Last Updated on May 26, 2022 by admin
कैंसर से बचें :
अनेक ऐसे खतरनाक रोग हैं, जो अंतत: जानलेवा भी हो जाते हैं; जैसे : मधुमेह, टी. बी., उच्च रक्तचाप, हृदय रोग दमा, कैंसर आदि। मगर अब शेष सभी रोग उतने भयानक नहीं रहे जितना कैंसर है । शेष सबका इलाज संभव हो गया है, कैंसर का नहीं। वास्तव में कैंसर की तीसरी और अंतिम स्टेज ही जानलेवा होती है। यह चिकित्सा विज्ञान की उपलब्धि है कि पहली और दूसरी स्टेज तक वे कैंसर को काबू में कर लेते हैं तथा ठीक कर सकने में सफल हो जाते हैं। घरेलू उपचारों से भी कैंसर की आरंभिक स्थिति को वश में कर लेना, ठीक कर पाना संभव है। जैसे-जैसे रोग बड़ा और पुराना होता जाता है, इसे ठीक कर सकना असंभव सा होने लगता है। अतः जैसे ही पता चले, सचेत हो जाएँ। आगे बढ़े। कोशिश करें। कोशिशों में ढील न आने दें। पूरी मेहनत के साथ लग जाएँ। रोग अवश्य ठीक हो सकता है और रोगी बच सकता है।
कैंसर है क्या ? : cancer in hindi
कैंसर है क्या, इसे जानना ज़रूरी है। इसके बारे में कुछ स्पष्टीकरण यहाँ हैं : इस रोग के कारण होनेवाली मृत्युदर अन्य रोगों से अधिक है। रोग से अधिक इसका भय ही जानलेवा बन जाता है। यदि रोगी को ‘कैंसर’ होने का पता तो न चले, मगर उसका उपचार चलता रहे तो वह अधिक समय तक जीवित रह सकता है। अभी तो मृत्यु तक पहुँचनेवाली भी कोई बात न हो, मगर उसे ‘कैंसर-पीड़ित’ हो जाने का पता चल जाए तो वह हिम्मत हार देगा, डर जाएगा, समय से पूर्व चल बसेगा। कैंसर रोगी को धीरे-धीरे खोखला करता रहता है और अंत में मृत्यु हो जाती है-समय से काफ़ी पहले। इस रोग को शुरुआती दौर में जान पाना उतना सरल नहीं, जितना अन्य रोगों को आरंभ में ही जान सकना। यही इस रोग की सबसे खतरनाक बात है। मगर इसके आसार, लक्षण सामने आने पर एक भी दिन की ढील करना ठीक नहीं। जब यह बढ़ता है तो जल्द ही तेजी पा लेता है। ( और पढ़े –कैंसर क्या है इसके प्रकार, कारण ,लक्षण और उपचार )
क्यों और कैसे होता है कैंसर ? : cancer kyu hota hai in hindi
- किसी को चोट लगना, घाव होना, फोड़ा-फुसी होना, अल्सर हो जाना ये सब आम बातें हैं। मगर इस व्रण, फुसी, फोड़े या भोजन में खाए गए बार-बार के उत्तेजक पदार्थ का शरीर के उसी भाग से लगातार संबद्ध रहना, संपर्क में रहना ही कैंसर का कारण बनता है। शरीर का वह अंग रोगग्रस्त हो सकता है। यही तो कैंसर है।
- मान लें कि कोई चोट लगी है या फोड़ा हो गया है। उसका ठीक से इलाज न करना, लंबे समय तक उस फोड़े या घाव का बने रहना ये ऐसी बातें है जिनसे शरीर के उस अंग में कैंसर हो सकता है।उनका यदि उचित उपचार ठीक समय पर कर दिया जाए तो कैंसर की संभावना नहीं रहती।
- यदि किसी को धूम्रपान, शराब, गुटका आदि नशीले पदार्थ लेने की आदत हो और वह इसका लगातार लेना, अधिक लेना बंद कर देता है तो कैंसर होने की संभावना भी कम हो जाती है। मगर वह उत्तेजक, विषयुक्त पदार्थ सेवन करना जारी रखेगा तो कैंसर टाला नहीं जा सकता।
- यदि कोई तेज़ मिर्च-मसाले खाता रहे, खूब अधिक खाता रहे, तो भी यह रोग हो जाता है।
- मांस का लगातार सेवन करना… कभी-कभी बीमार पशु का मांस भी खाया जाता है… जैसे भी हो यह मांसाहारी भोजन भी कैंसर का कारण बन सकता है।
( और पढ़े –कैंसर को जड़ से मिटाने वाले तीन रामबाण फकीरी नुस्खे )
