अर्द्ध चक्रासन की विधि और लाभ – Ardha Chakrasana ki Vidhi aur Labh in Hindi

Last Updated on November 24, 2020 by admin

अर्द्ध चक्रासन की विधि (Ardha Chakrasana ki Vidhi in Hindi

  1. ताड़ासन की मुद्रा में खड़े रहें।
  2. आपके दोनों पैर पूरी तरह से ज़मीन पर टिके हों। पीठ सीधी रहे और हथेलियाँ बाहर की ओर रखते हुए दोनों बाजूओं को दोनों ओर सीधा रखें।
  3. अब अंजली मुद्रा में दोनों हथेलियों को छाती के पास लाएँ।
  4. साँस भीतर लें और हथेलियों को आपस में जोड़ते हुए बाजूओं को ऊपर की ओर ले जाएँ।
  5. अपनी गर्दन और सिर के साथ शरीर को पीछे की ओर झुकाएँ।
  6. अपने सिर को पीछे की ओर ले जाकर रोकें।
  7. इस मुद्रा में रहते हुए घुटने सीधे रखें।
  8. फिर से धीरे-धीरे ताड़ासन की मुद्रा में लौट आएँ।

अर्द्ध चक्रासन के लाभ (Ardha Chakrasana ke Fayde in Hindi)

  • अर्ध चंद्रासन शरीर में खिंचाव संतुलन लानेवाला योगा है, जो पीठ के निचले हिस्से,
  • पेट और छाती को लाभ पहुंचाता है।
  • इसके नियमित अभ्यास से एकाग्रता, संतुलन और संयोजन में सुधार होता है।
  • यह कमर की लोच बढ़ाता है और शरीर के पोश्चर में संतुलन लाता है।
  • पेट के निचले हिस्से, टखनों, जाँघों व रीढ़ की हड्डी में मज़बूती आती है।
  • इस आसन को करने से तनाव दूर होता है।
  • पाचन क्षमता में सुधार होता है। आसन की

अवधि : इस आसन को दो से तीन बार दोहराएँ।

नोट : यह आसन शुरू करते समय किसी तज्ञ व्यक्ति के सामने सीखें।

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