Last Updated on September 6, 2024 by admin
ककड़ी क्या है ? : What is Kakdi in Hindi
ककड़ी, खीरा की ही एक प्रजाति है जो हरे रंग की और खीरे की अपेक्षा अधिक लम्बी व पतली होती है। ककड़ी को छिलके समेत कच्ची ही खाई जाती है। ककड़ी की बेल (लता) होती है जो खेतों में लगाई जाती है। इसकी खेती लगभग हर मौसम में की जाती है परन्तु गर्मी के मौसम में पैदा होने वाली ककड़ी सबसे अच्छी होती है। ककड़ी आसानी से हजम होती है और पाचनशक्ति को बढ़ाती है।
ककड़ी की तासीर :
कच्ची ककड़ी शीतल होती है और पकी ककड़ी गर्म होती है।
ककड़ी के औषधीय गुण : Kakdi ke Gun in Hindi
- ककड़ी भूख को बढ़ाती है और मन को शांत करती है।
- इसके सेवन से दस्त रोग में लाभ मिलता है।
- यह गर्मी को शांत करती और बेहोशी को दूर करती है।
- पकी ककड़ी का उपयोग करने से गर्मी शांत होती है एवं पाचनशक्ति बढ़ती (अग्निवर्द्धक) है।
- यह पित्त से उत्पन्न दोषों को दूर करती है।
- इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से वातज्वर और कफ पैदा हो सकता है।
ककड़ी खाने के फायदे और उपयोग : Kakdi khane ke Fayde in Hindi
1. पेशाब की जलन:
• ककड़ी और नींबू का रस निकालकर थोड़ा-सा जीरा व चीनी मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।
• ककड़ी को पानी में उबालकर और छानकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है। इसके सेवन से पेशाब में धातु आना भी बंद हो जाता है।
2. मूत्राशय की गर्मी: मूत्राशय की गर्मी को दूर करने के लिए ककड़ी के बीज 10 ग्राम व सुराखार एक ग्राम को आधा लीटर दूध और आधा लीटर पानी में मिलाकर पीना चाहिए। इसके सेवन से मूत्राशय की गर्मी दूर होती है और मूत्र सम्बंधी अन्य रोग भी ठीक होते हैं। यह पेय खड़े-खड़े ही पीना चाहिए और चलते-फिरते रहना चाहिए।
3. पेशाब की पथरी: ककड़ी के बीज को कबूतर के बीट में पीसकर चावल के माण्ड के साथ सेवन करने से मूत्राशय की पथरी गलकर निकल जाती है।
4. गुर्दे के रोग: गुर्दे के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर, ककड़ी व शलगम का रस निकालकर पीना चाहिए। इसका सेवन कुछ दिनों तक करते रहने से गुर्दे सम्बंधी सभी रोग ठीक होते हैं।
5. चेहरे के कील-मुंहासे: चेहरे पर कील-मुंहासे होने पर ककड़ी का रस निकालकर पीना चाहिए। ककड़ी का रस रोजाना पीने से तांबे के रंग के दाग-धब्बे व मुंहासे आदि दूर होते हैं और चेहरा साफ होता है।
6. बाल बढ़ाना: ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होने के कारण यह बालों के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसका सेवन प्रतिदिन करने से बाल काले व लंबे होते हैं। ककड़ी का रस निकालकर उस रस से बालों को धोने से भी बाल काल व घने होते हैं। ककड़ी, गाजर और पालक को मिलाकर जूस बनाकर पीने से बाल बढ़ते हैं। इस प्रयोग से बाल गिरना भी बंद हो जाता है।
7. मूत्राघात: मूत्राघात रोग से पीड़ित रोगी का उपचार करने के लिए ककड़ी के बीज 10 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को पीसकर कांजी मिलाकर पीना चाहिए। इससे मूत्राघात रोग समाप्त होता है।
8. आंखों के नीचे काला घेरा: आंखों के नीचे काला घेरा शरीर में खून की कमी या ज्यादा तनाव के कारण होता हैं। ऐसे में खीरे और ककड़ी के दो टुकड़े आंखों पर रखकर लेटने से आंखों को ठंडक मिलती है और काला घेरा मिटता है।
9. खांसी: खांसी रोगी से पीड़ित रोगी को ककड़ी के पत्ते को जलाकर इसका राख 3 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम गुड़ के साथ सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से खांसी दूर होती है और गले में अटका हुआ कफ निकल जाता है। इससे श्वासनली की रुकावट दूर होती है।
10. जिगर की खराबी: ककड़ी, खीरे के बीज एवं कासनी के बीजों को 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ पीस लें और चीनी (खाण्ड) मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। प्रतिदिन इसका सेवन करने से कुछ दिनों में ही जिगर की खराबी ठीक हो जाती है। (इसे भी पढ़े : खीरा खाने के 19 जबरदस्त फायदे )
11. उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर): उच्च रक्तचाप के रोग से पीड़ित रोगी को गर्मी के मौसम में ककड़ी का रस निकालकर 2 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन पीना चाहिए।
12. चेहरे की सुन्दरता:
- रोजाना ककड़ी का रस पीने से त्वचा का रंग साफ होता है और चेहरे के दाग-धब्बे दूर होते हैं। यह रस चेहरे के मुंहासे को भी दूर करता है। चेहरे पर ककड़ी को रगड़कर पानी से धो लेने से चेहरे की त्वचा की चिकनाई (तैलीय त्वचा) साफ हो जाती है और चेहरा मुलायम होता है।
- चेहरे की चमक बढ़ाने के लिए एक बड़ा चम्मच ककड़ी का रस निकालकर इसमें 5 बूंद नींबू का रस व चुटकी भर पिसी हुई हल्दी को मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह लगाएं। आधे घंटे के बाद चेहरे को धोकर तौलिये से रगड़कर पोंछ लें। इससे चेहरे की रौनक बढ़ती है।
13. शराब का नशा उतारना : शराब के नशे में दुत व्यक्ति को ककड़ी खिलाने से नशा उतर जाता है।
14. पायरिया : पायरिया रोग से पीड़ित रोगी को ककड़ी खाना चाहिए और इसका रस पीना चाहिए। इसका सेवन लगातर कुछ दिनों तक करते रहने से पायरिया रोग ठीक होता है।
15. चिकनी त्वचा : यदि चेहरे की त्वचा चिकनी (आयली स्किन) हो तो कच्ची ककड़ी का रस निकालकर पीना चाहिए। इसके सेवन से त्वचा चिकनी होती है। इसका प्रयोग उच्च रक्तचाप के लिए भी लाभकारी है।
16. सफेद प्रदर: ककड़ी के बीज 10 ग्राम और सफेद कमल की कलियां 10 ग्राम इन दोनों को पीस लें और इसमें जीरा व चीनी मिलाकर 1 सप्ताह तक सेवन करने से स्त्रियों का श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) रोग मिटता है।
ककड़ी खाने के दुष्प्रभाव : kakdi khane ke nuksan
ककड़ी अधिक मात्रा में सेवन करने से गैस पैदा हो सकती है।
दोषों को दूर करने का उपाय : ककड़ी में नमक व अजवायन मिलाकर उपयोग करने से ककड़ी में मौजूद दोष दूर होते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।