Last Updated on August 10, 2023 by admin
डायबिटीज एक आम बीमारी है जिसमें रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। व्रत के दौरान साबूदाना का सेवन आम है। तो क्या डायबिटीज के मरीज भी साबूदाना का सेवन कर सकते हैं? आइए जानते हैं-
साबूदाना क्या है? (sabudana kya hai)
साबूदाना, जिसे सागो या टैपिओका के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का अनाज है जो टैपिओका पौधे के कंद से प्राप्त होता है। यह एक ग्लूटेन फ्री फूड है जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है।
साबूदाना के दाने आकार में छोटे, गोल और सफेद रंग के होते हैं। भारतीय रसोई में साबूदाना का प्रयोग व्यंजन बनाने के लिए व्रत, उपवास या नवरात्रि जैसे त्योहारों पर किया जाता है।
साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होने के कारण यह ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत होता है। इसलिए व्रतकाल में इसका उपयोग आहार में किया जाता है। साबूदाना से खिचड़ी, कढ़ी, पकौड़े आदि बनाए जाते हैं।
साबूदाना के पोषक तत्व (sabudana ke poshak tatva)
पोषक तत्व | फायदे |
कार्बोहाइड्रेट | साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो ऊर्जा प्रदान करता है। |
प्रोटीन | साबूदाना में प्रोटीन कम मात्रा में होता है, लेकिन यह मांसपेशियों के निर्माण में मदद कर सकता है। |
फाइबर | साबूदाना में फाइबर कम मात्रा में पाया जाता है, लेकिन यह पाचन में सुधार लाने में मददगार होता है। |
वसा | साबूदाना में वसा बहुत कम मात्रा में होती है, इसलिए यह कम कैलोरी वाला होता है। |
साबूदाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
साबूदाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफ़ी कम होता है, जो किसी भी खाद्य पदार्थ के रक्त शर्करा पर पड़ने वाले प्रभाव का मापन करता है। साबूदाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 के आसपास होता है।
यह कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स साबूदाना को डायबिटीज रोगियों के लिए उपयुक्त बनाता है। साबूदाना के सेवन से ब्लड शुगर लेवल में तेजी से वृद्धि नहीं होती। यह धीरे-धीरे पचता है और ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करता है।
इसलिए, साबूदाना कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभदायक हो सकता है।
साबूदाना के फायदे (sabudana ke benefits in hindi)
साबूदाना का सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं:
- ब्लड शुगर स्पाइक को रोकता है – साबूदाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने से यह ब्लड शुगर लेवल में अचानक उछाल को रोककर स्थिर ब्लड शुगर बनाए रखने में मदद करता है।
- ऊर्जा प्रदान करता है – साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होती है जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है।
- भूख कम करे – साबूदाना पचने में थोड़ा ज्यादा समय लेता है, इसलिए यह पेट भरा रखकर भूख को कम करने में मदद कर सकता है।
साबूदाना के सेवन से होने वाले नुकसान (sabudana ke side effects in hindi)
साबूदाना का सेवन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है, क्योंकि इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं:
- ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है – साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होती है। अत्यधिक मात्रा में साबूदाना खाने से ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक बढ़ सकता है।
- पोषक तत्वों की कमी – साबूदाना में प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों की कमी होती है। इससे शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता।
- खाली पेट खाने से खतरा – खाली पेट साबूदाना खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है।
