खजूर के 14 स्वास्थ्य लाभ : Benefits of Dates in Hindi

Last Updated on December 18, 2023 by admin

खजूर में विटामिन ए, बी, सी तथा फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, लोहा, पोटेशियम, कैल्शियम, प्रोटीन पाया जाता है। खजूर में विद्यमान पोटेशियम हानिकारक कोलेस्ट्राल (एल. डी. एल.) को घटाता है। इस दृष्टि से खजूर उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगी के लिए लाभप्रद होता है। लौहतत्त्व सहित खनिज लवणों का भंडार होने के कारण एनीमिया (खून की कमी) के रोग से बचाता है। नाड़ीतंत्र की निर्बलता के कारण कब्ज आज की एक बड़ी व्याधि बन गई है। जो नित्य खजूर का सेवन करते हैं, उन्हें कब्ज से मुक्ति मिलती है। इसका फाइबर अपच और कब्ज दोनों को मिटाता है।

खजूर के पेड़ देखने में नारियल के पेड़ की ही तरह नजर आते हैं। खजूर को हिंदी में खजूर, छुहारा, खुर्मा, खारिक तथा पिंड खजूर के नाम से जाना जाता है। मराठी में इसे खारिक एवं पिंड खजूर तथा गुजराती में इसे खारेक कहा जाता है।

सेहतमंद गुणों से भरपूर खजूर (Khajoor ke Gun in Hindi)

खजूर के गुण निम्नलिखित है –

  • खजूर पौष्टिक एवं शक्तिवर्धक होता है।
  • यह गर्भावस्था में यह अनेक परेशानियों से बचाता है।
  • यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी बेहद लाभदायक होता है।
  • खजूर शिशु का स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है।
  • यह शिशु की इम्युनिटी पावर (जीवनशक्ति) बढ़ाता है।
  • खजूर का सेवन लिवर और मांसपेशियों की शक्ति बढाता है।
  • इसके सेवन से अनिद्रा रोग दूर होता है।
  • खजूर पाचन से संबंधित लाभदायक बैक्टीरिया को बढ़ाता है, जिससे पाचनतंत्र सुदृढ़ होता है।
  • खजूर दाँत-मसूढ़ों के सूजन, दर्द आदि को दूर करता है।
  • इसके सेवन से शारीरिक एवं मानसिक थकान दूर होती है।
  • विटामिन ‘ए’ की कमी से होने वाले रोग जैसे रतौंधी आदि के लिए खजूर लाभप्रद होता है।
  • संधिवात, गठिया, आस्टियोपोरोसिस (अस्थिभंगुरता) के रोगी को चीनी बंद करा दें तथा चीनी के विकल्प के रूप में खजूर का पर्याप्त सेवन कराने से अस्थियाँ मजबूत होती हैं।
  • खजूर रक्तक्षारीय होने से अनेक रोगों से बचाव होता है।
  • आयुर्वेदिक मतानुसार खजूर लकवा, फेफड़ों के रोग, टी. बी., खाँसी आदि में लाभदायक है।
  • यह पौष्टिक, वातपित्तनाशक, शीतवीर्य, नाड़ीतंत्र के लिए बलकारक, हृदय के लिए हितकारक, कफ निस्सारक, मस्तिष्क की दुर्बलता तथा खून की कमी मिटाता है।
  • खजूर का सेवन साइटिका, मूत्रकृच्छ, दस्त, उल्टी, ज्वर आदि रोगों में लाभदायक है।
  • यह वातविकार नाशक, कफ निवारक, शरीर में होने वाली जलन मिटाता है।
  • खजूर का सेवन कमरदर्द, संधिवात, श्वेतप्रदर, अतिसार (दस्त) में लाभदायक होता है।
  • यह श्वास, दमा, एलर्जी, सर्दी-जुकाम तथा तृषा मिटाता है।
  • यह रूचिकारक और रक्तपित्तनाशक होता है।

नोट – शर्करायुक्त होने से मधुमेह के रोगी खजूर से परहेज रखें।

बलवर्धक खजूर के स्वास्थ्य लाभ और उपयोग (Khajoor Khane ke Labh aur Upyog in Hindi)

