Last Updated on January 19, 2023 by admin
छरीला क्या है ? :
छरीला एक ऐसी चीज है जो दरख्तों पर उत्पन्न होती है। यह रस्सी के समान बिना पत्तों की होती है।
छरीला के औषधीय गुण (Chharila ke Gun)
- रंग : छरीला भूरे रंग की होती है।
- स्वाद : यह तीखी और सुगंधित होती है।
- स्वभाव : यह मातदिल होती है।
- छरीला कब्जकारक होती है।
- यह सूजन और अफारा (पेट की गैस) को मिटाती है।
- यह प्रकृति के समान आचरण करती है।
- छरीला का काढ़ा दिल के लिए अच्छा होता है।
- छरीला उन्माद, पागलपन, उल्टी, मिर्गी और जी मिचलाने में लाभदायक होती है।
- छरीला दिल के दर्द और गर्भाशय के लिए लाभकारी होता है
- यह मासिक स्राव (माहवारी) को भी जारी रखता है।
सेवन की मात्रा :
10 ग्राम।
विभिन्न रोगों में छरीला के फायदे और उपयोग (Chharila ke Fayde aur Upyog)
1. अण्डकोष की खुजली: छरीला के तेल से मालिश करने से अण्डकोष की खुजली ठीक हो जाती है।
2. जीभ और मुख का सूखापन: जीभ और मुंह का सूखापन ठीक करने के लिए छरीला को पानी में उबालकर इसमें जीरा एवं मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
3. योनि की जलन और खुजली: छरीला के साथ गर्म किया हुआ तिल का तेल लगाने से भग (योनि) की खुजली समाप्त हो जाती है।
4. चोट लगने पर: चोट, मोच के दर्द या उसकी सूजन को मिटाने के लिए छरीला का फांट (शरबत) 10 मिलीलीटर रोजाना 3 बार पीना चाहिए और छरीला को ही पीसकर दर्द या सूजन के स्थान पर लेप करें।
5. घाव: छरीला को पीसकर घाव पर लगाने से दर्द, सूजन आदि दूर होकर घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
6. यकृत (जिगर) का बढ़ना: 10 मिलीलीटर छरीला का फांट रोजाना सुबह-शाम-दोपहर या चूर्ण 2 से 4 ग्राम सुबह-शाम देते रहने और साथ ही छरीला को पीसकर यकृत (जिगर) के जगह पर लेप भी करते हैं। इससे यकृत वृद्धि (जिगर का बढ़ना) और सूजन में राहत मिलती है।
7. पित्त बढ़ना: अगर पित्त ज्यादा बढ़ जाता है तो छरीला की फांट (पानी में उबाला हुआ छरीला का चूर्ण), जीरा और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर 20 ग्राम तक सुबह-शाम लेने से लाभ होता है
8. दिल की कमजोरी: 10 से 20 मिलीलीटर छरीला का फांट सुबह-शाम सेवन करने से दिल की कमजोरी दूर होती है।
छरीला के दुष्प्रभाव (Chharila ke Nuksan)
छरीला का अधिक मात्रा में सेवन आंतों के लिए हानिकारक हो सकता है।
दोषों को दूर करने वाला : अनीसून, छरीला में मौजूद दोषों को दूर करता है।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
Ayurvedic medicine offers several remedies for neuropathy, which is a condition that causes pain, disability, and loss of sensation. Some of the most effective Ayurvedic treatments for neuropathy include:
1. Bhumyamalaki (Phyllanthus niruri)
2. Atibala
3. Triphala Churna
4. Ashwagandha
5. Turmeric
It is essential to consult with an Ayurvedic practitioner to determine the most suitable treatment for your specific condition and receive personalized advice on the appropriate dosage and duration of the treatment.
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