अमृतधारा के फायदे ,गुण,उपयोग विधि और नुकसान | Amritdhara ke Fayde aur Nuksan

Last Updated on December 2, 2021 by admin

अमृतधारा क्या है ? Amritdhara Kya Hai

अमृत धारा आयुर्वेद की एक बहुत ही जानी-मानी औषधि है जो कई बीमारियों का आसानी से उपचार कर देती है ।
बदलते मौसम ,गर्मी की तपन , लू, धूल भरी हवाओं, खान-पान में गड़बड़ी के कारण सिरदर्द, उल्टी, अपच, हैजा, दस्त, बुखार, शरीर में दर्द,अजीर्ण जैसे रोग घेर लेतें हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक औषधि ‘अमृतधारा’ इन रोगों में रामबाण की तरह सहायक हो सकती है। इस दवा की दो-चार बूंदें एक कप सादे पानी में डालकर पीने मात्र से ही तुरन्त लाभ मिलता है। सिरदर्द हो, जहरीला ततैया काट ले तो इसे लगाने मात्र से ठीक हो जाता है। गले के दर्द व सूजन में गरारे करने पर तुरंत लाभ मिलता है । दवा पूरे परिवार के लिए लाभदायक है क्योंकि यह पूर्ण प्राकृतिक हैं।

अमृतधारा बनाने की विधि : Amritdhara Banane ki Vidhi

पहली विधि –

  1. सत पैदीना
  2. सत अजवाइन
  3. कपूर

तीनो को बराबर मात्रा में मिलाने से औषधि बन जाती है।
ये तीनों किसी भी अत्तार की दुकान से उपलब्ध हो सकते हैं। एक काँच की शीशी में तीनों को सम मात्रा में मिलाकर ठण्डे स्थान पर रखें। प्लास्टिक की शीशी में इसे कदापि न रखें।

दूसरी विधि –

  1. 50 ग्राम पिपरमेंट
  2. 50 ग्राम अजवाइन पाउडर
  3. 50 ग्राम लाल इलाइची
  4. 50 ग्राम देशी कपूर
  5. 20 मिली लीटर लौंग का तेल
  6. 20 मिली लीटर दालचीनी का तेल

सारी समाग्री को मिलाकर शीशी में रख दें ।

उपलब्धता –

यह योग इसी नाम से बना बनाया आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता के यहां मिलता है। इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

अमृतधारा उपयोग विधि :

अमृतधारा की 4 बूंदे 1 कप पानी में डालकर उपयोग करें |

अमृतधारा के फायदे : Amritdhara ke Fayde

1. अमृतधारा कई बीमारियों में दी जाती है, जैसे – बदहजमी, हैजा और सिर-दर्द।

2. बदहजमी – थोड़े से पानीमें तीन-चार बूंद अमृतधारा की डालकर पिलाने से बदहजमी, पेट-दर्द, दस्त, उलटी ठीक हो जाती है। चक्कर आने भी ठीक हो जाते हैं।

3. हैजा – एक चम्मच प्याजके रसमें दो बूंद अमृतधारा डालकर पीने से हैजा में फायदा होता है। ( और पढ़े –हैजा का घरेलू इलाज )

4. सिर दर्द – अमृतधाराकी दो बूंद ललाट और कान के आस-पास मसलने से सिर-दर्द में फायदा होता है।( और पढ़े – सिर दर्द के 41 घरेलू इलाज)

5. छाती का दर्द – मीठे तेल में अमृतधारा मिलाकर छाती पर मालिश करने से छातीका दर्द ठीक हो जाता है।

6. जुकाम – सूंघने पर साँस खुलकर आता है तथा जुकाम ठीक हो जाता है।

7. मुह के छाले – थोड़े से पानीमें एक-दो बूंद अमृतधारा डालकर छालों पर लगानेसे फायदा होता है। ( और पढ़े – मुह के छाले दूर करने के 101 घरेलू उपचार)

8. दाँत दर्द – दाँत-दर्द में अमृतधारा का फाया रखकर दबाये रखने से राहत मिलती है।

9. खाँसी – चार-पाँच बूंद अमृतधारा हलके गर्म पानी में डालकर सुबह-शाम कुछ दिन पीने से श्वास, खाँसी, दमा और क्षय-रोग में फायदा होता है।( और पढ़े – खाँसी के घरेलू उपचार)

10. हृदय रोग – आँवले के मुरब्बे में तीन-चार बूंद अमृतधारा डालकर खिलाने से दिल के रोग में राहत मिलती है।

11. पेट दर्द – बताशे में दो बूंद अमृतधारा डालकर खानेसे पेटके दर्द में आराम मिलता है।

12. मन्दाग्नि – भोजन के बाद दोनों वक्त ठंडे पानी में दो-तीन बूंद अमृत धारा डालकर पीने से मन्दाग्नि, अजीर्ण, बादी,बदहजमी एवं गैस ठीक हो जाती है। ( और पढ़े –भूख बढ़ाने के 32 घरेलू उपाय )

13. कमजोरी – दस ग्राम गाय के मक्खन और पाँच ग्राम शहद में तीन बूंद अमृतधारा मिलाकर प्रतिदिन खानेसे शरीरको कमजोरी में फायदा होता है।

14. हिचकी – अमृतधारा की एक-दो बूंद जीभ में रखकर, मुँह बंद करके सूंघने से चार मिनटमें ही हिचकी में फायदा | होता है।

15. खुजली – दस ग्राम नीम के तेल में पाँच बूंद अमृतधारा मिलाकर मालिश करनेसे, हर तरहकी खुजली में फायदा होता है।

16. मधुमक्खी के काटने पर – ततैया, बिच्छू, भंवरा या मधुमक्खी के काटने की जगहपर अमृतधारा मसलने से दर्द में राहत मिलती है।

17. बिवाई – दस ग्राम वैसलीनमें चार बूंद अमृतधार मिलाकर, शरीर के हर तरहके दर्दपर मालिश करने दर्द में फायदा होता है। फटी बिवाई और फटे होंठों पर लगानेसे दर्द ठीक हो जाता है तथा फटी चमडी जुड़ जाती है।

18. यकृत की वृद्धि – अमृतधारा को सरसों के चौगुने तेल में मिलाकर जिगर-तिल्ली पर मालिश करने से यकृत की वृद्धि दूर होती है।

अमृतधारा के नुकसान (दुष्प्रभाव) : Amritdhara ke Nuksan

  • यह अधिक मात्रा में लेने पर दस्त का कारण बन सकता है।
  • कुछ लोगों को इसके उपयोग के कारण चक्कर आ सकते है।

सावधानियां –

  • उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह आवश्यक है।
  • उपयोग करने से पहले सभी निर्देशों को ध्यान से समझें।

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