संत एकनाथ जी की गुरुसेवा

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ʹगुरु की सेवा से शिष्य का मन किसी भी प्रकार के प्रयत्न बिना ही अपने-आप एकाग्र होने लगता है।” गुरुभक्तियोग ग्रंथ संत एकनाथ जी ने 10 वर्ष की छोटी उम्र में ही देवगढ़ राज्य के …

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गुरु गोविन्दसिंह जी के वीर सपूत

गुरु गोविन्दसिंह जी के वीर सपूत

धर्म की खातिर प्राण देने पड़े तो देंगे लेकिन अत्याचारियों के आगे कभी नहीं झुकेंगे। विलासियों द्वारा फैलाये गये जाल, जो आज हमें व्यस्न, फैशन और चलचित्रों के रूप में देखने को मिल रहे हैं, …

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भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी की मिठाई

Swami Lilashah ji maharaj

पूज्य बापू जी का सदगुरु संस्मरण मेरे गुरु जी का आश्रम नैनिताल में था। एक बार गुरु जी के साथ सामान लेकर एक कुली आश्रम में आया। गुरु जी ने कहाः “अरे आशाराम !” मैंने …

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वास्तविक सौन्दर्य

वास्तविक सौन्दर्य

राजकुमारी मल्लिका इतनी खूबसूरत थी कि कई राजकुमार व राजा उसके साथ विवाह करना चाहते थे लेकिन वह किसी को पसंद नहीं करती थी। आखिरकार उन राजकुमारों व राजाओं ने आपस में एक जुट होकर …

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स्वामी रामतीर्थ का अनुभव

swami ramtirth ji

स्वामी रामतीर्थ जब प्रोफेसर थे तब उन्होंने एक प्रयोग किया और बाद में निष्कर्षरूप में बताया कि जो विद्यार्थी परीक्षा के दिनों में या परीक्षा से कुछ दिन पहले विषयों में फँस जाते हैं, वे …

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धैर्य, क्षमा, सत्यवादिता के प्रतीक”धर्मराज युधिष्ठिर”

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महाराज युधिष्ठिर धैर्य, क्षमा, सत्यवादिता आदि दिव्य गुणों के केन्द्र थे। धर्म के अंश से उत्पन्न होने के कारण ये धर्म के गूढ़ तत्वों के व्यावहारिक व्याख्याता तथा भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे। बचपन …

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श्री गुरु नानक देव जी और कोड़ी (बोध कथा)

श्री गुरु नानक देव जी और कोड़ी (बोध कथा)

एक बार श्री गुरु नानक देव जी जगत का उद्धार करते हुए एक गाँव के बाहर पहुँचे और देखा वहाँ एक झोपड़ी बनी हुई थी। उस झोपड़े में एक आदमी रहता था, जिसे कुष्‍ठ का …

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‘वहाँ देकर छूटे तो यहाँ फिट हो गये'(बोध कथा)

‘वहाँ देकर छूटे तो यहाँ फिट हो गये'(बोध कथा)

सुनी है एक सत्य घटनाः अमदावाद, शाहीबाग में डफनाला के पास हाईकोर्ट के एक जज सुबह में दातुन करते हुए घूमने निकले। नदी की तरफ दो रंगरूट (मनचले) जवान आपस में हँसी मजाक कर रहे …

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