Last Updated on January 28, 2023 by admin
आयुर्वेद में चूने के कई प्रयोग बताए गए हैं ,जी हां वही चूना जो आप पान में खाते हैं, कहा जाता है कि उसमें 70 से अधिक बीमारियां ठीक करने की शक्ति है।
चूना के फायदे और उपयोग :
1. सिर का दर्द :
- चूना और नौसादर को बारीक करके शीशी में भरकर उसकी डॉट को लगाकर रख दें। सिर में दर्द होने पर इस शीशी की डॉट को खोलकर मिश्रण को सूंघें और सुंघाने के तुरन्त ही रोगी की नाक के पास से इस शीशी को दूर हटा लें। ऐसा करने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- शुद्ध घी में खाने का चूना मिलाकर सिर पर लेप करने से गर्मी के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
2. सूजन : 10-10 ग्राम चूना और अम्बा हल्दी को मिलाकर गुमचोट पर लगाने से सूजन उतरकर सूख जाती है।
3. आग से जले घाव : 50-50 मिलीलीटर चूने का पानी और नारियल का तेल मिलाकर खूब फेंटे। इसके गाढ़ा होने पर आग से जले स्थान पर इसे लगाने से दर्द और जलन ठीक हो जाती है और घाव भी ठीक हो जाते हैं।
4. गर्भवती स्त्री की उल्टी : चूने के पानी में दूध मिलाकर पीने से गर्भवती स्त्री की बुखार के समय की उल्टी बंद हो जाती है।
5. बवासीर : 10-10 ग्राम चूना, संखिया और तूतिया को एक साथ पीसकर मस्सों पर लगाने से मस्से सूख जाते हैं और बवासीर के रोग में आराम आता है।
6. कान का बहना : चूने के पानी में बराबर मात्रा में दूध मिलाकर कान में डालने से कान में से मवाद बहना बंद हो जाता है।
7. घाव :
- चूने के पानी में साबुन घिसकर लगाने से घाव की गंदगी साफ हो जाती है।
- चूने का पानी तथा नारियल के तेल को बराबर मात्रा में लेकर मिला लें। इसे जले हुए स्थान लगाने से घाव की जलन दूर हो जाती है।
8. गुम चोट पर : कहीं भी चोट लगी हो और सूजन आई हो तो चूने में हल्दी का चूर्ण मिलाकर लगाने से फौरन दर्द ठीक हो जाता है।
9. हड्डी कमजोर होने पर : चूने को पानी में घोलकर छोड़ दें। कम से कम 6 घंटे बाद ऊपर से पानी निकालकर दूसरे बर्तन में या शीशी में डालकर रख दें। इसमें से 10 से 20 मिलीलीटर पानी को रोजाना 3 बार पीने से हड्डी की कमजोरी दूर हो जाती है।
10. अम्लपित्त : 10 मिलीलीटर चूने का साफ पानी रोजाना पीने से अम्लपित्त और बदहजमी दूर होती है।
11. गिल्टी (ट्यूमर) :
- चूना और शहद को एक साथ मिलाकर गिल्टी (टयूमर) पर बांधने से गिल्टी (टयूमर) में आराम मिलता है।
- चूना और अण्डे की सफेदी मिलाकर कपड़े में रखकर गिल्टी (टयूमर) पर बांधने से लाभ मिलता है।
12. टीके से होने वाले दोष : चूने को हल्दी में मिलाकर टीका लगी हुई जगह पर लेप करने से टीके का घाव ठीक हो जाता है।
13. गुल्म (वायु गोला) : 3 ग्राम कलई चूना की छोटी गोली बनाकर गुड़ में रखकर खाने से गैस का गोला खत्म हो जाता है।
14. नकसीर (नाक से खून आना) : रात को सोने से पहले 400 मिलीलीटर पानी के अन्दर 50 ग्राम चूने को डालकर रख दें। सुबह उठकर इस पानी को छान लें। इस छने हुए पानी को लगभग 25 मिलीलीटर तक रोगी को पिलाने से नकसीर (नाक से खून बहना) बन्द हो जाता है।
15. उपदंश (सिफलिस) : लगभग 300 मिलीलीटर चूने के पानी में 1.80 मिलीलीटर कपूर का रस मिलाकर उपन्दश की फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है।
16. पेट में दर्द : 1 गिलास चूने के पानी में 1 चम्मच सोड़ा बाई-कार्ब डालकर पीने से पेट का दर्द शांत हो जाता है।
17. गठिया रोग : हल्दी, चूना और गुड़ का लेप बनाकर लगातार कई दिन तक मालिश करने से कलाई और जोड़ों का दर्द मिट जाता है।
18. फोड़े-फुंसियां :
- तेल या घी में पुराने चूने को मिलाकर लेप करने से फोड़े-फुंसी की सूजन खत्म हो जाती है।
- फोड़ों पर चूने के पानी में भिगा हुआ कपड़ा रखने से फोड़े ठीक हो जाते हैं।
19. दाद : पुराना चूना और तिल्ली के तेल को मिलाकर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
20. सफेद दाग होने पर : 1 चम्मच चूना और 5 ग्राम हरताल को एक साथ पीसकर नींबू के रस में मिलाकर लगभग 2 महीने तक सफेद दागों पर लगाने से लाभ होता है।
21. बच्चों के रोग : लगभग 50 ग्राम चूने की डली को 500 मिलीलीटर पानी में रात को भिगोकर रख दें। सुबह इस पानी को कपड़े से छान लेते हैं। बच्चे की उम्र के अनुसार 1 चम्मच या आधे चम्मच में इस पानी को 4 गुना ताजा पानी मिलाकर पीने से उल्टी, दस्त, खट्टी डकारें, दूध उलटना, उबकाई आदि ठीक हो जाती है।
22. मस्सा और तिल : पान के डण्ठल पर चूना लगाकर मस्से की जड़ पर लगाने से सिर्फ 1 ही हफ्ते में मस्सा बिल्कुल साफ हो जाता है।
23. आग से जलने पर :
- चूने का छना हुआ पानी और उसी के बराबर अलसी का तेल मिलाकर अच्छी तरह साफ कपड़े पर लगा लें। कपड़े को जले हुए भाग पर रखकर बांध दें। इससे जलन कम हो जाती है और जख्म भी ठीक हो जाते हैं।
- चूने के पानी और तिल्ली के तेल को कांसे की थाली में फेंटकर रूई से हर 4-4 घंटे के बाद शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से बहुत ज्यादा जला हुआ व्यक्ति भी ठीक हो जाता है और उसके शरीर में जले हुए के सफेद दाग भी नहीं पड़ते हैं।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
खान-पान की लापरवाही और बद परहेजी से यह पुन्ह हो सकता है
Masa khatam ho jayega bawasir ka dubara toh nhi hoga