Last Updated on May 13, 2021 by admin
कार्डियो एक्सरसाइज क्या है ? (What is Cardio Exercise in Hindi)
सरल शब्दों मे अगर हम कार्डिओ एक्सरसाइज को परिभाषित करना चाहें तो इसे “हृदय से संबंधित व्यायाम” कह सकतें है।
वे सभी प्रकार के व्यायाम या एक्सरसाइज जो दिल की धड़कन को बढ़ातें है व दिल की धड़कने की दर को लंबे समय तक बनाए रखतें हैं कार्डिओ एक्सरसाइज के रूप में परिभाषित किये जा सकते है।
कार्डियो एक्सरसाइज कितनी तरीके की होती है ? (Types of Cardio Exercise in Hindi)
व्यायाम या एक्सरसाइज के वे सभी प्रकार जों हृदय और फेफड़ों को और अधीक क्रियाशील करें कार्डिओ एक्सरसाइज के उदाहरण हो सकते हैं जैसे –
रनिंग, रस्सी कूदना, डांसिंग, साइकलिंग, बॉक्सिंग, स्विमिंग, सीढ़ियां चढ़ना उतरना आदी ।
कार्डियो एक्सरसाइज से होने वाले फायदे (Benefits of Cardio Exercise in Hindi)
कार्डियो या एरोबिक एक्सरसाइज केवल दिल की ही सेहत दुरूस्त नहीं रखती है बल्कि पूरे शरीर को तंदरूस्त रखती है। इससे खून में घुलकर मिला शुगर लेवल कम होता है। पूरे शरीर की सेहत का सीधा संबंध दिल के स्वास्थ्य पर निर्भर होता है। इसीलिए यदि यह कसरत दिल को मजबूत और ताकतवर बनाती है तो इसका अर्थ यह है कि पूरे शरीर की सेहत ठीक बनी रहती है।
कार्डियो एक्सरसाइज से हार्ट का पंपिंग रेट बढ़ जाता है, यह रेस्टिंग पल्स को और नीचे ले आती है साथ ही दिल की मांसपेशी को भी मजबूती प्रदान करती है। यही वजह है कि जब आप धीरे धीरे कार्डियो एक्सरसाइज वर्क आउट को बढ़ाते जाते हैं तो आपकी शारीरिक ताकत में भी इजाफा होता है और आप जल्दी नहीं थकते हैं।
1). कम होता है ब्लड शुगर लेवल –
कार्डियो एक्सरसाइज से ब्लड शुगर यानी ग्लूकोज का स्तर नीचे आ जाता है जिससे डायबिटीज के रोगियों के शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ जाता है। कार्डियो एक्सरसाइज में वजन उठाने वाली कसरतें भी दिल की सेहत के लिए मुफीद मानी जाती हैं। यही वजह कि फिजियोथेरेपिस्ट एवं अन्य चिकित्सक कार्डियो एक्सरसाइज के साथ वेट लिफ्टिंग या रेजिस्टेंस ट्रेनिंग को दिल की सेहत के लिए लाभदायक मानते हैं। सकारात्मक सोच बढ़ेगी कार्डियक एरोबिक एक्सरसाइज करने वालों की “एक्जीक्यूटिव फंक्शन” क्षमता बेहतर हो जाती है। वे अधिक बेहतर तरीके से सूचनाओं का संकलन एवं उनका ठीक अर्थ निकाल पाते हैं। कार्डियक एरोबिक्स के एक सेशन से ही मस्तिष्क के प्री – फ्रंटल कॉर्टेक्स में ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है, इसी से एग्जीक्यूटिव फंक्शन पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है। लंबे समय तक कार्डियक एक्सरसाइज करने वालों के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स के ब्रेन सेल्स बहुत आसानी से एक दूसरे से कनेक्ट कर पाते हैं।
( और पढ़े – मधुमेह में लाभदायक योग )
2). याददाश्त बढ़ती है –
जो लोग शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहते हैं उन्हें अल्जाइमर्स या स्मृतिभ्रंश होने की आशंका कम हो जाती है। ऐसे लोगों को मोटापे की शिकायत नहीं रहती है साथ ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर तथा अवसादग्रस्त होने की समस्या भी नहीं रह जाती है।
