Last Updated on October 29, 2020 by admin
अग्नाशय को प्रभावित की प्रभावित करनेवाली यह योग की प्राचीन क्रिया लुप्त हो गयी थी । घेरण्ड ऋषि पाचन प्रणालि को सक्रिय रखने के लिए यह क्रिया करते थे । इस क्रिया से अनेक लाभ साधक को बैठे-बैठे मिल जाते हैं ।
अग्निसार क्रिया के फायदे : Agnisar Kriya ke Fayde / Benefits in hindi
1. बार-बार पेशाब : इस क्रिया से पेशाब में जलन कम हो जाती है । बार-बार पेशाब को आना या बहुमूत्र का होना इस क्रिया से बंद हो जाता है ।
2. अग्निसार से पाचन में सुधार: इस क्रिया प्राणायाम का नियमित रूप में अभ्यास करने से सही मात्रा में पेट में एंजाइम्स का स्राव होने लगता है जो पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। यह आपके पेट के मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।
3. अग्निसार डायबिटीज के लिए: इस क्रिया प्राणायाम का अभ्यास करने से पैंक्रियाज ठीक तरह से इन्सुलिन का उत्पादन करने लगता है जो खून में शुगर की मात्रा को कम करने के लिए बड़ी भूमिका निभाता है।
4. अग्निसार प्राणायाम कब्ज के लिए: यह भोजन के पचाने में मदद करता है और कब्ज की शिकायत को दूर करने में सहायता करता है।
5. अग्निसार एसिडिटी के लिए: चूंकि इस क्रिया के नियमित अभ्यास से एंजाइम्स का स्राव सही मात्रा में होने लगता है। अनपच और कब्ज जैसी शिकायत को दूर करने में बहुत मदद करता है।
6. शरीर को सक्रिय बनाना: यह हमारे जीवनशैली को सक्रिय बनाता है तथा शरीर के अंग, उत्तक, एवं कोशिकाएं अच्छी तरह से काम करने लगता है।
7. लिवर को सक्रिय बनाना: यह लिवर के साथ साथ आंत, किडनी एवं पैंक्रियाज को सक्रिय बनाता है और भोजन को पचाते हुए अवशोषण में मदद करता है।
8. शरीर ऊर्जा को बढ़ाना: यह शरीर में ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है तथा सुस्ती को दूर करता है।
9. विषैले पदार्थ को बहार निकालना: यह एक ऐसी योग क्रिया है जो शरीर से हानिकारक पदार्थ को निकालने में मदद करता है और शरीर को साफ सुथरा रखते हुए आपके अंदर हमेशा तरोताज़गी बनाये रखता है।
10. अग्निसार पेट के रोग के लिए: अग्निसार पेट के समस्त रोगों के लिए रामबाण है। इसका नियमित अभ्यास से आप पेट दर्द, कब्ज, एसिडिटी, जलन इत्यादि से हमेशा हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।
11. अग्निसार पेट की चर्बी कम करने के लिए: agnisar kriya weight loss -अग्निसार पेट की चर्बी कम करने के लिए बहुत ही प्रभावी योगाभ्यास है। खास कर गर्भावस्था के बाद महिलाएं अच्छा खास वजन धारण कर लेती हैं। यह क्रिया वैसे महिलाओं के लिए बहुत ही सटीक योगाभ्यास है। ध्यान रहे ऐसी महिलाओं को इस योग का अभ्यास किसी विशेषज्ञ के निरीक्षण में ही करना चाहिए। इसका नियमित रूप से अभ्यास करने पर सिर्फ पेट की चर्बी ही कम नहीं होता बल्कि आप अपने वजन को भी कम कर सकतें हैं।
अग्निसार क्रिया की विधि (Agnisar Kriya Steps in Hindi / Agnisar Kriya ki Vidhi)
- वज्रासन में बैठ कर हाथों को घुटनों पर रखें । सामने देखें ।
- श्वास बाहर निकालकर पेट को आगे पीछे चलायें । पेट को चलाते वक्त श्वास बाहर ही रोक रखें । जब आप पेट चलाते हैं तब कन्धों को न हिलायें ।
- एक बार जब तक श्वास बाहर रोकी रहती है तब तक पेट चलाते रहें ।
- एक बार श्वास छोड, कर करीब २० से ४० बार पेट को अंदर बाहर करें, फिर पेट चलाना बंद करें और लंबी गहरी श्वास लेना छोडना शुरू करें ।
- चार पाँच बार लंबी गहरी श्वास लेने छोडने के बाद फिर से श्वास बाहर छोड कर पेट को चलाने की इस क्रिया को ४-५ बार दोहरायें ।
अग्निसार क्रिया में सावधानीयाँ :
- हाई बी पी ,डायरिया व अल्सर के मरीज इसे न करें |
- पेट में दर्द होने पर अग्निसार नहीं करनी चाहिए।
- यह क्रिया हमेशा खाली पेट ही करनी चाहिए।
- अगर आपको कमर दर्द हो इसको करने से बचें।