Last Updated on March 25, 2020 by admin
एकाग्रता का महत्व और फायदे
एकाग्रताः परम तप
तपः सु सर्वेषु एकाग्रता परं तपः।
ʹसब तपों में एकाग्रता परम तप है।ʹ
एकाग्रता से सामर्थ्य का भंडार खुलता है। बिखरी हुई सूर्यकिरणों को उन्नतोदर ताल (Convex Lens) द्वारा केन्द्रित किया जाय तो आग पैदा होती है।
आईंस्टीन बचपन में पढ़ने-लिखने व प्रत्येक कार्य करने में बहुत ही पीछे थे। एक दिन उन्होंने अपने अध्यापक से पूछाः “क्या मैं सुयोग्य बन सकता हूँ ?” अध्यापक बोलेः “बेटा ! तत्परता व एकाग्रता से ही जीवन में महान बना जा सकता है।” आईंस्टीन संयम, ध्यान व एकाग्रता के अभ्यास में तत्पर हो गये। इससे उनकी बुद्धि विकसित हुई और वे एक वैज्ञानिक के रूप में विश्वप्रसिद्ध हुए। भारतीय संस्कृति के खजाने का सदुपयोग करके ऐसे बुद्धु विद्यार्थी भी महान बन सकते हैं तो तुम क्यों नहीं ? खोज लो किन्हीं महापुरुष को और तत्पर हो जाओ।
अपनी एकाग्रता के बल से संत ज्ञानेश्वर महाराज ने चबूतरा चला दिया था व भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज ने नीम के पेड़ को चला दिया था। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिनसे एकाग्रता की महिमा का पता चलता है।
एकाग्रता बढ़ाने के सरल उपाय | ekagrata badhane ke upay in hindi
- रूचि एकाग्रता की जननी है। रूचि कैसे पैदा करें ? अपने को कठिन लगने वाले विषय में जिनकी रूचि है और जिन्होंने उसमें उत्तम सफलता भी प्राप्त की है, उनका संग करके ज्ञान व रूचि बढ़ायें।
- ekagrata badhane ke yoga – प्रतिदिन 8-10 प्राणायाम करने चाहिए।
- जो पाठ आज पढ़ाया जाने वाला है उस पर एक नजर डालकर विद्यालय जाओ। इससे जब वह पढ़ाया जायेगा, आप अपने-आप एकाग्र हो जाओगे।
- रोज त्राटक करें – भगवान के श्रीचित्र को एकटक देखें।
- हो सके उतना मौन रखें। शांत मन ही एकाग्र हो सकता है।
- सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके पूर्व की ओर मुख करके बैठ जायें। गहरे श्वास लें व ʹૐʹ का लम्बा उच्चारण करें।
- ekagrata badhane ke liye mantra– सारस्वत्य मंत्र का मानसिक जप-स्मरण करते हुए ध्यान में बैठें, फिर अध्ययन करें।
एकाग्रता ही सफलता की कुंजी है।
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