फल स्वादिष्ठ एवं मीठे होने के साथ-साथ विभिन्न खनिज तत्त्वों और विटामिनों से भरपूर होते हैं। सभी फलों के अपने-अपने गुण होते हैं। इनका प्रयोग करके हम अनेक कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं।
रोगोपचार में फलों के फायदे :
अनार :
- अधिक प्यास लगने, जी मिचलाने आदि में अनार के रस में आधा नीबू निचोड़कर पीये।
- अनारदाना, सौंफ, धनिया–तीनों बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना ले, दो ग्राम चूर्णमें एक ग्राम मिश्री मिलाकर दिनमें चार बार सेवन करने से खूनी दस्त, खूनी आँवमें आराम मिलता है।
- अनार के छिलके को उबालकर उसके पानी से घावों को धोने से घाव जल्दी भरता है।
- दाँतोंके मसूड़ोंसे खून आता हो तो अनारके | फूलोंके चूर्णसे मंजन करनेसे आराम मिलता है।
- सूखा अनारदाना पानी में भिगो दें, तीन-चार घंटे बाद इस जलको थोड़ा-थोड़ा मिस्त्री मिलाकर कई बार पिलाने से उलटी, जलन, अधिक प्यास आदि रोग नष्ट होते हैं।
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अमरूद :
- अमरूद को गरम रेत में भूनकर खाने से खाँसी में लाभ मिलता है।
- दन्त-पीड़ा में अमरूद के पत्तों को फिटकरी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से आराम मिलता है।
- अमरूद के पत्तों में पान की तरह कत्था लगाकर खाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।
- अमरूद के छोटे-छोटे टुकड़े कतरकर पानी में डाल दे। कुछ देर बाद उस पानी को छानकर पीने से मधुमेह या बहुमूत्रता से उत्पन्न प्यास दूर होती है।
- अमरूद के पत्तों को पीसकर उसके रस को पीने से उदर में होने वाला दर्द दूर हो जाता है।
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केला :
- टाइफायड बुखार के उतरने के बाद छोटी इलायची के चूर्ण के साथ रोगी को पका केला खिलाने से बुखार से आयी दुर्बलता शीघ्र दूर हो जाती है।
- पेट की जलन में पका केला खाये। मुँह में छाले हो जायँ तो पका केला खाना चाहिये।
- दस्त लगने पर पका केला दही में मथकर खाना चाहिये।
- पीलिया रोग में रोगी को कम-से-कम चार पके केले नित्य खाने चाहिये।
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संतरा :
- संतरे के रस में सोंठ का चूर्ण मिलाकर नियमित पीने से भूख लगती है।
- संतरे के छिलकों को पीसकर नीबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरेका रंग साफ होता है।
- कब्ज, सूखा, दन्त रोग आदि में संतरे का रस लाभदायक है।
- नेत्रों में संतरे का रस काफी फायदा करता है।
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गाजर :
- गाजर पीसकर गरम करे। उसमें हलका सेंधा नमक मिलाकर खाज, खुजली आदि पर लेप करे।
- गठिया में एक गिलास गाजरके रसके साथ एक चम्मच अजमोदा चूर्ण दिनमें तीन बार कुछ दिन लगातार ले।
- गाजर के टुकड़ों को नमक, नीबू, अदरक और पुदीने के साथ दिनमें तीन बार सेवन करनेसे अरुचि नष्ट होकर भूख लगती है।
- आग से जलजाने पर गाजर को पीसकर लेप करने से जलन शीघ्र शान्त हो जाती है।
- मधुमेह रोग में गाजर अमृत है। इसके एक गिलास रस में एक कप करेले का रस मिलाकर या एक गिलास गाजर के रस में आधा कप आँवले का रस मिलाकर दिन में तीन बार लेना चाहिये
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)