहां कुछ ऐसी साधारण बातों का जिक्र करते हैं जो आपके नोटिस में हैं। छिपी नहीं। मगर आप उनके महत्व को नहीं समझतीं, तभी उन पर ध्यान नहीं देतीं।
- प्रातः देर तक सोने की आदत छोड़ें। सूर्य उदय होने से पहले उठे। जितना पहले सम्भव हो, उतना ही अच्छा।
- प्रातः उठते ही अपने आराध्यदेव को प्रणाम करें। अपनी दोनों हथेलियों को खोलकर देखें। इनका चुम्बन लें। दिन भर खुश रहने की कल्पना करें।
- body ko fit kaise kare – एक या दो गिलास पानी पीएं। यदि इसमें नींबू डालकर पीएं तो और अच्छा। वजन अधिक हो तो इसे कम करने के लिए गुनगुना पानी में शहद व नींबू डालकर पीना ठीक रहता है।
- fit rahne ke liye subah ki sair ke fayde -सैर को जरूर जाएं। अपने समय को इस प्रकार अडजस्ट करें कि प्रातः भ्रमण के लिए, खुली हवा में जाने के लिए कुछ समय निकल ही आए। बिस्तर थोड़ा जल्दी छोड़ने से आप इस काम के लिए आधा घंटा तो निकाल सकते है।
- आप प्रतिदिन स्नान करें। नियमित स्नान। मौसम को अड़चन न बनने दें। स्नान भी अच्छी तरह करें। अधिक गर्म पानी से कभी नहीं। शरीर के तापमान से थोड़ा अधिक अथवा थोड़ा कम तापमान अच्छा माना जाता है।
- नहाने वाले पानी में यूडीकोलोन की कुछ बूंदें डालना अधिक ताजगी देता है। स्फूर्ति महसूस होती है।
- यदि यूडीकोलोन न हो, या न डालना हो तो संतरे के ताजा 3-4 छिलके नहाने वाले पानी में डाल दें। इससे पानी में सुगंध आ जाएगी। नहाने से बदन ताजा बना रहेगा।
- नहाने के बाद किसी मुलायम, रोएंदार तौलिए से बदन पोंछे। पहले रगडकर फिर धीरे-धीरे। चेहरा, पेट आदि को तौलिया से थपथपाकर सुखाएं। पोंछे नहीं।
- अब पूरे शरीर पर भीनी-भीनी सुगन्ध वाले डिओडेरेट को लगाएं-जो इसी काम के लिए बना हो।
- बगलों के नीचे भी डिओडेरेंट लगाना न भूलें इसके लिए अलग से अण्डर आर्म डिओडेरेट भी उपलब्ध होने लगा है।
- चेहरे पर एस्ट्रिजेंट लगाएं, मगर रूई की मदद से। इससे गर्मी के मौसम में पसीना कम आता है। फ्रैशनैस बनाए रखने में मदद मिलती है।
- एस्ट्रिजेंट लगाने के बाद अब चेहरे पर समरकेयर मॉश्चराइजर को लगाना बहुत बेहतर रहता है। दिन भर ताजगी महसूस करने के लिए इतना करना कोई बड़ा काम नहीं।
- गर्मी के मौसम में चेहरे पर गहरा फाउंडेशन न लगाएं।
- भारी मेकअप करने की आदत भी न रखें। गर्मी में यह असुविधा ही देता है।
- यदि किसी युवती के चेहरे पर धब्बे, दाग हों तो इन्हें भी छिपाना होता है। इसके लिए न तो गहरा फाउंडेशन लगाएं तथा न ही गहरा मेकअप करें। बल्कि बाजार से कंसीलर ले आएं। इसे हल्का-सा लगाएं। फिर लगाएं मॉश्चराइजर।
- जिनकी की त्वचा अधिक तैलीय हो तो वे लूज पाउडर का सहारा ले सकती हैं। पफ लें। इस पर हल्का-सा पाउडर डालें। चेहरे पर धीरे से थपथपा लें।
- जो महिलाएं स्नान के बाद टेलकॉम पाउडर शरीर पर छिड़क लेती हैं, वे भी तरोताजा महसूस किया करती हैं।
- साबुन वही चुनें जो आपकी त्वचा के लिए ठीक रहे। शुष्क त्वचा हो तो ग्लिसरीन युक्त साबुन प्रयोग करें। तैलीय त्वचा के लिए भी उचित साबुन का चुनाव करें।
- दिन में दो-तीन बार चेहरा, हाथ तथा पांव धोने चाहिएं।
- घर से बाहर जाएं तो अपने पर्स में दो चीजें जरूर रखें। एस्ट्रिजेंट में इबी रूई को किसी छोटी डिबिया में डालकर साथ रखें। चेहरा पोंछने में काम आएगा। पसीना भी हटेगा, ताजगी भी महसूस करेंगे। दूसरा है नैपकिन । सुगंधित नरम पेपर नैपकिन हो यह। इससे मुंह पोंछे।
