बच्चों के बालों के रोगों की होम्योपैथिक दवा और इलाज – Bacchon ke Balon ke Rogon ki Homeopathic Dawa aur Upchar

बच्चों के बालों के रोगों का होम्योपैथिक इलाज (Bacchon ke Balon ke Rogon ka Homeopathic Ilaj)

बच्चों का टाक पड़ना या बाल झड़ना  :-

  1. कभी-कभी बचपन में ही बच्चों के सिर के बाल झड़ जाते हैं। 16 वर्ष के बाद यह बीमारी दिखाई दे या सिर के बाल झड़ते हो तो एसिड-फ्लुओर औषधि का सेवन करना चाहिए।
  2. गंजेपन के रोग में आर्सेनिक औषधि का प्रयोग करना अधिक लाभकारी होता है। गंजापन के साथ सिर में खुजली होने पर रोगी को बिंका-माइनर औषधि देनी चाहिए। गंजेपन के रोगों में कभी-कभी थैलियम औषधि भी लाभकारी होती है।
  3. यदि बच्चे के बाल में अधिक रूखापन आ गया हो और वह झड़ रहे हो तो उसे कैलि-कार्ब औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का सेवन कराना चाहिए।
  4. किसी बड़े रोग के कारण शरीर में आई गर्मी व कमजोरी आदि के कारण यदि बाल झड़ते हों तो ऐसे लक्षणों में रोगी को एसिड-फास औषधि की 2x या 2 शक्ति का सेवन कराने से बाल का झड़ना बंद होता है। इसमें सिपिया औषधि की 3 या 30 शक्ति की मात्रा लेनी चाहिए और कार्डियम ओरि θ को शहद में मिलाकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर होता है।
  5. इसके अतिरिक्त बाल झड़ने के रोग को दूर करने के लिए सल्फर 30, कैल्के-कार्ब 30 या कैन्थरिस 3, 6 शक्ति का सेवन करना चाहिए। इसके साथ पोकेटमक औषधि के साथ कैन्थरिस औषधि θ मिलाकर सिर पर लगाने से भी लाभ होता है। बाल झड़ने के रोग में X-Ray का भी प्रयोग करना लाभकारी होता है। बाल झड़ने पर मांस का सेवन करना बंद कर देना चाहिए और अच्छे कंघी से बालों को झाड़ना चाहिए।
  6. सिर में दाद होने के कारण बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और वह झड़ने लगते हैं। ऐसे में बालों को झड़ने से रोकने के लिए बैसिलिनम औषधि की 200 शक्ति, थूजा औषधि की 30 शक्ति, सल्फर औषधि की 30 शक्ति, हाइड्रैस्टिस θ तथा आर्टिका युरेन्स θ औषधि आदि सभी का सेवन 3 महीने तक करने से बालों का झड़ना व गंजेपन में दूर होता है।

बच्चों के सिर में जूं होना :

  • बच्चे के बालों में जूं होने पर रोजाना बालों को धोना चाहिए और धोने के बाद सैबाडिला 1 ग्राम की मात्रा में 20 ग्राम पानी में मिलाकर बच्चे के बालों को धोना चाहिए। इसके साथ बच्चे को नेट्रम-म्यूर औषधि की 12x का चूर्ण सेवन कराना चाहिए।
  • बच्चों के सिर में जूं होने पर यदि बहुत कोशिश करने पर भी जूं नहीं जाती हो तो ऐसे में जूं को नष्ट करने के लिए स्टैफिसेग्रिया औषधि की 30 शक्ति की मात्रा सेवन कराने से लाभ होता है।

(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)

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