महिलाओं को कैंसर क्यों व कैसे होता है ? : mahilao me cancer hone ke karan
- महिलाओं को गर्भाधान की कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें किसी तरह की कोई गलती या गड़बड़ी हो तो वह भी कैंसर का कारण बन सकती है।
- मासिक धर्म में होनेवाली देरी, अधिकता, महीने में दो बार, समय से पहले या बाद में होना, बेहद रक्त बहना, रक्त के साथ कुछ और भी उतरना, स्वच्छता न रख पाना, पीड़ा आदि बने रहना… ऐसी कोई भी बात कैंसर का कारण बन सकती है।
- ऐसी महिलाओं की प्रकृति, ऋतु, शरीर की आवश्यकता के विरुद्ध आहार करना भी इस कैंसर जैसे नामुराद रोग को जन्म दे सकता है।
- अपनी फिगर में कमी न आए, शरीर की बनावट व सुंदरता का जरा भी ह्रास न हो, इस विचार से जो जच्चा अपने बच्चे को स्तनों का दूध नहीं पिलातीं, वे बच्चे के भविष्य को तो अंधकारमय करती ही हैं, अपने लिए भी स्तन-कैंसर जैसा रोग पाल लेती हैं।
- यदि कोई महिला भी इसी प्रकार का खान-पान, नशीले पदार्थों का सेवन करे तो उसे भी यह रोग हो सकता है।
पुरुषों में कैंसर होने के मुख्य कारण ? : purusho me cancer hone ke karan
- पुरुषों में कैंसर अक्सर मुँह, श्वास नली, गला, स्वर स्थान, फेफड़े, पेट, गुदा, आँतड़ियों, जिगर, पैंक्रियाज आदि में हो जाता है।
- इन सब अंगों में पुरुषों को रोग गलत खान-पान तथा नशीले पदार्थों के निरंतर सेवन व गलत आदतों के कारण ही हो सकता है। यदि वे इन गंदी, हानिकारक आदतों से बचे रहें तो अच्छा है।
पुरुषों और महिलाओं में यदि रोग का कारण समान हो जाए तो रोग भी समान मात्रा में अवश्य हो सकता है। रोग को तो कारण चाहिए। अनियमितता चाहिए। यह पुरुष या स्त्री का भेद कभी नहीं करता। अतः पुरुष तथा महिलाएँ अपनी जीवनपद्धति ठीक रखें।आइये जाने कैंसर के बचाव के उपाय संबंधी जरुरी जानकारी |
कैंसर से बचने के उपाय इन हिंदी : cancer se kaise bacha ja sakta hai
कुछ ऐसी बातें भी हैं, जिनको ध्यान में रखकर, जिनका पालन कर, हम कैंसर से बच सकते हैं। सावधानी और जरूरी बातों का पालन आवश्यक है।
कुछ बातें जो बचा सकती हैं कैंसर से –
- सदा स्वच्छ रहने का प्रयत्न करें। वस्त्र तथा आसपास को भी साफ रखें।
- शरीर सदा साफ रखें। शरीर की बाहरी ही नहीं, अंदर की भी पूरी सफाई रखें।
शरीर में विजातीय तत्त्व अपना स्थान न बना पाएँ। उनको बाहर निकालना जरूरी है। जब शरीर में विषाक्त तत्त्व नहीं पनपेंगे, तो कैंसर हो जाने की संभावना भी नहीं रहेगी। - हमारे काम करने, चलने-फिरने, थकावट हो जाने, परिश्रम में शक्ति व्यय करने आदि से शरीर के कुछ ऊतक और सेल टूट-फूट जाते हैं। मर जाते हैं। या कमज़ोर हो जाते हैं। उनको फिर से ठीक करना, उनका निर्माण करना, उनका पुनरुद्धार करना आवश्यक हो जाता है। यह कार्य सही भोजन करने से हो सकता है।
- हमारे भोजन में सीमित वसा हो। अधिक चिकनाई हमें खराबी करती है। शरीर को जितनी कैलोरी चाहिए, उस कुल कैलोरी की 30 प्रतिशत से अधिक चिकनाई किसी भी अवस्था में न होने पाए। इस बात का ध्यान रखें।
- हमारे भोजन में यदि शलजम आदि अधिक मात्रा में रहेंगे तो भी कैंसर जैसा रोग आक्रमण नहीं करता।
- हमारे भोजन में चोकर का होना ज़रूरी है। मैदा-सा आटा बिल्कुल ठीक नहीं। खाद्यान्न हो या साग-सब्जियाँ, फाइबर-युक्त पदार्थ अधिक से अधिक लें।
