Last Updated on October 24, 2019 by admin
कील मुँहासे क्या है ? : Pimples in Hindi
मुँहासे, कदाचित् सब से ज्यादा सामान्य त्वचारोग है, जो दीर्घकालीन होता है। चेहरे और गले पर या छाती और कंधों पर आम तौर पर पाई जानेवाली वसा ग्रंथियों (सिबेशस) एवं रोमकूप के फूलने से मुँहासे होते हैं। 12 से 24 वर्ष की उम्र के दस में से लगभग आठ लोगों को किसी न किसी रूप में मुँहासों की तकलीफ़ होती है। तरूणावस्था में होर्मोन्स में होनेवाले परिवर्तनों से मुहासों का गहरा संबंध है। 20 से 30 वर्ष की आयु तक मुँहासों के अधिकतर मरीज़ ठीक हो जाते हैं। फिर भी, 30 वर्ष से अधिक उम्र के पुरूषों में यह बीमारी तब भी सामान्यत: रहती है।
स्त्रियों में 30 से अधिक उम्र के बाद शायद ही मुँहासे होते हों, पर आम तौर पर, प्रत्येक रजोधर्म से पहले मुँहासे बढ़ जाते हैं।
मुँहासे की बीमारी से व्यक्ति उस उम्र में बहुत लज्जित महसूस करता है, जब वह अपने बाह्य सौंदर्य के प्रति संवेदनशील होता है।
कील मुँहासे क्यों होते है ? : Pimples : Why do they happen?
हमारे संपूर्ण शरीर को आवृत्त करनेवाली त्वचा का व्यवस्थातंत्र आश्चर्यजनक और जटिल है। त्वचा तीन प्रमुख कार्य करती है – शरीर के अंदरूनी अवयवों की रक्षा, शरीर के तापमान को नियमित रखना और शारीरिक प्रक्रियाओं के दौरान पैदा हुए मल एवं कोषों के कचरे को बाहर निकाल फेंकना। शरीर के संपूर्ण व्यवस्थातंत्र से त्वचा के घनिष्ठ रूप से जुड़े होने के कारण उसके कार्य से भी त्वचा का प्रत्यक्ष संबंध है। त्वचा के सभी रोग, मुँहासे भी शरीर का अपने आप में ठीक से काम न कर पाने की स्थिति से पैदा होते हैं।
कील मुंहासे होने के कारण :
✦ सभी तरह के मुँहासों के होने का कारण आहार की गलत आदतें हैं; जैसे कि भोजन के समय में अनियमितता, अयोग्य खाद्यपदार्थ, स्टार्च, शर्करा और फेटी खाद्यपदार्थों का अत्यधिक परिमाण।
✦ लंबे समय तक कब्ज़ का रहना भी मुँहासों का एक और प्रमुख कारण हैं।
✦ यदि आँतें ठीक से काम न करें, तो मल पदार्थ इतना जल्दी बाहर नहीं निकलता, जितना जल्दी निकलना चाहिए और फिर रक्तप्रवाह ज़हरीले द्रव्यों से भर जाता है। जमा हुए इन मल पदार्थों को बाहर निकालने के लिये त्वचा के अतिरिक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप ही मुँहासे और त्वचा की अन्य बीमारियाँ होती हैं।
✦ अस्वच्छ रहने की आदतों के कारण त्वचा का तेजहीन होना भी मुँहासों का एक और मुख्य कारण है।
✦ अन्य कारणों में हैं – चाय, कॉफ़ी, शराब, तम्बाकू का अत्यधिक मात्रा में सेवन तथा अत्यंत कठिन अध्ययन और स्थानबद्ध (सेडेन्टरी) जीवन की आदतों से अपचन और सामान्य कमज़ोरी।
