Last Updated on May 12, 2022 by admin
बच्चों के खाने-पीने पर ध्यान नहीं देने से लीवर (जिगर) में खराबी आने से प्रदाह (जलन), शोथ (सूजन) आदि आ जाते हैं।
आयुर्वेदिक औषधियों से बच्चों में लिवर की समस्या का ईलाज (Baccho me Liver ka Ilaj)
1. अजवायन :
- अजवायन को पानी में पीसकर काला नमक डालकर रखें। एक चम्मच बच्चों को देने से यकृत (लीवर) के अनेक रोग सही हो जाते हैं।
- शराब के साथ खुरासानी अजवायन को पीसकर यकृत (जिगर) की जगह पर ऊपर से लेप करने से यकृत का दर्द और सूजन मिट जाती है।
2. पपीता : पपीता और सेब खाने से बच्चों के यकृतदोष (लीवर खराब होने पर) के रोग ठीक हो जाते हैं।
3. तारपीन : लीवर (जिगर) की जगह पर दर्द होने पर तारपीन के तेल से मालिश करके गर्म कपड़े से सिंकाई करने से बच्चों की लीवर की बीमारी ठीक हो जाती है।
4. राई : राई को सिल पर पीसकर हल्का-हल्का गर्म लेप करने से लाभ होता है।
5. त्रिफला : लीवर (यकृत) में सूजन होने पर त्रिफले के हल्के गर्म काढे़ में शहद मिलाकर रोजाना सुबह-शाम 10 से 20 मिलीलीटर बच्चों को खिलाने से जिगर के रोग में आराम आता है।
6. मकोय : 20 मिलीलीटर मकोय का रस और 20 मिलीलीटर मूली के रस को मिलाकर रोजाना 2 बार पिलाने से लीवर के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं।
7. करेला : करेले के फल अथवा पत्तों के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर पीने से लीवर (जिगर) के रोग ठीक हो जाते हैं।
8. पुष्कर मूल : यकृत की वृद्धि (लीवर बढ़ने) में बच्चों को पुष्कर मूल की लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम सुबह-शाम सेवन कराने से आराम होता है।
9. इलायची : लगभग आधा ग्राम छोटी इलायची के चूर्ण को सेंककर सुबह-शाम बच्चे को खिलाने से लीवर की सूजन और दर्द में लाभ होता है।
10. अगस्ता :
- अगस्त के पत्तों का रस बच्चों की शक्ति के अनुसार चौथाई चम्मच से लेकर आधे चम्मच तक देना चाहिए। इससे दो-चार बार दस्त होकर पेट का विकार दूर होता है।
- अगस्त के पत्तों के स्वरस को लगभग पांच से दस ग्राम की मात्रा में पिलाने से दो-चार दस्त होकर बच्चों के सभी प्रकार के विकार शांत हो जाते हैं।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)