प्लावली प्राणायाम
पेट में कोई भी खराबी हो, नाडी तंत्र में कहीं भी गड़बड़ी हो, वो ठीक होजाये, ध्यान-भजन में फायदा रहेंइसको बोलते है ‘प्लावली कुम्भक’रीत : पहले अपने दाहें-बाहें श्वास ले लियाफिर दोनों नथुनों से आँत …
पेट में कोई भी खराबी हो, नाडी तंत्र में कहीं भी गड़बड़ी हो, वो ठीक होजाये, ध्यान-भजन में फायदा रहेंइसको बोलते है ‘प्लावली कुम्भक’रीत : पहले अपने दाहें-बाहें श्वास ले लियाफिर दोनों नथुनों से आँत …
सीधा लेट जाये पीठ के बल से.. कान में रुई के छोटे से बॉल बना के कान बंद कर देनाअब नजर नासिका पर रख देना और रुक-रुक के श्वास लेता रहेंआँखों की पुतलियाँ ऊपर चढ़ा …
भ्रूमध्य में सूर्यनारायण का ध्यान करने से, ॐकार का ध्यान करने से बुद्धि विकसित होती है और नाभि से सूर्य का ध्यान अथवा ॐकार का ध्यान करने से निरोगता प्राप्त होती है | लंबा श्वास …
जिस समय जो स्वर चलता है उस समय तुम्हारे शरीर में उसी स्वर का प्रभाव होता है। हमारे ऋषियों ने इस विषय बहुत सुंदर खोज की है। दायें नथुने से चलने वाला श्वास दायाँ स्वर …