- गर्मी हो या सर्दी का मौसम। अपने लिए नेलपॉलिश तथा लिपस्टिक का चुनाव, इनके रंगों का चुनाव आयु, समय तथा मौसम के अनुरूप ही करें। तभी अच्छे लगेंगे। तभी ताजगी मिलेगी। तभी मन भी खुश-खुश रहेगा। पेस्टल रंग अधिक ताजगी देते हैं।
- स्वाभाविक, गहरी नींद लेनी चाहिए। 6 से 8 घंटे। गोलियां खाकर सोने वाली महिला का अगला दिन भी ठीक नहीं गुजरता। तरोताजा नहीं रह सकती। गोली खाने से भले ही मीठी नींद ले लें, मगर उठने के बाद पूरा दिन उनींदापन में ही गुजरता है।
- तरोताजा रहने का एक साधारण टोटका। प्रातः उठते ही अपने मुंह में पानी भरें। फिर आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारें। 8-10 छींटे देने से सारा दिन के लिए ताजगी आ जाती है।
- स्नान पांच प्रकार के होते हैं। अपने लिए उचित स्नान का स्वयं चुनाव करें।
(1) ब्रह्म स्नान-आधी रात का स्नान। यह वह स्नान है जो स्वयं राजा जनक, श्रीकृष्ण, श्रीराम लिया करते थे।
(2) ऋषि स्नान-अभी आकाश में तारे हों, इतने प्रातः यह स्नान किया जाता है।
(3) देव स्नान-सूर्य उदय होने से पहले किया गया स्नान।
(4) मानव स्नान-प्रातः उठना। सैर आदि को जाना। मालिश करना। सूर्य उदय हो चुका होता है। ऐसे समय स्नान करना। फिर पूजा, नाश्ता आदि करना।
(5) असुर स्नान-जो लोग देर से उठते हैं। सूर्य उदय हो चुका होता है। बैड टी पीते हैं। नाश्ता करते हैं। खाते-पीते हैं। फिर स्नान करने के लिए सानगृह की ओर चलते हैं। - प्रातः उठकर आंगन में, गृहवाटिका में या पार्क में हरे घास पर, दूब पर चलें। ओस की ठंडक पांव को लगेगी ताजगी प्राप्त होगी। बदन खिला-खिला रहेगा।
- यदि पत्तों पर, फूलों पर ओस की बूंदें हों तो रूई लें। इस पर ओस इकट्ठी करें। सारे चेहरे पर लगाएं। इससे भी ठंडक, शांति मिलेगी। यह ताजगी भी देगी।
- कुछ लोग अपना चेहरा रूखा रखते हैं। फुलाए रखते हैं, भौंहों में बल लिए रहते हैं। वे अपना ही नुकसान करते हैं। किसी और का नहीं। यदि चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान रखने की आदत बना लें तो आपका मन प्रसन्न रहेगा। खिला रहेगा। पूरे शरीर में ताजगी बनी रहेगी।
- स्नान करने के बाद और मेकअप करने से पूर्व यदि आप बर्फ का टुकड़ा लेकर पूरे चेहरे पर मलें तो यह भी अभूतपूर्व शांति व ताजगी देने वाला है। त्वचा स्निग्ध नजर आती है।
- वस्त्र वही पहनें जो आपके शरीर के अनुरूप हों। जंचें। आयु, कार्य, पद आदि को ध्यान में रखकर पहनें। बड़े भारी कपड़ों से बचें। हल्के व चुस्त-दुरुस्त रखने वाले कपड़े पहनें। इससे भी खास ताजगी मिलती है। मन में उल्लास बना रहता है। सामने वाला प्रभावित होता है। गहरे रंगों की बजाय हल्के रंगों को प्राथमिकता दें।
- fit rahne ke liye diet –कभी पेट भरकर भोजन न करें। इससे चलने, फिरने, काम करने यहां तक कि सोने में कठिनाई आती है। वैसे आधा पेट भोजन करने की राय है। एक चौथाई पानी के लिए छोड़ें तथा एक चौथाई हवा के लिए। तभी चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है।
- दिन का भोजन करने के बाद 10-15 मिनट जरूर आराम करें। लेट जाएं। जल्दी उठ भी जाएं। जबकि रात का भोजन करने के बाद सोना नहीं। बल्कि 15-20 मिनट घूमें। 100 कदम कम से कम घूमें।
- रात के भोजन और सोने के बीच डेढ़ से दो घंटे का अन्तर हो। रात का भोजन आठ बजे के आसपास तथा सोने का समय 10 या साढ़े दस हो। अधिक देर मत जागें।।
पूरी तरह तरोताजा रहने के लिए इन कुछ बातों को अपनाएं। सारा दिन अच्छा गुजरेगा। आप सदा आकर्षक भी बनी रहेंगी। आपका अपना अन्तःमन भी खूब खिला रहेगा।