( और पढ़े – यादशक्ति बढ़ाने के सबसे शक्तिशाली 12 प्रयोग )
3). तेजी से सीखता है व्यक्ति –
कार्डियो एरोबिक्स करने वालों को नई चीजें सिखाना आसान होता है, क्योंकि इस तरह की कसरत करने वालों की न्यूरोप्लास्टिसिटी बदल जाती है। हम जब युवा होते हैं तब हमारे लिए ऐसा करना आसान होता है लेकिन उम्र बढ़ने के साथ यदि कार्डियक एरोबिक्स और वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज को भी जोड़ लिया जाए तो न्यूरोप्लास्टिसिटी को संभालकर संरक्षित रखा जा सकता है।
4). आर्धाइटिस का दर्द रहेगा दूर –
कार्डियो एक्सरसाइज करने वालों के घुटनों और अन्य जोड़ों में सूजन अथवा दर्द नहीं होता।ऑस्टियो आर्धाइटिस के कारण घुटनों सहित शरीर के कई जोड़ों में सूजन और दर्द रहने लगता है। एरोबिक्स एक्सरसाइज में सायकल चलाना, जॉगिंग एवं तैराकी जैसी कसरतों को शामिल कर लेने से जोड़ों के दर्द से राहत मिल जाती है। हार्ट पहले से अधिक फिट रहने लगता है। यदि आप एक्सरसाइज के साथ – साथ हैल्दी फूड हैबिट्स को भी लाइफस्टाइल में शामिल कर लें तो आपके शरीर का वजन भी कम हो जाएगा और घुटनों पर पड़ने वाला अतिरिक्त भार भी घट जाएगा। लंग्स का फंक्शन सही रहता है। सांस बेहतर तरीके से फेफड़ों में जाती रहती है। वायरस और बैक्टीरिया का भी शरीर पर कम असर पड़ता है। अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने के साथ – साथ बुरे कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी घट जाती है।
( और पढ़े – आमवात से छुटकारा दिलाएंगे ये 8 योग आसन )
5). मूड अच्छा होता है –
एरोबिक्स एक्सरसाइज में रनिंग भी शामिल होती है। रनिंग करने से अवसाद दूर होता है साथ ही एंग्जाइटी से निपटने में भी मदद मिलती है। रनिंग करने वालों के मस्तिष्क का वह हिस्सा बड़ा हो जाता है जहां से भावनाओं पर नियंत्रण किया जाता है। इसी की मदद से ब्रेन के सेल्स की क्षति होने की गति धीमी पड़ जाती है। रनिंग से अधिक फायदा उठाना चाहते हो तो इसे चंद महीनों तक बिना रुके करते रहें।
6). रातों को नींद अच्छी आती है –
चिकित्सा विज्ञानियों का मानना है कि कार्डियो एक्सरसाइज से भरपूर नींद लेने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ मूड ठीक होता है बल्कि हेल्दी स्लीप – वेकअप सायकल भी सेट हो जाती है। डीप स्लो वेव अधिक मिलने के कारण सोकर उठने पर शरीर और मस्तिष्क पुनः तरोताजा हो जाता है। ध्यान रखें कि एरोबिक एक्सरसाइज बिस्तर पर जाने से पहले न करें, क्योंकि इससे नींद तो डिस्टर्ब होगी ही साथ ही शरीर की सही रिकवरी भी नहीं हो पाएगी।
कितनी एक्सरसाइज पर्याप्त है ? :
हफ्ते के सभी दिन हल्के स्तर की 30 मिनट की कसरतों को करने की सलाह दी जाती है। यदि आप सशक्त है और इससे भी अधिक समय तक कसरत कर सकते हैं तो यह भी आपके दिल की सेहत के लिए अच्छा ही होगा। 45 मिनट से 60 मिनट तक भी कसरतों को कर सकते हैं। इससे अधिक समय तक कार्डियक कसरतों को करने की जरूरत नहीं होती है।