पृथ्वी के अमृतः गोदुग्ध
आजकल पाउडर का अथवा सार तत्त्व निकाला हुआ या गाढ़ा माना जानेवाला भैंस का दूध पीने का फैशन चल पड़ा है इसलिए लोगों की बुद्धि भी भैंसबुद्धि बनती जा रही है। शास्त्रों ने व वैज्ञानिकों …
आजकल पाउडर का अथवा सार तत्त्व निकाला हुआ या गाढ़ा माना जानेवाला भैंस का दूध पीने का फैशन चल पड़ा है इसलिए लोगों की बुद्धि भी भैंसबुद्धि बनती जा रही है। शास्त्रों ने व वैज्ञानिकों …
जिस समय जो स्वर चलता है उस समय तुम्हारे शरीर में उसी स्वर का प्रभाव होता है। हमारे ऋषियों ने इस विषय बहुत सुंदर खोज की है। दायें नथुने से चलने वाला श्वास दायाँ स्वर …
जब आँख, कान, आदि ज्ञानेन्द्रियाँ और हाथ, पैर आदि कर्मेन्द्रियाँ तथा मन अपने-अपने कार्य में रत रहने के कारण थक जाते हैं, तब स्वाभाविक ही नींद आ जाती है। जो लोग नियत समय पर सोते …
घी, दूध, मूँग, गेहूँ, लाल साठी चावल, आँवले, हरड़े, शुद्ध शहद, अनार, अंगूर, परवल – ये सभी के लिए हितकर हैं। अजीर्ण एवं बुखार में उपवास हितकर है। दही, पनीर, खटाई, अचार, कटहल, कुन्द, मावे …
अधिकांश लोग भोजन की सही विधि नहीं जानते। गलत विधि से गलत मात्रा में अर्थात् आवश्यकता से अधिक या बहुत कम भोजन करने से या अहितकर भोजन करने से जठराग्नि मंद पड़ जाती है, जिससे …
प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व उठकर शौच-स्नानादि से निवृत्त हो जाना चाहिए। निम्न प्रकार से विधिवत् स्नान करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। स्नान करते समय 12-15 लीटर पानी बाल्टी में लेकर पहले उसमें सिर डुबोना …
दोहरी दृष्टि (डिपलोपिया) रोग क्या है ? : डिपलोपिया रोग से पीड़ित रोगी को एक ही वस्तु दो-दो दिखाई देती है। यह निम्न प्रकार की होती है- बाइनोकुलर डिप्लोपिया- किसी एक वस्तु के दोनों आंखों …
फोटोफोबिया (रोशनी न सह सकना) का होम्योपैथिक इलाज : रोशनी न सह सकना (प्रकाश संवेदनशीलता) रोग की विभिन्न औषधियों से चिकित्सा :- 1. बेलाडोना : आंखें लाल हो जाती है, खुश्क रहती है, उसमें …
नाक को रोगरहित रखने के लिये हमेशा नाक में सरसों या तिल आदि तेल की बूँदें डालनी चाहिए। कफ की वृद्धि हो या सुबह के समय पित्त की वृद्धि हो अथवा दोपहर को वायु की …
गुणों की दृष्टि से बहुत अधिक लाभकारी है। गर्मी के मौसम में नींबू का शरबत बनाकर पिया जाता है। नींबू का रस स्वादिष्ट और पाचक होने के कारण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ …