बच्चों के मूत्र रोग की होम्योपैथिक दवा और इलाज

Last Updated on March 20, 2023 by admin

मूत्र अधिक या बार-बार आने पर औषधियों का प्रयोग : 

1. एसिड-फास या यूरेनियम नाइट्रिक :- किसी-किसी बच्चे को पेशाब अधिक मात्रा में आता है जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे पिया हुआ सारा पानी पेशाब के द्वारा ही निकल जाता है। इस तरह के मूत्र रोग में पेशाब अधिक मात्रा में एक घंटे में लगभग दो बार होता है। इस रोग से पीड़ित बच्चे को नींद ठीक से नहीं आती, बच्चे के शरीर में खून की कमी होने लगती है और शरीर पीला पड़ जाता है। इस तरह के लक्षणों से पीड़ित बच्चे को एसिड-फास औषधि की 3x या 6 शक्ति या यूरेनियम नाइट्रिक औषधि की 3 शक्ति का चूर्ण सेवन कराना अत्यधिक लाभकारी होता है।

नींद में पेशाब करने की आदतों को छुड़ाने के लिए औषधियों का प्रयोग :

1. साइना :- कई बच्चों को नींद में पेशाब करने की बीमारी होती है। इस रोग का मुख्य कारण स्नायविक उत्तेजना तथा कृमि दोष होता है। इन कारणों से मूत्राशय में पेशाब को रोकने की शक्ति कम हो जाती है। ऐसे में मूत्राशय की क्षमता से अधिक पेशाब जमा हो जाने के कारण बच्चे अक्सर नींद में पेशाब कर देते हैं। बच्चे को नींद में पेशाब करने की आदत को छुड़ाने के लिए साइना औषधि की 2x से 200 शक्ति देनी चाहिए। इस औषधि का प्रयोग विशेषकर तब अधिक लाभकारी होता है जब पेशाब कुछ देर रोकने के कारण पेशाब दूध की तरह होता हो।

2. बेलेडोना :- यदि बच्चा गहरी नींद में होने के बाद बिस्तर पर पेशाब करता है तो बच्चे को बेलेडोना औषधि की 6 शक्ति देने से लाभ होता है।

3. इक्किसिटम :- बच्चे में पेशाब को रोकने की शक्ति कम होने के कारण मूत्राशय में हल्का पेशाब आ जाने पर पेशाब हो जाता है। इस तरह के रोग में जब कोई बच्चा सोता है तो मूत्राशय में भारीपन महसूस होने पर उसे नींद में पेशाब करने के सपने आते हैं। ऐसे में बच्चा बिस्तर पर ही पेशाब कर देता है और उसे लगता है जैसे वह बाहर पेशाब कर रहा है। इस तरह बिस्तर पर पेशाब करने की आदत जिस बच्चे को पड़ गई हो उसे इक्किसिटम- θ या 6 शक्ति देने से लाभ हो जाता है।

4. जेलसिमियम :- दिन या रात किसी भी समय बच्चे को नींद में पेशाब करने की आदत हो तो उस आदत को छुड़ाने के लिए बच्चे को जेलसिमियम औषधि की 3x देना हितकारी होता है।

5. बेंजोयिक-एसिड :- यदि बच्चे को नींद में पेशाब करने की आदत हो और पेशाब से तेज बदबू आती हो तो बच्चे को बेंजोयिक-एसिड औषधि कर 3x देनी चाहिए।

6. लाइकोपोडियम :- पेशाब में यूरिक-एसिड आने पर बच्चे को लाइकोपोडियम औषधि की 6 शक्ति का सेवन कराएं। यह औषधि मूत्रग्रंथियों पर तेजी से क्रिया करके रोग को समाप्त करने में अधिक लाभकारी होती है।

पेशाब बंद होने पर औषधियों का प्रयोग :

1. एकोनाइट :- यदि बच्चे के जन्म के बाद 36 घंटे तक पेशाब न आए तो समझना चाहिए कि बच्चे का पेशाब बंद हो गया है। बच्चे का पेशाब रुकने के कारण उसमें बेचैनी उत्पन्न होती है। ऐसे में जल्दी लाभ के लिए एकोनाइट औषधि की 3 शक्ति की 1 या 2 बार दें। इसके साथ बच्चे को अधिक लाभ के लिए बेलेडोना- 6, कैन्थरिस- 6 या ओपियम- 30 शक्ति का भी प्रयोग बीच-बीच में करना लाभकारी होता है।

       कभी-कभी पेशाब बंद होने के लक्षण बड़े बच्चों में भी देखा जाता है। पेशाब बंद होने के कारण मूत्राशय फूल जाता है या गर्म हो जाता है और इसके साथ तेज दर्द व बेचैनी उत्पन्न होती है। ऐसे में बच्चे को ऊपर बताएं औषधि ही देनी चाहिए।

2. पेशाब के साथ खून आने पर औषधियों का प्रयोग :- पेशाब के साथ खून कई कारणों से आता है। बच्चे को खसरा रोग होने तथा चेचक होने पर पेशाब के साथ खून आता है। ऐसे में बच्चे को कैम्फर- θ, कैन्थरिस- 3x या मिलिफोलियम- 1x औषधि देना हितकारी होता है।

पेशाब का रंग खराब होने पर औषधियों का प्रयोग :

  • यदि बच्चे का पेशाब विभिन्न रंगों में आता है तो इन औषधियों का सेवन कराने से पेशाब का रंग साफ होता है। बच्चे का पेशाब काले रंग का आने पर बच्चे को कोलचि औषधि की 6 शक्ति को सेवन कराएं। पेशाब गहरे काले रंग का पेशाब आने पर एपिस- 6, टेरिबि- 6 या कैन्थरिस- 6 शक्ति की औषधि का प्रयोग करना उचित रहता है।
  • यदि पेशाब मिट्टी की तरह गन्दा आता हो तो बेलेडोना- 6, किनिन-सल्फ- 6, साइली- 3 या 200, लाइको- 12, एसिड-फास- 6 या टेरिबिन्थ- 6 शक्ति की मात्रा का सेवन कराना हितकारी होता है।
  • पेशाब पीले रंग का आने पर साइना- 3x की मात्रा देना उपयोगी होता है।
  • कीड़े होने के कारण सफेद पेशाब आने पर बच्चे को साइना 3x या 200 शक्ति का सेवन कराना चाहिए।
  • बच्चे का पेशाब खड़िया घोल जैसे या दूध की तरह सफेद रंग का आने पर साइना- 3x या 200 शक्ति, एसिड-फास- 6 या बायोला-ओडो- 3x देनी चाहिए।
  • पेशाब काले रंग का आने पर ऐकोनाइट- 3, एपिस- 6, बेलेडोना- 6, ब्रायो- 6, कैन्थरिस- 6 तथा टेरिबिन्थ- 6 शक्ति की औषधियों में से कोई भी शक्ति का सेवन कराने से पेशाब साफ आता है।
  • पीले रंग के पेशाब में सियोनोथस- 3x, कैमोमिला- 6 या कैलि-फास- 12x चूर्ण आदि औषधि देनी चाहिए।
  • यदि पेशाब मैल की तरह आता हो तो टेरिबिन्थ औषधि की 6 शक्ति या बेंजोयिक-एसिड की 6 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।

(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)

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