- हमारे कुल दैनिक आहार में 25 ग्राम फ़ाइबर, किसी न किसी प्रकार से अवश्य जाएँ। इस बात का ध्यान रखें।
- यदि हमारा आहार रेशोंवाला, फाइबरवाला होगा तो हमें कब्ज़ नहीं होगा। पेट साफ रहेगा। शौच पूरा तथा आसानी से हो पाएगा। पेट साफ़ होगा तो विषाक्त द्रव्य इकट्ठे नहीं होंगे। विषाणु नहीं पनप पाएँगे।
- जिन लोगों को परिश्रम करने, काम करने, अधिक आराम न करने की आदत होती है, उनके शरीर से मल-मूत्र, पसीना-पाखाना आदि का निकास होता रहता है। यही विषैले भी हो जाते हैं। इनके निकल जाने से कैंसर की संभावना नहीं रहती। शरीर को आंतरिक व बाह्य तौर पर स्वच्छ रखने की बात को सरलता व लापरवाही से कभी न लें।
- अपने दैनिक आहार में विटामिन ‘सी’ तथा विटामिन ‘ए’ की कभी कमी न आने दें। ये विटामिन आहार को शरीर के लिए उपयुक्त बना देते हैं।
- पान-मसाला, तंबाकू का सेवन कई प्रकार के कैंसर का जनक है। इनसे तौबा करें।
- तेज दवाएँ, अधिक एंटीबायोटिक्स आदि भी इस रोग का कारण बन जाते हैं।
- चाय, कॉफ़ी आदि कम से कम लें।
- तले पदार्थों से बचें।
- चाहे कुछ भी हो, शराब, सिगरेट आदि से पूरी तरह बचें।
- कोई भी चोट लगे। घाव हो जाए। फोड़ा-फुसी हो। उसका समय रहते इलाज करा लें, शरीर को ठीक रखें। खास कर, बार-बार तो ऐसा न होने दें। एक ही जगह ऐसा कुछ भी बारंबार होना कैंसर का कारण बन सकता है। जब भी घाव हो या फोड़े आदि, तो इस ओर पूरी तवज्जो देकर इलाज कराएँ। अधिक समय यों ही प्रतीक्षा न करें। आइये जाने कैंसर से लड़ने वाले आहार के बारे में जरुरी जानकारी
कैंसर से बचने के लिए क्या खाना चाहिए हिंदी में : cancer se bachne ke liye kya khana chahiye
कैंसर से बचने के लिए कैसा हो आहार?
यहाँ हम उन सब आहारों का जिक्र कर रहे हैं जिन्हें लेते रहने से कैंसर से बचा जा सकता है। इस ओर थोड़ा-सा भी सही ग़ौर अवश्य करें।
- चिकित्सकों का मानना है कि अंगूर का रस पान करने से भी यह रोग काबू में रखा जा सकता है। चाहे कुछ भी हो, कैसे भी उपलब्ध करें, अपने भोजन में अनाज के चोकर, रेशेदार सब्ज़ी जिसे अंग्रेजी में ‘डायटरी फाइवर’ कहते हैं, अवश्य लें।अधिक से अधिक लें। नियमित लें। इस भोजन द्वारा कभी भी नुकसान नहीं हो सकता। फायदा ही फायदा होता है। कभी-कभी टूयूमर का होना भी कैंसर का कारण बन जाता है। इसे ही रोकना और ठीक करना है। इसके लिए विटामिन ‘सी’ तथा विटामिन ‘बी-2’ का काफ़ी मात्रा में आहार के द्वारा लेना आवश्यक है।
- विटामिन ‘सी’ इस रोग से छुटकारा दिलाने में पूरी तरह सक्षम है। भोजन में इस की काफ़ी मात्रा रहनी चाहिए। ऐसे मौसमी तथा ताजा फल खाया करें, जिनमें विटमिन ‘सी’ की अधिकता रहती है। ऐसे फल हैं-आँवला, नींबू, संतरा, मौसमी आदि। आँवले का रस, कच्चा आँवला, आँवले का अचार, आँवले का मुरब्बा, आँवले का चूर्ण, निंबोली, संतरा तथा मौसमी का रस या जूस अवश्य लिया करें।
- इतना ही नहीं, विटामिन-सी की कमी पूरी करने के लिए पनीर, दूध, लस्सी, छाछ, दही, आदि भी अवश्य लें। ये लाभकारी होंगे तथा कैंसर के साथ लड़ने की प्रतिरोधक शक्ति पैदा कर, शरीर का बचाव करेंगे।
- विटामिन-सी 3000-4000 मि. ग्राम प्रतिदिन सेवन कर सकते हैं।एक अन्य मत के अनुसार, इतना अधिक विटामिन ‘सी’ लेना भी खतरा पैदा कर सकता है। किसी भी खाद्य पदार्थ का, विटामिन का बहुत अधिक सेवन हमें लाभ की जगह कुछ नुकसान भी दे सकता है। अतः 3000 से 4000 मि. ग्राम विटामिन ‘सी’ का इसी मत से विरोध भी किया जाता है।
