Last Updated on August 23, 2022 by admin
महामंजिष्ठादि क्वाथ (काढ़ा) क्या है ? mahamanjisthadi kwath in hindi
महामंजिष्ठादि क्वाथ (काढ़ा) बहुत ही प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा है। इसका मुख्य रूप से त्वचा रोग, मुँहासे, रक्त शुद्धि, गठिया, स्फीलीस के उपचार में उपयोग किया जाता है। ग़लत खान-पान और गन्दे रहन-सहन के कारण कुछ रोग उत्पन्न होते हैं, रक्त दूषित होता है, शरीर की त्वचा मलिन होती है, त्वचा पर फोड़े-फुसी एवं खुजली आदि रोग होते हैं जो लम्बे समय तक ठीक नहीं होते और रोगी दुःखी होता रहता है। इन सभी व्याधियों की चिकित्सा में उपयोगी और लाभकारी सिद्ध होने वाला एक आयुर्वेदिक योग ‘महामंजिष्ठादि क्वाथ’ का परिचय यहां प्रस्तुत किया जा रहा है।
महामंजिष्ठादि क्वाथ (काढ़ा) के घटक द्रव्य : mahamanjisthadi kwath ingredients in hindi
मंजीठ, नागरमोथा, कूड़े की छाल, गिलोय, कूठ, सोंठ, भारंगी, कटेली पंचांग, बच, नीम की अन्तर छाल, हल्दी, दारुहल्दी, हरड़, बहेड़ा, आंवला, पटोल पत्र, कुटकी, मूर्वा, वायविडंग, विजयसार, चित्रक मूल, शतावर, त्रायमाण, पीपल, इन्द्रजौ, असे के पत्ते, भांगरा, देवदार, पाठा, खैरछाल, लाल चन्दन, निसोत, बरने की छाल, चिरायता, बावची, अमलतास का गूदा, सहाड़े की छाल, बकायन की छाल, करंज की छाल, अतीस, नेत्रबाला, इन्द्रायण की जड़, धमासा, अनन्तमूल और पित्त पापड़ा- सभी समान वज़न में।
महामंजिष्ठादि क्वाथ (काढ़ा) बनाने की विधि : preparation method of mahamanjisthadi kwath
प्रत्येक द्रव्य समान वज़न में लेकर जौ कूट (मोटा मोटा) कर मिला लें। इसे प्रवाही (तरल) बनाने के लिए 16 लिटर जल में डाल कर उबालें। जब पानी 4 लिटर बचे तब इसमें डेढ़ किलो गुड़ और सवा सौ ग्राम धाय के फूल डाल कर आसवसन्धान विधि से एक माह तक रखें। एक माह बाद छान कर बोतलों में भर लें।
उपलब्धता : यह योग इसी नाम से बना बनाया बाज़ार में मिलता है।
सेवन की मात्रा और अनुपान : mahamanjisthadi kwath dosage
- इसे सूखे रूप में रख कर घर पर बना कर भी सेवन किया जा सकता है। 2 कप पानी में एक बड़ा चम्मच सूखा काढ़ा डाल कर उबालें। जब पानी आधा कप बचे तब इसे छान कर पी लें। सुबह और शाम को, दोनों वक्त, ताज़ा काढ़ा तैयार कर पीना चाहिए।
- प्रवाही (तरल) काढ़े को 2-2 चम्मच सुबह-शाम आधा कप पानी में मिला कर पीना चाहिए।
महामंजिष्ठादि क्वाथ (काढ़ा) के फायदे ,गुण और उपयोग : mahamanjisthadi kwath ke fayde in hindi
mahamanjisthadi kwath ke labh in hindi
1. रक्त दोष दूर करने में महामंजिष्ठादि क्वाथ के फायदे : यह क्वाथ त्वचा और रक्त विकारों को दूर करके त्वचा को स्वस्थ, कान्तिपूर्ण बनाने तथा रक्त को शुद्ध कर रक्त प्रधान रोगों को नष्ट करने वाला उत्तम और निरापद योग है। ( और पढ़े –खून की खराबी का 12 घरेलू इलाज )
2. कुष्ठ रोग में महामंजिष्ठादि क्वाथ के फायदे : कुष्ठ जैसे जटिल त्वचा रोग में इसके साथ रस माणिक्य का भी सेवन कराया जाता है। ( और पढ़े –कुष्ठ (कोढ़) रोग का 17 घरेलू इलाज )
3. वजन घटाने में महामंजिष्ठादि क्वाथ के फायदे : इसके अतिरिक्त महायोगराज गुग्गुलु की 2 गोली इस काढ़े के साथ सुबह-शाम लेने से मोटापा दूर होता है। ( और पढ़े – मोटापा कम करने के 7 सबसे असरकारक उपाय)
4. यह योग उत्तम रक्तशोधक, सारक, कीटाणुनाशक, विषहर है तथा उपदंश, शलीपद, अंग शून्यता, अर्दित, पक्षाघात आदि रोगों की चिकित्सा में अच्छा लाभ करता है।
5. इसका सेवन स्त्री या पुरुष, किसी भी ऋतु में कर सकते हैं हालाकि ग्रीष्म ऋतु में इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए तथा धूम्रपान, गरम चाय, शराब आदि का परहेज रखना चाहिए।
महामंजिष्ठादि क्वाथ (काढ़ा) के नुकसान : mahamanjisthadi kwath ke nuksan in hindi
- इस दवा के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं फिर भी इसे आजमाने से पहले अपने चिकित्सक या सम्बंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से राय अवश्य ले ।
- महामंजिष्ठादि क्वाथ की डॉक्टर की सलाह के अनुसार सटीक खुराक समय की सीमित अवधि के लिए लें।
(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
डॉक्टर इसे खाने के बाद लेने की सलाह देते हैं
सुबह खाली पेट ….शाम को भोजन से २ से ३ घंटे पहले लीजिए
Bhojan ke pehle Lena Chahiye ya baad me ye khadha