कील मुँहासे की पहचान एवं लक्षण क्या है ? :
☛ काले मस्से (ब्लैक हेड्स), कील, छोटी छोटी सतही वसामय फुंसियाँ और दाग-धब्बे मुँहासों की निशानी हैं।
☛ मुँहासों के छ: से अधिक अलग अलग रूप हैं। सभी का संबंध वसामय ग्रंथियाँ या रोमकूपों की ग्रंथियों से है।
☛ मुंहासों का सब से अधिक सामान्य स्वरूप है – काला मस्सा यानि कि ब्लॅकहेड्स।
☛ मुख्य रूप से माथे पर, कनपट्टियों पर, गाल, ठुड्डी, छाती और पीठ पर मुँहासे होते हैं। अपवादस्वरूप, कभी कभी काले मस्से से लगभग पूरे शरीर पर बहुत दागधब्बे हो जाते हैं।
आहार द्वारा कील मुँहासे हटाने के उपाय :
मुँहासों पर मरहम या लेप लगाने से कोई फायदा नहीं होता। इससे वसामय ग्रंथियों की
क्रियाएँ मात्र तात्कालिक रूप से दब जाती हैं। प्राकृतिक चिकित्सा में प्रमुख रूप से आहार और कुछ जल प्रयोगों पर जोर दिया गया है।
✸ चिकित्सा की शुरूआत में, मरीज़ को लगभग एक सप्ताह तक सिर्फ फलों का सेवन करना चाहिए। इस दौरान, दिन में तीन बार ताज़े, रसीले फल; जैसे सेब, नाशपत्ती, अंगुर, बड़ा नींब, अनन्नास और आड़ लेने चाहिए।
✸ खट्टे फल, केले, सूखाये गये, सिझाये गये या डिब्बेबंद फल नहीं खाने चाहिए।
✸ बिना चीनी का नींबू पानी अथवा गर्म या ठंडा सादा पानी पीना चाहिए। इसके अलावा कुछ भी नहीं लेना चाहिए।
✸ इस दौरान, हल्के गर्म पानी से रोज एनिमा का प्रयोग करना चाहिए ताकि आँतें साफ़ हों ओर कब्ज़ को दूर करने के अन्य सभी उपाय करने चाहिए।
✸ एक सप्ताह तक सिर्फ फलाहार करने के बाद मरीज़ को क्रमिक रूप से सुसंतुलित आहार लेना शुरू करना चाहिए, जिसमें आल्कलाइन आहार ज्यादा हो।
✸ कच्चे खाद्यपदार्थ खास तौर पर फल और सब्जियाँ, अंकुरित बीज़, कच्चे सूखे मेवे और अनाज़ के दानों के सिरिअल्स, विशेष रूपसे बाज़री और ब्राउन राइस। बाद में, तीन दिनों के लिये हर महीने सिर्फ फलाहार करें, जब तक त्वचा की स्थिति ठीक न हो जाय।
✸ मुँहासों को ठीक करने के लिये आहार की ओर बहुत ध्यान देना ज़रूरी है। स्टार्चवाले, प्रोटीन और वसादार (फेटी) खाद्यपदार्थ नहीं खाने चाहिए।
✸ मांस, चीनी, कड़क चाय, कॉफ़ी, मसाले, अचार, रिफ़ाइन्ड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ नहीं लेने चाहिए।
✸ उसी तरह सोफ्ट पेय, केन्डीस, आइसक्रीम तथा चीनी और मेदे से बने खाद्यपदार्थ नहीं लेने चाहिए।
✸ नाइओसिन और विटामिन E मुँहासों को ठीक करने के लिये सफलतापूर्वक आजमाये गये हैं।
✸ विटामिन थेरेपी में नाइओसिन 100 मिलिग्राम तीन बार रोज़ाना और विटामिन E की बड़ी मात्रा अर्थात् 50,000 ईकाइयाँ रोज़ाना लेनी चाहिए परंतु यह थेरेपी एक महीने से ज्यादा समय तक नहीं लेनी चाहिए। विटामिन E भी मुँहासों के दागधब्बों को रोकने एवं पुराने दागधब्बों को मिटाने में बहुत महत्त्वपूर्ण है।
