Last Updated on November 24, 2020 by admin
अर्द्ध चक्रासन की विधि (Ardha Chakrasana ki Vidhi in Hindi
- ताड़ासन की मुद्रा में खड़े रहें।
- आपके दोनों पैर पूरी तरह से ज़मीन पर टिके हों। पीठ सीधी रहे और हथेलियाँ बाहर की ओर रखते हुए दोनों बाजूओं को दोनों ओर सीधा रखें।
- अब अंजली मुद्रा में दोनों हथेलियों को छाती के पास लाएँ।
- साँस भीतर लें और हथेलियों को आपस में जोड़ते हुए बाजूओं को ऊपर की ओर ले जाएँ।
- अपनी गर्दन और सिर के साथ शरीर को पीछे की ओर झुकाएँ।
- अपने सिर को पीछे की ओर ले जाकर रोकें।
- इस मुद्रा में रहते हुए घुटने सीधे रखें।
- फिर से धीरे-धीरे ताड़ासन की मुद्रा में लौट आएँ।
अर्द्ध चक्रासन के लाभ (Ardha Chakrasana ke Fayde in Hindi)
- अर्ध चंद्रासन शरीर में खिंचाव संतुलन लानेवाला योगा है, जो पीठ के निचले हिस्से,
- पेट और छाती को लाभ पहुंचाता है।
- इसके नियमित अभ्यास से एकाग्रता, संतुलन और संयोजन में सुधार होता है।
- यह कमर की लोच बढ़ाता है और शरीर के पोश्चर में संतुलन लाता है।
- पेट के निचले हिस्से, टखनों, जाँघों व रीढ़ की हड्डी में मज़बूती आती है।
- इस आसन को करने से तनाव दूर होता है।
- पाचन क्षमता में सुधार होता है। आसन की
अवधि : इस आसन को दो से तीन बार दोहराएँ।
नोट : यह आसन शुरू करते समय किसी तज्ञ व्यक्ति के सामने सीखें।
Bahoot achi jaankari