गुडूची सत्व के दिव्य फायदे – Guduchi Satva ke Fayde

Last Updated on April 10, 2023 by admin

गुडूची सत्व के फायदे (Guduchi Satva Benefits in Hindi)

1. बुखार: गुडूची के बारीक पीसे हुए चूर्ण का काढ़ा लगभग आधा ग्राम से लेकर लगभग 2 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से बुखार ठीक हो जाता है।

2. चतुर्थक ज्वर:

  • गुडूची तना, निम्बछाल और आमलकी के फल को बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में से 14 मिलीलीटर की मात्रा 5 से 10 ग्राम शहद के साथ दिन में 3 बार सेवन करें इससे लाभ मिलेगा।
  • गुडूची का तना, आमलकी फल का मिश्रण, मुस्तक मूल (जड़) और द्राक्षा (मुनक्का) आदि को बराबर मात्रा में लेकर मिला लें। इसमें से 14 से 28 मिलीलीटर की मात्रा खुराक के रूप में सेवन करें इससे लाभ होगा।

3. दस्त: गुडूची का बारीक चूर्ण लगभग आधा ग्राम से लेकर लगभग 1 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चाटने से दस्त की अवस्था में आराम मिलता है।

4. आंव रक्त (पेचिश)- 58 ग्राम गुडूची के रस में मिश्री मिलाकर पीने से पुराना पेचिश रोग ठीक हो जाता है।

5. भोजननली में जलन: गुडूची का बारीक चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग तक सुबह और शाम शहद के साथ सेवन करने से भोजननली की जलन दूर हो जाती है।

6.आमाशय की जलन: गुडूची का बारीक चूर्ण लगभग आधा ग्राम से लगभग 1 ग्राम तक की मात्रा में सुबह और शाम सेवन करने से आमाशय की जलन ठीक हो जाती है।

7. रक्तप्रदर: गुडूची के पत्तों का रस लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग 5-10 ग्राम चीनी के साथ सुबह-शाम पीने से रक्तप्रदर में आराम मिलता है।

8.स्तनों के दूध का विकार: गुडूची का तना, शतावरी की जड़, सारिया की जड़ व पटोल के पत्ते, नीम का बारीक चूर्ण, लाल चंदन की लकड़ी आदि को बराबर मात्रा में लेकर पकाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में 14 मिलीलीटर से लेकर 28 मिलीलीटर की मात्रा सुबह और शाम सेवन करने से स्तनों में दूध से सम्बंधित विकार दूर हो जाते हैं।

9. जोड़ों के दर्द (गठिया रोग) – शुण्ठी तथा गुडूची बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें से 12 से 28 मिलीलीटर की मात्रा 6 ग्राम हरड़ के चूर्ण के साथ दिन में 2 बार लेने से जोड़ों के दर्द (गठिया रोग) ठीक हो जाता है तथा भूख भी अच्छी लगती है।

10. पीलिया: गुडूची तथा दारूहल्दी के पंचांग में शहद मिलाकर सेवन करने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।

11. बच्चों का बुखार: आधे से एक चम्मच गुडूची का रस बच्चे को पिलाने से लाभ मिलता है।

12. खून में पीव आना (प्याइमिया):

  • 7 से 10 मिलीलीटर गुडूची का रस शहद के साथ मिलाकर खाने से खून में पीव का आना बंद हो जाता है।
  • 7 से 10 मिलीलीटर गुडूची कड़वी नीम के रस अथवा इसके चूर्ण के साथ या आंवला के साथ मिलाकर प्रतिदन 2 से 3 बार सेवन करने से खून में पीव का आना बंद हो जाता है।

(अस्वीकरण : ये लेख केवल जानकारी के लिए है । myBapuji किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है । आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।)

Leave a Comment

Share to...