खजूर के लाभ निम्नलिखित है –

1). धातुपुष्टि हेतु – नित्य 5 से 7 खजूर की गुठली हटाकर खजूर को घी में सेंककर खाना चाहिए तथा दूध में इलायची तथा मिश्री स्वादानुसार मिलाकर दूध उबालकर पीना चाहिए।

2). चोट से खून बहने पर – चोट लगने से खून बहने पर खून की कमी दूर करने के लिए नित्य एक गिलास दूध में 8 से 10 खजूर डालकर उबालें तथा 5 ग्राम घी तथा 1 ग्राम हल्दी डालकर पीने से खून की क्षतिपूर्ति होने लगती है।

3). कफ सुखने पर – 7 से 8 खजूर खाने के बाद पाँच चूँट गरम पानी पीने से कफ पतला होकर निकलने लगता हैं।

4). वजन बढ़ाने के लिएखजूर की गुठली हटाकर खजूर को घृत में सेंककर दोपहर के भोजन में चावल के भात के साथ खिलाने से वजन बढ़ाता है।

5). रक्तपित्त – 3 से 4 खजूर के साथ 5 ग्राम शहद मिलाकर खाने से रक्तपित्त मिटता है।

6). जीर्ण ज्वर में – खजूर 4 से 5 तथा सोंठ 1 ग्राम, मुनक्का 8 से 10 नग, 5 ग्राम घी सहित एक गिलास दूध में उबालकर पीने से जीर्ण ज्वर दूर होता है।

7). हिस्टीरिया – हिस्टीरिया रोग से ग्रसित स्त्री को नियमित खजूर का सेवन कराने से लाभ होता है।

8). अतिसार (दस्त) – 4 से 5 खजूर खाकर एक घंटा बाद पानी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार पीएँ। ढाई-ढाई घंटे बाद उपरोक्तानुसार खजूर खाकर एक घंटा बाद पानी पीएँ। इससे मलबँधने लगता है।

9). सूखी खाँसी में – खजूर 4 से 5 ग्राम 1 गिलास दूध में 3 ग्राम शतावरी तथा स्वादानुसार मिश्री मिलाकर उबालकर नित्य पीने से लाभ होता है।

10). कमरदर्द दूध में 8 से 10 खजूर उबालकर पीएँ। अंकुरित मेथी 20 ग्राम चबा-चबाकर खाएँ।

11). कब्ज 5 से 6 खजूर एवं 4 से 5 मुनक्का तथा एक अंजीर दूध में उबालकर पीने से लाभ होता है।

12). शराब का नशा उतारने के लिए – नशे का दुष्प्रभाव मिटाने के लिए 7 से 8 खजूर पानी में भिगोकर मसल-छानकर पिलाने से शराब का नशा उतरता है।

13). यकृत वृद्धि – शाम को 8 से 10 खजूर एक गिलास पानी में भिगोकर 10 घंटे तक रखें, प्रातः मसल-छानकर, थोड़ा शहद मिलाकर पीने से यकृत (Liver) एवं तिल्ली (Spleen) की वृद्धि रूकती है तथा जलन मिटती है। कब्ज भी दूर होता है।

14). शारीरिक दुर्बलता – 4 से 5 खजूर एक गिलास दूध में उबालकर पीने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है। श्वास, दमा, खाँसी, एलर्जी – नित्य प्रातः 7-8 खजूर खाकर गरम पानी पीने से लाभ होता है।

खजूर की गुठली के फायदे और उपयोग (Khajur ki Guthli ke Fayde in Hindi)

  1. दुष्ट व्रणों (खराब घाव) – खजूर की गुठलियों को जलाकर उसकी भस्म पीसकर दुष्ट व्रणों पर बुरकने से लाभ होता है।
  2. सिरदर्द – खजूर के बीजों को पत्थर पर घिसकर मस्तक पर लेप करने से सिरदर्द में लाभ होता है।

खजूर प्रकृति का दिया गया विशिष्ट वरदान है, जो कम मूल्य में बहुमूल्य स्वास्थ्य प्रदान करता है। उपरोक्त प्रयोगों को आजमा कर तथा खजूर का भरपूर लाभ उठाएँ।

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