हाँ, सर्वसम्मति यह तो है ही कि 1000 मि. ग्राम के आस-पास प्रतिदिन, नियमित विटामिन-सी का सेवन हर प्रकार से हितकर रहता है। यह मात्रा हमें कैंसर जैसे रोग से भी बचा सकती है। इतनी मात्रा से हमारे शरीर की आवश्यकताएँ पूरी हो जाती हैं। - गन्ने का सीरा कैंसर जैसे रोग को नहीं होने देता। यह गुण गन्ने में पाया जा चुका है। जिन्हें गन्ने के खेतों में काम करना पड़ता है, उन्हें यह रोग नहीं घेरता।
- बादाम में भी कैंसर रोग से बचाने की विशेष क्षमता आँकी गई है। मात्र पाँच बादाम प्रतिदिन, खूब चबा-चबाकर खाने वाले को कैंसर नहीं हो सकता, ऐसी धारणा चिकित्सकों की बन चुकी है। मगर यह 5-10 दिन खाने का नहीं… जो पहले से खाते आए है आगे भी खाते रहेंगे।
- पत्ता गोभी में इंडोल्स तत्त्व रहता है जो कैंसर को रोकने की ताकत रखता है। जो लोग पत्ता गोभी का काफी इस्तेमाल करते हैं, कभी-कभी पत्ता गोभी का रस निकालकर भी पीते हैं, उनको कैंसर नहीं होता।
- खुमानी की बीटा में कैरोटीन तत्त्व होता है। यह भी कैंसर रोग से बचाव करता है। इसका सेवन अवश्य किया करें। बहुत आराम मिलता है।
कैंसर की संभावना को पूरी तरह खत्म करने के लिए निम्न फल, सब्ज़ियाँ तथा अनाज अधिक प्रयोग करें :
(1) ब्राउन चावल, (2) गेहूं का चोकर, (3) वह आटा जिसमें चोकर विद्यमान हो, (4) अजमोद, (5) प्याज़, (6) लहसुन, (7) सलाद, (8) मूली, (9) गाजर, (10) खमीर, (11) केला, (12) शलजम कच्चा, (13) शलजम की सब्जी, (14) शलजम का रस, (15) सरसों का साग, (16) पत्ता गोभी कच्ची, (17) पत्ता गोभी की सब्जी, (18) पत्ता गोभी का रस इनका प्रयोग अधिक से अधिक करें। रोटी-चावल कम खाकर इन फलों व सब्जियों को अधिक खाएँ।
कैंसर से बचने के लिए क्या नहीं खाना चाहिए : cancer se bachne ke liye kya nahi khana chahiye
निम्नांकित खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। इनसे बचें इन्हें न खाने से भी काफ़ी आराम मिलता है –
- अधिक कैलोरी युक्त पदार्थ, जैसे चिकनाई आदि मत खाएँ या कम से कम खाएँ।
- लाल मांस (रेड मीट) न खाने की सलाह दी जाती है। इस को छोड़ ही दें ।
- किसी भी प्रकार का कोई भी मादक पदार्थ न लें।
- कॉफी, कोको, तले पदार्थ, इनका सेवन नहीं करें।
- कम से कम नमक का प्रयोग करें। अधिक नमक कई प्रकार से हानि करता है।
इन खाद्य पदार्थों का सेवन पूरी तरह से बंद न करें। इनकी मात्रा कम रखना अच्छा है :
(1) स्प्रेटा दूध, (2) घी, (3) जई आदि।
जो चीजें छोड़नी हैं, उन्हें ज़रूर छोड़े, जैसा कि ऊपर बताया है। इनकी जगह हरे साग, हरी सब्जियाँ, ताजा फल, सस्ते मौसमी फल आदि के रस खूब लें तथा पौष्टिकता की कमी पूरी कर लें।
इसमें संदेह नहीं कि कैंसर एक भयानक व जानलेवा रोग है। इसकी तीसरी स्टेज से बचकर ठीक होना लगभग असंभव है। मगर इसकी प्रारंभिक स्थिति जान लेने पर आहार-विहार को ठीक रखते हुए हम अपने शरीर की रक्षा कर सकते हैं। क्या खाएँ, क्या न खाएँ, कितना खाएँ, इसे जानकर अपने विवेक का लाभ उठाएँ ताकि, कैंसर रोग से बचना संभव हो।
कैंसर की आयुर्वेदिक दवा : cancer ki ayurvedic dawa
कैंसर में शीघ्र राहत देने वाली लाभदायक आयुर्वेदिक औषधियां ।
- गोझरण अर्क
- तुलसी अर्क
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)