- वज़न बढ़ने का ख़तरा – अधिक मात्रा में साबूदाना खाने से कैलोरी अधिक जाती है जिससे वज़न बढ़ सकता है।
इसलिए साबूदाना का सेवन सीमित मात्रा में करें और पौष्टिक आहार के साथ लें।
डायबिटीज में साबूदाना कैसे खाएं (diabetes me sabudana kaise khaye)
डायबिटीज के मरीज भी साबूदाना का सेवन कर सकते हैं बशर्ते कुछ बातों का ध्यान रखें:
- मात्रा कम रखें – साबूदाना की मात्रा कम रखें, जैसे कि एक से दो चम्मच से ज्यादा नहीं। अधिक मात्रा से ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
- प्रोटीन के साथ लें – साबूदाना को प्रोटीन युक्त आहार जैसे दाल, दही, पनीर आदि के साथ लें ताकि ब्लड शुगर नियंत्रित रहे।
- कम शुगर वाले व्यंजन चुनें – साबूदाना टिक्की, साबूदाना खिचड़ी जैसे कम शुगर वाले व्यंजन ही चुनें। मीठी चटनियों से बचें।
- खाली पेट नहीं – कभी भी खाली पेट साबूदाना न खाएँ, हमेशा भोजन के साथ ही लें।
इन बातों का ध्यान रखकर डायबिटीज वाले व्यक्ति भी साबूदाना का सेवन कर सकते हैं।
डायबिटीज में साबूदाना के बेहतर विकल्प
डायबिटीज के मरीजों को साबूदाना के अलावा कुछ अन्य स्वास्थ्यवर्द्धक आहार के विकल्प भी चुनने चाहिए:
- अनाज: ओट्स, बाजरा, ज्वार और जौ जैसे अनाज डायबिटीज वालों के लिए बेहतर विकल्प हैं। ये धीरे-धीरे पचते हैं और ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
- दलहन: मोठ, चना, सोयाबीन जैसी दालों को डाइट में शामिल करें। ये प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती हैं।
- दही व पनीर: दही और पनीर जैसे प्रोटीन स्रोत खाएँ। ये ब्लड शुगर को संतुलित करने में मदद करते हैं।
- नट्स व बीज: अखरोट, बादाम, चिया और तिल जैसे नट्स और बीज खाएँ। ये फाइबर से भरपूर होते हैं।
- सब्जियाँ: हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, गोभी, ब्रोक्कोली आदि डाइट में शामिल करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: क्या डायबिटीज के मरीज साबूदाना खा सकते हैं?
उत्तर – हाँ, डायबिटीज के मरीज साबूदाना का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं। लेकिन डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
प्रश्न: साबूदाना खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है क्या?
उत्तर – साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट होता है इसलिए अधिक मात्रा में सेवन से ब्लड शुगर बढ़ सकता है। लेकिन सीमित मात्रा में और प्रोटीन के साथ लेने पर ब्लड शुगर पर ज्यादा असर नहीं होता।
प्रश्न: क्या डायबिटीज वाले व्यक्ति को साबूदाना पूरी तरह से खाने से परहेज करना चाहिए?
उत्तर – नहीं, डायबिटीज के मरीज को साबूदाना पूरी तरह से खाने से परहेज नहीं करना चाहिए। लेकिन डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जा सकता है।
प्रश्न: डायबिटीज में साबूदाना कितनी मात्रा में खाया जा सकता है?
उत्तर – डायबिटीज के मरीजों को एक समय में 1-2 चम्मच साबूदाना ही खाना चाहिए। अधिक मात्रा नुकसानदायक हो सकती है।
प्रश्न: साबूदाना के बदले डायबिटीज में क्या खाया जा सकता है?
उत्तर – डायबिटीज में साबूदाना के बदले ओट्स, ज्वार, बाजरा, दालें, दही, पनीर आदि खाया जा सकता है।
निष्कर्ष
कुछ सावधानियों के साथ डायबिटीज के मरीज भी साबूदाना का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- साबूदाना की मात्रा एक से दो चम्मच से अधिक नहीं होनी चाहिए। अत्यधिक मात्रा से ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
- साबूदाना को हमेशा प्रोटीन युक्त आहार जैसे दाल, दही आदि के साथ ही लेना चाहिए।
- डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है ताकि वे सही मात्रा और खाने के समय के बारे में सलाह दे सकें।
- ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच करवाते रहें ताकि उस पर नज़र रखी जा सके।
इस प्रकार, सही मात्रा और सही तरीके से साबूदाना का सेवन करने पर डायबिटीज मरीज भी इसके लाभ उठा सकते हैं।