Last Updated on April 13, 2020 by admin
शरीर का कंपन या पार्किन्सन रोग क्या है ? : Hath-pairon ka hilna
हाथ-पैरों के डोलने का रोग वायु के कारण उत्पन्न होने वाला रोग है।इस रोग के होने पर रोगी का पूरा शरीर हिलता रहता है। इस रोग में रोगी का शरीर बाईं से दाईं और दाईं से बाईं ओर लुढ़कता रहता है। रोगी चलने के लिये कदम उठाता है तो अपने पैरों की अंगुलियों को जमीन पर घिसता हुआ चलता है। रोगी को अगर आंख बंद करके चलाया जाता है तो वह 2 कदम भी नहीं चल सकता है।
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हाथ पैर का हिलना रोग का घरेलू उपचार : Hath-pairon ke kapne ka ilaj in hindi
1. ज्योतिष्मती- ज्योतिष्मती (मालकांगनी) के बीजों के काढ़े में 2 से 4 लोंग डालकर 40 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से हाथ-पैरों के डोलने के रोग में लाभ पहुंचता है।
2. सेंधानमक- 10 ग्राम सेंधानमक को 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर घोलकर उस घोल को पैरों के एक स्थान पर डालने से पैरो की मांसपेशियां काफी मजबूत होती है। इससे रोगी को काफी लाभ मिलता है। सेंधानमक रक्तसंचार (बल्डप्रेशर) को बढ़ाकर कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है।
3. अगर- लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग अगर को रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से हाथ-पैरों के डोलने के रोगी को लाभ मिलता है।
4. कुसुम- कुसुम के पंचाग (तना, फूल, पत्ती, जड़ फल) से प्राप्त तेल को सरसों के तेल में मिलाकर हाथ-पैरों पर मालिश करने से हाथ-पैरों के डोलने के रोग में लाभ होता है।
5. पीपल- पहले दिन पीपल को शहद और शर्करा में अच्छी तरह से मिलाकर रोगी को दें। उसके बाद प्रतिदिन 3 पीपलों की मात्रा बढ़ाते जाएं। इस तरह 10 दिन में 30 पीपलों को फेंट लें। इसके बाद ग्यारहवें दिन से 3 पीपल कम करते जायें। अन्तिम दिन 3 पीपलों को फेंट लें। इससे हाथ पैरों का डोलने का रोग ठीक हो जाता है।
6. लहसुन- बायविडंग में लहसुन के रस को पकाकर सेवन करने से हाथ-पैरों के डोलने के रोग में हाथ व पैर का हिलना बंद हो जाता है। लहसुन से प्राप्त तेल रोगी के लिये बहुत उपयोगी होता है।
7. कालीमिर्च- कालीमिर्च से प्राप्त तेल की मालिश रोगी के दोनों पैरों पर दिन में कम से कम 2 बार करने से हाथ-पैरों के डोलने के रोगी को आराम मिलता है।
8. अमलतास- लुढ़ककर चलने वाले रोगी को अमलतास के पत्तों का रस 100 से 200 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है। इसके रस से पैरों की अच्छी तरह से मालिश करने से लाभ होता है।
9. महानींबू – 10 से 20 मिलीलीटर चकोतरा (महानींबू) के पत्तों का रस सुबह-शाम लेने से कंपवात रोग (हाथ-पैरों का कापना) ठीक हो जाता हैं।
10. सोंठ – महारास्नादि क्वाथ में सोंठ का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीने से व नित्य रात्रि में सोने से पहले 2 चम्मच एरण्ड तेल को दूध में मिलाकर सेवन करने से अंगुलियों का कांपना की शिकायत दूर हो जाती है।
11. दूध – लहसुन की तिन से चार कली लेकर उसे दूध में अच्छी तरह से उबाल लें, फिर इसमें 2 चम्मच एरण्ड तेल (Castor Oil) मिलाकर नित्य सोने से पहले सेवन करने से अंगुलियों का कम्पन कम हो जाता है।
12. गाय का घी – गाय का दूध ले उसमे गाय का घी मिला इसे उबाले । फिर इसमें मिश्री व 3 से 6 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीने से अंगुलियों का कांपना दूर हो जाता है।
13. जटामांसी – लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम जटामांसी चूर्ण को प्रतिदिन दो से तीन बार सेवन करने से कंपवात रोग में लाभ मिलता है।
14. कुचला – लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग शुद्ध कुचले का चूर्ण सुबह-शाम लेने से कंपवात रोग (शरीर का कांपना) दूर हो जाता है। रोगी को काफी राहत महसूस होती है।
15. तिल – तिल के तेल में अफीम और आक (मदार) के पत्ते मिलाकर गरम करके मालिश करने से हाथ-पैरों की अंगुलियों की कम्पन दूर हो जाती है।
16. आशाकन्द – लगभग 2 ग्राम आशाकन्द के चूर्ण को गाय के दूध के साथ कुछ दिनों तक नित्य सेवन करने से हाथ-पैरों की अंगुलियों का कम्पन दूर हो जाता है।
17. गोरखमुण्डी – कंपवात रोग (हाथ-पैरों का कांपना) दूर करने के लिए गोरखमुण्डी और लौंग का चूर्ण सेवन करने से रोगी को फायदा मिलता है।
18. भांगरा – 15 से 20 ग्राम भांगरे के बीजों के चूर्ण में 3 ग्राम घी मिलाकर गाय के दूध के साथ पिने से हाथ-पैरों का कांपना दूर हो जाता है।
19. बड़ी हरड़ – हाथ-पैरों की अंगुलियों का कम्पन (कंपवात रोग) दूर करने के लिए बड़ी हरड़ का चूर्ण सेवन से रोगी का रोग ठीक हो जाता है।
(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)