सूर्यनारायण का ध्यान
भ्रूमध्य में सूर्यनारायण का ध्यान करने से, ॐकार का ध्यान करने से बुद्धि विकसित होती है और नाभि से सूर्य का ध्यान अथवा ॐकार का ध्यान करने से निरोगता प्राप्त होती है | लंबा श्वास …
भ्रूमध्य में सूर्यनारायण का ध्यान करने से, ॐकार का ध्यान करने से बुद्धि विकसित होती है और नाभि से सूर्य का ध्यान अथवा ॐकार का ध्यान करने से निरोगता प्राप्त होती है | लंबा श्वास …
पलकों में खुजली का होम्योपैथिक इलाज ( Palkon ki Khujli k ka Homeopathic Ilaj) पलकों में खुजली होने पर विभिन्न औषधियों से चिकित्सा :- 1. मेजेरियम : पलकों के कोनों में खुजली होने पर …
आंखों के तारामंडल में जलन रोग क्या है ? : आंखों की पुतली के चारों ओर जो रंगीन मण्डल दिखाई देता है उसे तारामंडल कहते हैं। इस तारामंडल में जब जलन होती है तब …
वर्षा ऋतु मे होने वाली बिमारियों से बचने के उपाय : वर्षा ऋतु में वायु का विशेष प्रकोप तथा पित्त का संचय होता है। वर्षा ऋतु में वातावरण के प्रभाव के कारण स्वाभाविक ही जठराग्नि …
गर्मी के दिनों में जो हवा चलती है उसे लू कहते हैं। लक्षणः लू लगने से चेहरा लाल हो जाता है, नब्ज तेज चलने लगती है। साँस लेने में कष्ट होता है, त्वचा शुष्क हो …
आंखों की फुंसी ‘गुहेरी’ रोग क्या है ? (Eye Stye in Hindi) इस रोग में आंखों की पलकों के ऊपर या नीचे एक तरफ फुंसियां हो जाती है अर्थात आंखों को नमी देने वाली …
वसंत ऋतु की महिमा के विषय में कवियों ने खूब लिखा है। गुजराती कवि दलपतराम ने कहा हैः रूडो जुओ आ ऋतुराज आव्यो। मुकाम तेणे वनमां जमाव्यो।। अर्थात् देखो, सुंदर यह ऋतुराज आया। आवास उसने …
लाभ : यह सरल योग ग्रीष्म ऋतू (२० अप्रैल से २० जून’ २०१४ तक) में स्वास्थ्य-रक्षा हेतु परम लाभदायी हैं | यह त्रिदोश्शामक व शरीर को शुद्ध करनेवाला उत्तम रसायन योग है | इसके सेवन …
शीतकाल बलसंवर्धन का काल है | इस काल में सम्पूर्ण वर्ष के लिए शरीर में शक्ति का संचय किया जाता है | शक्ति के लिए केवल पौष्टिक, बलवर्धक पदार्थों का सेवन ही पर्याप्त नहीं है …
ट्रेकोमा (पलकों में रोंहे) का होम्योपैथिक इलाज ( Trachoma ka Homeopathic Ilaj) पलकों में रोंहे होने पर इन तीन औषधियों में से कोई भी एक औषधि से उपचार कर सकते है जो इस प्रकार हैं …