Last Updated on February 14, 2023 by admin
गजपीपल क्या है ? :
इसका पेड़ होता है और इस पर फल आते हैं इसके फल को चव्य भी कहते हैं, इस फल के अन्दर जो बीज होता है उसे ही गजपीपल कहा जाता है
गजपीपल के अन्य नाम :
गजपीपल को कार्यवल्ली, कोलवल्ली, तेजसी, चव्यजा, गजोषणा, गत्रपीपल आदि नामों से भी जाना जाता है।
गजपीपल के गुण :
- रंग : यह गहरे लाल रंग का होता है।
- स्वाद : गजपीपल का स्वाद तीखा होता है।
- प्रकृति : गजपीपल की प्रकृति गर्म होती है।
- गजपीपल वात और कफ को नष्ट करती है।
- यह भूख को तेज करती है।
- यह पाचन शक्ति की क्रिया को तेज करती है।
- यह अतिसार (दस्त) में लाभप्रद है।
- यह श्वास रोग (दमा) की उपयोगी औषधि है।
- गले के रोगों ठीक करती है।
- यह पेट के कीड़ों को भी नष्ट करती है।
गजपीपल के फायदे व उपयोग (Gajpipal ke Fayde aur Upyog)
1. खांसी:
- खांसी से पीड़ित रोगी को 7 मिलीग्राम से 21 मिलीग्राम गजपीपल का चूर्ण रोजाना सुबह और शाम को देने से कफ ढीला होकर निकल जाता है तथा खांसी दूर हो जाती है।
- 1 से 2 ग्राम गजपीपल के चूर्ण को 24 से 48 मिलीलीटर शहद के साथ रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से खांसी नष्ट हो जाती है।
2. आमातिसार (आंवयुक्त दस्त) : 7 से 21 मिलीग्राम गजपीपल का चूर्ण सुबह-शाम लेने से आमातिसार ठीक हो जाता है।
3. जुकाम: 3 ग्राम गजपीपल के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से जुकाम ठीक हो जाता है।
4. स्तनों के आकार में वृद्धि: गजपीपल, बच और असगंध को बराबर मात्रा में लेकर तथा इसे भैंस के मक्खन मिलाकर स्तनों पर लेप करने से कुछ ही दिनों में स्तनों को आकार बढ़ने लगता है।
5. पेट में दर्द होना: गजपीपल के चूर्ण का सेवन करने से पेट के दर्द ठीक हो जाता है।
6. बच्चों के दस्त: बच्चों के दस्त को ठीक करने के लिए मंजीठ, धाय के फूल, सिरवाली (सरिवा) और पठानी लोध को मिलाकर काढ़ा बना लें तथा इसे ठण्डा करके इसमें शहद मिलाकर बच्चे को दें, इससे उसे लाभ मिलेगा।
गजपीपल के दुष्प्रभाव (Gajpipal ke Nuksan in Hindi)
इसका अधिक मात्रा में सेवन करना गर्म प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए हानिकारक हो सकता है।
(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)