✸ स्थानीय उपचार के लिये हल्के गर्म कपड़े से छिद्रों को खोलकर, उनका मवाद बाहर निकाल देना चाहिए। उसके बाद छिद्रों को ठंडे पानी से साफ़ कर लेना चाहिए।
✸ सूर्यस्नान एवं वायुस्नान, अर्थात् संपूर्ण शरीर को सूर्य की किरणों में और वायु में अनावृत्त करने से काफ़ी फ़ायदा होता है।
✸ मुँहासों वाली जगह को नींबू के रस से साफ़ करने से भी बहुत मदद मिलती है।
✸ कद्दकस ककड़ी, दूध में पकाया गया जई का आटा, और पकाये गये गाजर से बने स्वास्थ्यवर्धक पैक को त्वचा पर बाह्य रूप से लगाने पर भी फ़ायदा होता है। इस पैक को आधे घंटे तक लगाये रखना चाहिए। उसके बाद, ठंडे पानी से धो देना चाहिए।
✸ ऍप्सम सोल्ट का गर्म स्नान सप्ताह में दो बार करने से भी हर तरह के मुँहासों में फायदा होता है। इस स्नान के लिये तीन पाउन्ड(1360 gram) ऍप्सम सोल्ट साठ लिटर पानी, जिसका तापमान लगभग 100° फे. हो, में मिलाया जाता है। मरीज़ को लगभग 25 से 35 मिनट तक, बहुत पसीना आने तक यह स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद मरीज़ को क्रमिक रूप से सामान्य तापमान की स्थिति में आना चाहिए।
पथ्य द्वारा कील मुँहासे हटाने के उपाय :
- पाँच दिनों के लिये सिर्फ ताजे रसदार फल खायें। प्रतिदिन तीन बार, पाँच घंटों के अंतराल पर फलाहार करें और इन पाँच दिनों के दौरान प्रतिदिन गर्म पानी से एनिमा लें।
- उसके बाद, निम्नलिखित पथ्य का पालन करें :
• प्रात:काल उठने पर : आधे नींबू का ताज़ा रस और एक टी-स्पून शहद मिलाकर एक ग्लास हल्का गर्म पानी पीयें।
• सुबह का नाश्ता : ताजे फल जैसे सेब, संतरा, अंगूर, पपीता, आम, एक कप ताज़ा दूध, जिसमें शहद मिलाया गया हो अथवा छाछ।
• दोपहर का भोजन : एक कटोराभर भाप देकर पकाई गई सब्जियाँ, गेहूँ की रोटियाँ मक्खन के साथ और एक ग्लास छाछ।
• शाम का नाश्ता : एक ग्लास फल या सब्जी का ताज़ा रस अथवा गन्ने का ताज़ा रस।
• रात का भोजन : एक कटोरा ताज़ी, हरी सब्जियों का सलाद जिस पर नींबू का रस निचोड़ा गया हो, अंकुरित बीज़ और घर का बना ताज़ा पनीर या एक ग्लास छाछ।
• नियंत्रण में रखें : स्टार्चवाले. वसादार और प्रोटीनयुक्त खाद्यपदार्थ तथा नमक की मात्रा।
नोट :
- त्वचा की स्थिति सुधरने तक हर महीने तीन दिनों के लिये सिर्फ ताजे रसदार फलों का आहार लें।
- विटामिन A से भरपूर खाद्य पदार्थ ज्यादा खायें।
कील मुँहासे हटाने के अन्य उपाय :
- छिद्रों को खोलने के लिये गर्म कपड़े से सेंक लें और मवाद को बाहर निकाल दें।
- संपूर्ण शरीर को सूर्यस्नान एवं वायुनान दें।
- सप्ताह में दो बार रात में गर्म ऍप्सम सोल्ट स्नान लें।