टिटनेस (धनुष्टंकार) रोग क्या है ? :
जन्म के कुछ दिनों बाद कभी-कभी बच्चे को धनुष्टंकार रोग हो जाता है। यह रोग अत्यधिक घातक रोग है जो अधिक चोट लगने, नाल काटने में असावधानी के कारण या नाभि में घाव होने के कारण बच्चे में प्रवेश कर जाता है। इसका उपचार समय पर न होने से बच्चे में यह रोग भयंकर रूप धारण कर बच्चे की जान ले सकता है। जब यह रोग होता है तो बच्चे में विभिन्न लक्षण उत्पन्न होते हैं- रोगग्रस्त बच्चा स्तनों से दूध को खींच नहीं पाता, गर्दन अकड़ जाती है, जबड़े बैठ जाते हैं और उसके बाद बच्चे में बेहोशी व अकड़न आ जाती है, बच्चे का मुंह और शरीर लाल हो जाता है, होंठ नीले हो जाते हैं, हाथ की मुट्ठी बंद हो जाती है। ऐसे में बच्चे का उपचार जल्द न करने पर बच्चे में बुखार होने लगता है जो 105-106 डिग्री तक पहुंच जाता है, हाथ-पैर खिंचकर जबड़े टेढ़ा हो जाते हैं और मुंह से फेन निकलने लगता है और अन्त में बच्चा मर जाता है।
बच्चों में टिटनेस (धनुष्टंकार) रोग का होम्योपैथिक इलाज (Baccho me Tetanus ka Homeopathic Ilaj)
रोग और उसमें प्रयोग की जाने वाली औषधियां-
1. ऐकोनाइट- सर्दी के कारण उत्पन्न धनुष्टंकार रोग में बच्चे को पहले बुखार होता है, बच्चा बेचैन रहता है और अधिक रोता है। ऐसे लक्षणों के साथ धनुष्टंकार रोग होने पर बच्चे को तुरंत ही ऐकोनाइट औषधि की 3 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।
2. इग्नेशिया– अधिक गुस्सा करने या चिन्ता करने के कारण स्तन का दूध बिगड़ जाने पर और उसी दूध को पीने के कारण बच्चा रोगग्रस्त हो जाने पर मां और बच्चा दोनों को इग्नेशिया औषधि की 6 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए। इसके साथ ही बच्चे के गले की हड्डी में सेंक देने से भी लाभ होता है।
3. जेलसिमियम– यदि बच्चे के शरीर में अकड़न आ गई हो और जबड़े इधर-उधर हिल रहे हों तो जेलसिमियम औषधि की 3 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए। इसके अतिरिक्त बेलेडोना औषधि का प्रयोग भी धनुष्टंकार रोग में लाभकारी होता है विशेषकर नाभि के पास जलन उत्पन्न होने के साथ रोग उत्पन्न हुआ हो तो। नाभि के पास जलन उत्पन्न होने के साथ हुए धनुष्टंकार रोग में कैलेण्डुला तेल की पट्टी नाभि पर लगाने से भी लाभ होता है।
4. आर्निका– चोट लगने के कारण उत्पन्न धनुष्टंकार रोग में बच्चे को आर्निका 3x या हाइपेरिकम औषधि 3x का प्रयोग करना लाभदायक होता है। धनुष्टंकार रोग के विभिन्न लक्षणों के साथ प्रयोग की जाने वाली औषधियों के अतिरिक्त बीच-बीच में कुछ अन्य औषधियों का भी प्रयोग किया जाता है- नक्स-वोम 3x या 30 शक्ति, स्ट्रिकनिनम 6x का चूर्ण, साइक्यूटा 6 शक्ति, एसिड हाइड्रो 3 शक्ति आदि।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)